छठ पूजा पर करें सूर्य मंत्र का विधि विधान से जप, पाएंगे सुख स्वस्थ और धन

Chhath Puja Mantra
Chhath Puja Mantra

Chhath Puja Mantra: छठ पूजा सूर्य देव की आराधना का पर्व माना जाता है। छठ पूजा प्रकृति के सभी तत्वों की पूजा करने का पर्व है। यह समय है जब प्रकृति और मानवीय आत्मा के बीच संबंध स्थापित होता है।  जी हां छठ पूजा में प्रकृति और ऊर्जा की पूजा की जाती है। इस पर्व के दौरान सूर्य को अरग दिया जाता है। यहां तक कि केवल उगते सूर्य नहीं बल्कि अस्त होते सूर्य को भी छठ पूजा में अर्ग दिया जाता है। इस शुभ अवसर पर श्रद्धापूर्वक सूर्य मंत्रों के जाप का भी विधान है। 

शास्त्रों में वर्णित है कि जो व्यक्ति सूर्य देवता की पूजा करता है उसे मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। सूर्य ही ऊर्जा का स्रोत है और सूर्य के आसपास ही सभी ग्रह चक्कर लगाते हैं। ऐसे में यदि आपको सभी ग्रहों की शुभ कृपा प्राप्त करनी है और भगवान को प्रसन्न करना है तो सूर्य देवता की पूजा करना अनिवार्य है। और इसीलिए आज हम आपको सूर्य मंत्र का विवरण देने वाले हैं, जहां हम बताएंगे कि छठ पूजा के शुभ अवसर पर किस प्रकार श्रद्धा और नियम पूर्वक सूर्य मंत्रों का जाप किया जाए तो मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

और पढ़ें: छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य देने के लिए इस तरह सजाएँ सूप 

छठ पूजा पर जपे जाने वाले सूर्य मंत्र और स्त्रोत(Chhath Puja Mantra)

सूर्य बीज मंत्र

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।

यह सूर्य देवता का बीज मंत्र है। इसे 108 बार जपने से सूर्य देव की शीघ्र कृपा प्राप्त होती है। छठ पूजा के दौरान यदि आपने व्रत किया है अथवा नहीं भी किया तब भी आप सूर्य देव के इस मंत्र का जाप कर सूर्य अरग दे सकते हैं। इस मंत्र का जाप करने से पहले आपको प्रातः काल सूर्योदय से पहले स्नान करना होगा लाल वस्त्र धारण करने होंगे। 

अब लाल तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरकर इसमें लाल पुष्प, अक्षत, रोली और गुड़ मिलाना होगा। अब सूर्य की और मुख कर धीरे-धीरे इस जल को चढ़ाना होगा और इसके बाद 108 बार बीज मंत्र का उच्चारण करना होगा। ऐसा करने से सभी रोगों का नाश होता है आरोग्य प्राप्ति होती है और आर्थिक प्रगति होती है।

Chhath Puja Surya Beej Mantra

आदित्य हृदय स्तोत्र मंत्र

“ॐ आदित्याय च सोमाय मङ्गलाय बुधाय च।

गुरु शुक्र शनिभ्यश्च राहवे केतवे नमः॥”

आदित्य हृदय स्तोत्र के आरंभिक भाग को आदित्य स्तोत्र मंत्र कहा जाता है। यह मुख्य श्लोक होता है। कहा जाता है कि इस महर्षि अगस्त्य द्वारा श्री राम को रणभूमि में सुनाया गया था। पूजा के दौरान इस मंत्र का पाठ करने से जीवन के सभी अंधकार और आर्थिक रुकावटें दूर हो जाती है। सूर्य को अर्ग देने के बाद सूर्य देव के समक्ष बैठकर इस मंत्र का 11 बार जाप करें जिससे मनोकामना पूर्ति हो जाती है।

सूर्य गायत्री मंत्र

“ॐ भास्कराय विद्महे, महाद्युतिकाय धीमहि, तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्।”

