
Kali Chaudas ke Upay: दीपावली से एक दिन पहले आने वाली काली चौदस जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन मां काली की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन ब्रह्मांडिय ऊर्जा विशेष रूप से सक्रिय होती है। यह ऊर्जा साधक के मन को पवित्र करती है। इस दिन मां काली का विशेष ध्यान करने का विधान बताया जाता है क्योंकि मां काली भय, रोग, दुर्भाग्य से मुक्ति दिलाती हैं।
मां काली को परिवर्तन, संरक्षण, शक्ति और समय की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। वे न केवल विनाश का प्रतीक है बल्कि मानव के भीतर छिपी चेतना को भी जाग्रत करती हैं। इसीलिए काली चतुर्दशी जिसे अंधकार के विनाश का दिन माना जाता है उस दिन मां काली की पूजा करना दुगना लाभ देता है।
काली चौदस का आध्यात्मिक लाभ
काली चौदस अर्थात अंधकार की समाप्ति का दिन, इस दिन मां काली का ध्यान करने वाले साधक को सारी अशुभ शक्तियों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि काली मां बुराई को दूर कर साधक को आध्यात्मिक मार्ग की ओर ले जाती है। इसी तरह काली चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी यह अंधकार की समाप्ति का दिन है क्योंकि इसी दिन नरक की प्रताड़ना से पृथ्वी को भगवान कृष्ण ने मुक्त किया था और चारो ओर उजाला छा गया था। ऐसे में इस दिन मां काली की पूजा करने से भौतिक सुखों के साथ आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति भी होती है।
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काली चौदस के दिन मां काली की पूजा विधि
काली चतुर्दशी के दिन सबसे पहले सुबह स्नान इत्यादि कर घर की पूजा स्थान को साफ करें। मां काली की सबसे प्रिय दिशा दक्षिण है इसीलिए दक्षिण दिशा में एक स्वच्छ स्थान चुने और यहां लाल कपड़ा बिछाकर मां काली की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें ।
इस दिन सरसों के तेल का दीपक जलाएं, मां काली के चारों ओर सरसों के तेल के दीपक रखें। इसके बाद मां काली को काले तिल, नीले फूल, नींबू, गुड़ अर्पित करें। हो सके तो आप खुद भी काला या लाल वस्त्र धारण करें। और इसके बाद ओम क्रीम कालिकाएं नमः इस मंत्र का 108 बार जाप करें मां काली को भोग लगाएं और आरती करें।
काली चौदस पर मां काली को प्रसन्न करने के उपाय
- काली चतुर्दशी के दिन रात को नींबू को बीच में से काटकर उसमें सरसों का तेल भरें और मां काली के सामने जला कर रखें इससे नकारात्मकता दूर होती है और शत्रु बाधा समाप्त होती है।
- काली चतुर्दशी के दिन काले तिल का दान अवश्य करें। संभव हो सके तो किसी मंदिर में काले तिल और गुड़ का प्रसाद वितरित करें यह दुर्भाग्य का नाश करता है।
- इस दिन मां काली से अपने किए गए गुनाहों की क्षमा याचना करें क्योंकि मां काली इस दिन अपने वक्त की सारी बातें सुनती है।
- कोशिश करें कि इस दिन किसी के प्रति कोई गलत धारणा, क्रोध या नकारात्मक विचार मन में ना आए।
- मां काली को गुड़ और नारियल अत्यधिक प्रिय है ऐसे में इस दिन यदि आप मां काली को गुड़ नारियल का भोग लगाते हैं तो जीवन में समृद्धि और सुरक्षा प्राप्त होती है।
- इस दिन पीपल या शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं ।
- यह दिन छोटी दिवाली के नाम से भी प्रसिद्ध है और इसके अगले दिन दीपावली होती है ऐसे में काली चौदस के दिन रात्रि को मां काली की मूर्ति के समक्ष ध्यान लगाएँ और कल्पना करें कि माता आपके भीतर के अंधकार और नकारात्मकता को नष्ट कर रही है।
कुल मिलाकर काली चौदस केवल तांत्रिक साधना का पर्व नहीं परंतु आध्यात्मिक जागरण का भी उत्सव है। इस दिन मां काली की आराधना करने से जीवन के अंधकार दूर होते हैं। बता दे मां काली और कृष्ण भिन्न नहीं है। यह दिन भगवान कृष्ण और मां काली को समर्पित है ऐसे में इस दिन विशेष आराधना करने वाले साधक को निश्चित ही भय, रोग शत्रु और दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है आत्मा शांति मिलती है और आध्यात्मिक मार्ग प्रशस्त होता है।
FAQ- Kali Chaudas ke Upay
काली चौदस को क्या करना चाहिए?
काली चतुर्दशी के दिन काले तिल का दान अवश्य करें। संभव हो सके तो किसी मंदिर में काले तिल और गुड़ का प्रसाद वितरित करें यह दुर्भाग्य का नाश करता है।
काली चौदस की रात को क्या करना चाहिए?
काली चतुर्दशी के दिन रात को नींबू को बीच में से काटकर उसमें सरसों का तेल भरें और मां काली के सामने जला कर रखें इससे नकारात्मकता दूर होती है और शत्रु बाधा समाप्त होती है।
काली चौदस के लिए कौन सा मंत्र है?
काली चौदस के लिए मां काली का मंत्र ॐ क्रीम कालिकाएं नमः है। इस दिन इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
चौदस को क्या नहीं करना चाहिए?
काली चौदस को तामसिक भोजन करना वर्जित है इसके अलावा है इस दिन किसी के प्रति कोई गलत धारणा मन में नहीं लानी चाहिए ना ही अपने मुंह से कोई अपशब्द बोलना चाहिए।