
Ahoi Ashtami Ke Upay: अहोई अष्टमी हिंदू धर्म का एक ऐसा त्यौहार है जो माताएँ अपने बच्चों के लिए रखती हैं। यह व्रत कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत को माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। इस व्रत को माता अहोई और उनके समर्पण के साथ जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन माता अहोई ने अपनी संताने खो दी थीं और भगवान की कृपा और अष्टमी व्रत का पालन कर अपनी संतानें वापस पाई।
महिलाएं इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर निर्जला व्रत रखती हैं और तिल दूध गुड़ से बने विशेष प्रसाद का सेवन करती है। इस दिन महिलाएं अहोई माता की मूर्ति या चित्र को 8 घड़े पानी में डालकर पूजा करती हैं। यह व्रत मानसिक शांति तो देता है यह संतान सुख का आशीर्वाद दे देता है और आज हम आपको इस व्रत पर किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय बताएंगे ताकि आप भी अहोई माता की पूजा कर अपनी संतान की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करें।
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अहोई अष्टमी पर करें यह विशेष उपाय(Ahoi Ashtami Ke Upay)
माता को 8 घड़े पानी का पूजन अर्पित करें: अहोई अष्टमी के दिन 8 छोटे घड़ों में साफ पानी भरें और अहोई माता की तस्वीर के सामने यह घड़े रखें और आठ बार तिल डालकर पूजा करें। यह अहोई जल बन जाता है जो व्रत खोलते समय पिया जाता है।
तिल गुड़ का भोग: अहोई माता के चित्र या घड़े में 8 बार तिल और गुड़ डालकर माता को भोग अर्पित करें। यह संतान सुख और पुत्र की लंबी आयु के लिए अत्यंत शुभ होता है।
जरूरतमंद को करें दान: यदि आप किसी ऐसे को जानते हैं जो काफी गरीब है और उनके घर बच्चे हैं तो उन बच्चों को वस्त्र खिलौने तिल गुड़ का दान करें। ऐसा करने से अहोई माता की कृपा प्राप्त होती है और संतान सुख मिलता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त पर ध्यान: अहोई अष्टमी के दिन सूर्योदय के समय 5 से 10 मिनट तक ध्यान करें और अपने बच्चों की लंबी आयु की कामना करें। ऐसा ही ध्यान सूर्यास्त के समय करें ऐसा करने से मानसिक ऊर्जा और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
बच्चों को कराएं अहोई जल से स्नान: यदि आप का बच्चा है तो अहोई जल से उस बच्चे को स्नान कराएँ अथवा जल के कुछ छींटें। डालें इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और बीमारियां भाग जाती हैं।
अहोई अष्टमी के दिन संतान सुख पाने के ज्योतिष के उपाय
- यदि सूर्य और चंद्रमा कमजोर है और इसकी वजह से बच्चा नहीं हो रहा है तो अहोई अष्टमी के दिन सोने की कोई वस्तु किसी दान करें।
- इसके अलावा किसी मंदिर में सफेद तिल और शहद दान करें इससे संतान सुख की संभावना बढ़ती है।
- शुक्र और मंगल संतान सुख के प्रमुख ग्रह होते हैं ऐसे में अहोई अष्टमी के दिन लाल रंग का कपड़ा, गुड और तिल का दान करें।
- संतान की लंबी आयु के लिए दूध और चांदी का छोटा सिक्का माता के सामने रखें और उसकी पूजा करें ।
अहोई अष्टमी के दिन माताएं न केवल विधि विधान से पूजा कर सकती हैं बल्कि कुछ आसान से उपाय कर संतान प्राप्ति के योग भी निर्मित कर सकती हैं और अपनी संतान के स्वास्थ और दीर्घायु की कामना भी कर सकती हैं। अहोई अष्टमी का व्रत मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को संतुलित करता है। ईमानदारी से यदि इस व्रत को किया गया तो अहोई माता जरूर प्रसन्न होती है और बच्चों की रक्षा करते हैं।
FAQ- Ahoi Ashtami Ke Upay
अहोई अष्टमी के पानी का क्या करें?
यदि आप का बच्चा है तो अहोई जल से उस बच्चे को स्नान कराएँ अथवा जल के कुछ छींटें। डालें इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और बीमारियां भाग जाती हैं।
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