सूर्य गायत्री मंत्र संपूर्ण जगत की ऊर्जा को आमंत्रण है। छठ पूजा के दौरान सूर्योदय के समय इस मंत्र का जाप अत्यंत शुभ माना जाता है। छठ पूजा के दौरान अरग देने के बाद पूर्व की दिशा की ओर मुख्य कर बैठे और 21 बार इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के दौरान अपने आंखें बंद कर सूर्य देव के चमकते स्वरूप की कल्पना करें और ऐसी आशा रखें कि आपके जीवन के अंधकार दूर हो रहे हैं। आपको आर्थिक तरक्की मिल रही है आपके शरीर के सारे रोग नष्ट हो रहे हैं।

सप्ताश्व रथी सूर्य मन्त्र

“ॐ सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्।

श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥”

यह मंत्र सूर्य देव के सात घोड़ों वाले रथ का स्मरण करता है।  इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के सारे रुके हुए कार्य घोड़े की गति की तरह पूरे होने लगते हैं। यदि इस मंत्र का श्रद्धा पूर्वक जाप किया गया तो कैरियर संबंधित सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं, नए अवसर प्राप्त होते हैं मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और आत्म संतुलन की प्राप्ति होती है।

Chhath Puja Saptashwa Rathi Surya Mantra

सूर्य साधना व ध्यान मंत्र

ॐ आदित्य नमः ॐ मित्रय नमः ॐ रवाये नमः ॐ सूर्याय नमः ॐ भाणावे नमः ॐ पूष्णे नमः ॐ हिरण्य गर्भाय नमः ॐ हरि जय नमः ॐ अर्काय  नमः ॐ सावित्री नमः ॐ भास्कराय नमः ॐ खगाये नमः

यह सूर्य देवता के 12 नाम है जिसे सूर्य द्वादश नाम भी कहा जाता है। 12 ऋषियों और 12 महीना का प्रतिनिधित्व करते हुए यह नाम यदि छठ पूजा में उच्चारित किए गए तो जप करने वाले को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस मंत्र का जाप करने से स्थाई धन आगमन होता है और कर्मों की शुद्धता होती है ग्रह दोष समाप्त होने लगते हैं।

कुल मिलाकर छठ पूजा के दौरान सूर्य देव की आराधना करते समय सूर्य देव के विशेष मंत्रों का उच्चारण कर हम अपने भीतर की ऊर्जा को जागृत कर सकते हैं। सूर्य के बीज मंत्र से लेकर सूर्य गायत्री मंत्र का अपना-अपना प्रभाव होता है। ऐसे में अपनी श्रद्धा अनुसार इन मंत्रों का चुनाव करें और मंत्र जाप की संख्या के आधार पर मंत्रों का जाप करें। हालांकि मंत्र जाप करने से पहले स्नान इत्यादि कर शुद्ध हो जाएँ। सूर्य देवता को अर्घ दें तत्पश्चात इन मंत्रों का जाप करें ताकि सूर्य देवता की किरणें जब आप तक पहुंचे तो वह आपके जीवन को धन-धान्य ऐश्वर्य सुख समृद्धि और बुद्धि के प्रकाश से भर दे।

सम्बंधित लेख

FAQ- Chhath Puja Mantra

सूर्यदेव को अर्घ्य देने का मंत्र क्या है?

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। यह सूर्य देवता का बीज मंत्र है। इसे 108 बार जपने से सूर्य देव की शीघ्र कृपा प्राप्त होती है। छठ पूजा के दौरान यदि आपने व्रत किया है अथवा नहीं भी किया तब भी आप सूर्य देव के इस मंत्र का जाप कर सूर्य अरग दे सकते हैं।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

Share This Article:

1 thought on “छठ पूजा पर करें सूर्य मंत्र का विधि विधान से जप, पाएंगे सुख स्वस्थ और धन”

Leave a Comment

Exit mobile version