
8th Day of Navratri Maa Mahagauri: शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी को समर्पित होता है। महागौरी का अर्थ होता है अत्यंत श्वेत उज्जवल और निर्मल। देवी का यह स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य और करुणामयी होता है। मान्यता के अनुसार कठोर तपस्या करने के कारण पार्वती जी का स्वरूप काला पड़ गया था, तब भगवान शिव ने उन्हें गंगाजल से स्नान करवा कर उनके स्वरूप को उज्ज्वल और गौरववर्णी बना दिया तब से पार्वती जी महागौरी के नाम से विख्यात हुई।
नवरात्रि के आठवें दिन यानी दुर्गा अष्टमी का अत्यंत महत्व होता है। इस दिन महागौरी की पूजा करने से धन संपत्ति सुख समृद्धि प्राप्त होती है। महागौरी का वर्ण गौर है। वह बैल पर सवार होती हैं, इसलिए उन्हे वृषरूढा भी कहा जाता है और उनकी चार भुजाएं होती हैं। उनके हाथों में अभयमुद्रा, वरमुद्रा त्रिशूल व डमरू होता है।
अष्टमी के दिन महागौरी की साधना करने से साधक को मानसिक शांति, जीवन में स्थिरता, और सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इनकी पूजा अर्चना से कार्यों में आने वाली सारी बधाएं दूर होती है और सभी बिगड़े काम बन जाते हैं।
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2025 में अष्टमी तिथि पूजा मुहूर्त
2025 में अष्टमी का दिन 30 सितंबर मंगलवार को है, अष्टमी तिथि का प्रारंभ 29 सितंबर को रात 10:57 से होगा और समाप्ति 29 सितंबर को रात में 8:57 मिनट में होगी। पूजा का श्रेष्ठ समय प्रातः काल का माना गया है। इसलिए पूजा का ब्रह्म मुहूर्त 04:37 से रात 05:25 तक का रहेगा। इस महुर्त मे पूजा करने से साधक के जीवन में आने वाली सारी परेशानीयां दूर होती हैं और उन्हें हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
अष्टमी तिथि का शुभ रंग(Day 8 Navratri Colour)
मां महागौरी को पीकॉक ग्रीन यानी मोरहरा रंग अत्यंत प्रिय होता है। यह रंग विशेषता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यह रंग हमारी आभा को चमक चमकदार बनाता है और हमारे आज्ञा चक्र को सक्रिय करता है। साथ ही यह हमारी रचनात्मकता को भी बढ़ाता है।
मां महागौरी का प्रिय भोग
मां महागौरी को सफेद मिठाइयां विशेष रूप से प्रिय होती है अष्टमी तिथि के दिन नारियल से बनी मिठाई, खीर, पंजीरी, मिश्री और दूध से बने पकवान मां को भोग लगाने से मां अत्यंत प्रसन्न होती है और भक्तो को आशीर्वाद देती है। इस प्रकार का भोग लगाने से परिवार में सुख समृद्धि शांति और सकारात्मक आती है।
अष्टमी के रात्रि साधना का महत्व
इस दिन रात्रि साधना में साधक को विशेष रूप से श्वेत(सफेद) वस्त्र धारण करने चाहिए। सफेद आसन पर बैठ कर सफेद वस्त्र पहनकर घी का दीपक जलाकर साधक को ॐ देवी महागोर्य नमः का 108 बार जाप करना चाहिए। इस से साधक के जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान होता है। यदि किसी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में समस्या हो, उन्हे मां गौरी की आराधना अवश्य करनी चाहिए। महागौरी की पूजा से असंभव काम भी संभव हो जाते हैं। इनकी पूजा से साधक को अलौकिक शक्तियां प्राप्त होती है। इसलिए मां गौरी को सुख समृद्धि और शांति प्रदान करने वाली देवी भी कहा जाता है।
अष्टमी पर माता को प्रसन्न करने के उपाय
- इस दिन सुबह स्नान कर के सफेद या गुलाबी वस्त्र धारण करने चाहिए।
- मां को सफेद वस्त्र अर्पण करना चाहिए मां को खीर, नारियल, मिश्री ,पूरी– हलवे का भोग चढ़ाए।
- अष्टमी के दिन कन्याओं को भोजन करवाना चाहिए और उन्हें उपहार देना चाहिए।
- इस दिन गाय की सेवा करनी चाहिए गाय को गुड रोटी खिलाने से मां की कृपा प्राप्त होती है।
- अष्टमी के दिन जरूरतमंदों को फल ,मिठाई, खीर का दान करना चाहिए।
- अष्टमी के दिन हवन अवश्य करना चाहिए इस प्रकार से साधक मां को प्रसन्न कर के अपने जीवन की सभी परेशानियों को दूर कर सकता है।
इस प्रकार नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की उपासना करने से उपासक को शुद्धता मानसिक शांति व दापत्य जीवन का सुख प्राप्त होता है।
FAQ- 8th Day of Navratri Maa Mahagauri
अष्टमी इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
अष्टमी माता रानी की विजय का प्रतीक है इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था इसलिए इस दिन का महत्व बहुत अधिक माना जाता है।