दीपावली निशीथ काल पूजन महादेवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे शक्तिशाली साधन

Diwali Nishita Kaal Puja
Diwali Nishita Kaal Puja

Diwali Nishita Kaal Puja: दीपावली अर्थात अंधकार से प्रकाश की यात्रा। यह पर्व उस पवित्र रात्रि पर आता है जब महालक्ष्मी स्वयं धरती पर अवतरित होती हैं। सबसे खास बातें दीपावली अमावस्या के दिन मनाई जाती है अर्थात जब संपूर्ण ब्रह्मांड में घुप्प अंधेरा होता है तब हर घर में माता लक्ष्मी को आमंत्रित करने के लिए दीपक जलाया जाता है और माता लक्ष्मी स्वयं प्रकट होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद दे देती है। 

बता दें इस दिन पूजा के लिए एक अत्यंत गुप्त और शक्तिशाली काल का विधान रचा गया है और वह है निशीथ काल। यह वह समय होता है जब रात्रि अपने चरम पर होती है जब धरती और आकाश के बीच की ऊर्जा सबसे स्थिर और सबसे सूक्ष्म होती है। शास्त्रों के अनुसार यही वह मुहूर्त है जो माता लक्ष्मी का आगमन धरती पर होता है और साधक को सर्व सिद्धि की प्राप्ति होती है।

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दीवाली निशीथ काल पूजा(Diwali Nishita Kaal Puja)

आमतौर पर कई लोग दीपावली में संध्याकाल पूजा करते हैं परंतु तांत्रिक विधि और धन संपत्ति पाने के इच्छुक लोग निशीथ काल मे पूजन करते हैं। इस पूजा का वर्णन स्कंद पुराण लक्ष्मी तंत्र और कौमुदी महात्म्य में मिलता है निशीथ काल में पूजा करने पर साधक के जीवन से दरिद्रता समाप्त हो जाती है उसे अक्षय लाभ की प्राप्ति होती है और वह कभी भी गरीब नहीं रहता।

निशीथ कालरात्रि 12:00 बजे के आसपास आता है अर्थात यह वह समय होता है जब ऊर्जा अत्यंत सूक्ष्म होती है। हालांकि यह समय काली शक्तियों के जागृति का भी होता है परंतु इस दौरान यदि सच्चे श्रद्धा से सकारात्मक शक्तियों को आमंत्रित किया जाए तो वह धरती पर प्रकट होती है इसीलिए निशीथ काल को वह समय कहा जाता है जब तमोगुण और शक्तिशाली आध्यात्मिक तरंगे एक साथ ब्रह्मांड में सक्रिय हो जाती है।

वर्ष 2025 में निशीथ काल पूजा मुहूर्त

2025 में दीपावली 20 अक्टूबर 2025 के दिन पड़ रही है इस दिन महानिशीथ काल मुहूर्त 11:41 से 12:31 तक पड़ रहा है यह समय मां लक्ष्मी की पूजा करने का विशिष्ट समय है।

Diwali Nishita Kaal Puja Vidhi

निशीथ काल में दीपावली पूजन विधि 

निशीथ काल के दौरान पूजा करने के लिए सबसे पहले स्थान इत्यादि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें। अब उत्तर या पूर्व की दिशा में हो रखकर आसान लगाएँ और माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का चित्र स्थापित करें, साथ में गणेश जी की मूर्ति रखें। इसके बाद पीतल या मिट्टी के दीपों से शुद्ध घी के दिए प्रज्वलित करें यह अष्ट लक्ष्मी का प्रतीक है।

दीपों की ज्योति दक्षिण दिशा की ओर गलती से भी ना करें केवल उत्तर पूर्व दिशा में दीप की ज्योति करें। साथ में अन्य पूजा की सामग्री भी पास रखे जैसे कि कपूर, धूप, रोली, कमल चावल, नारियल, मिठाई, पान, सुपारी, चांदी का सिक्का, लाल वस्त्र, जल से भरा कलश। 

अब सबसे पहले गणेश जी का आह्वान करें। इसके बाद माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बीज मंत्र का जाप करें। अब माता लक्ष्मी पर कमल का पुष्प, चावल, सिंदूर, मिठाई इत्यादि चढ़ाएँ। इसके बाद उनके चरणों में चांदी या सोने का सिक्का रखें और उनसे घर पर कृपा बरसाने का आह्वान करें। निशीथ काल में श्री सूक्त पाठ, कनकधारा स्तोत्र पढ़ने से माता लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती हैं। स्त्रोत का पाठ समाप्त होने के बाद माता लक्ष्मी की आरती करें।

निशीथ काल में माता लक्ष्मी की पूजा करने से मिलने वाले लाभ 

निशीथ काल में माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के जीवन में धन संपत्ति का प्रभाव पड़ता है। ऐसा करने से आर्थिक संकट नाश हो जाते हैं। किसी प्रकार का कर्ज यदि लंबे समय से सिर पर पड़ा है तो वह अपने आप काम होने लगता है और व्यावसायिक बाधाएँ दूर हो जाती हैं। परिवार में प्रेम शांति और समृद्धि आती है। 

Diwali Nishita Kaal Puja ke Laabh

इस काल में पूजा करने से आध्यात्मिक स्थिरता भी बढ़ती है और आत्म बल भी बढ़ता है। नकारात्मक प्रभाव समाप्त होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है निशीथ काल में माता लक्ष्मी के विशेष मंत्र जाप खासकर कनकधारा स्त्रोत के जाप से शीघ्र फल प्राप्त होता है। शास्त्रों में इसीलिए कहा जाता है कि जो व्यक्ति निशीथ काल में लक्ष्मी का पूजन करता है उसके घर में लक्ष्मी सदा के लिए स्थिर हो जाती है।

FAQ- Diwali Nishita Kaal Puja

महान निशीथ काल क्या है?

महा निशीथ काल दिवाली की रात का वह समय होता है जब रात्रि अपने चरम पर होती है जब धरती और आकाश के बीच की ऊर्जा सबसे स्थिर और सबसे सूक्ष्म होती है। शास्त्रों के अनुसार यही वह मुहूर्त है जो माता लक्ष्मी का आगमन धरती पर होता है और साधक को सर्व सिद्धि की प्राप्ति होती है।

निशीथ काल कितने बजे हैं?

2025 में दीपावली 20 अक्टूबर 2025 के दिन पड़ रही है इस दिन महानिशीथ काल मुहूर्त 11:41 से 12:31 तक पड़ रहा है यह समय मां लक्ष्मी की पूजा करने का विशिष्ट समय है।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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