
Sawan Mahina 2025: जैसा कि हम सब जानते हैं जल्द ही सावन का महीना शुरू हो चुका है । भगवान शिव को समर्पित सावन का महीना हिंदू पंचांग का सबसे महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। इस महीने में भक्ति तरह-तरह से भगवान शिव की आराधना करके उन्हें प्रसन्न करने का प्रयत्न करते हैं। इस महीने में पड़ने वाले 4 सोमवार पर व्रत करने का विशेष फल मिलता है। वहीं बहुत से भक्त इस महीने (Sawan Mahina 2025) में कावड़ यात्रा भी करते हैं और भगवान का जलाभिषेक करते हैं।
आइये आपको बताते हैं श्रावण मास का महत्व
शास्त्रों में श्रावण मास (Sawan Mahina 2025) को अद्वितीय माह माना जाता है। इसके पीछे 5 पौराणिक कथाएं बताई जाती है। कहा जाता है कि ऋषि मार्कंडेय ने लंबी आयु के लिए सावन के माह में ही तप करके शिवजी को प्रसन्न किया था। दूसरी कहानी मानी जाती है कि भगवान शिव सावन के महीने में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे और पृथ्वी पर उनका जलाभिषेक किया गया था इसीलिए श्रावण का महीना भगवान शिव का धरती पर आने का महीना माना जाता है।
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इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि समुद्र मंथन श्रावण के महीने में किया गया था और जो विष समुद्र मंथन के समय निकला था उसे भगवान शिव ने पी लिया था और पूरी सृष्टि रक्षा की थी इसीलिए विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवी-देवताओं ने उन्हें जल चढ़ाया था। इसलिए सावन के महीने में भोले बाबा को जल चढ़ाने की महिमा कही जाती है।
शिव पुराण में भी शिवजी को जल चढ़ाने का वर्णन किया गया है (Shiv Ji Ko Jal Chadhane Ke Fayde) शिव जी का जल से अभिषेक करना काफी खास माना जाता है। कहा जाता है कि इससे शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं।
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि श्रावण में विष्णु भगवान चिरनिद्रा में चले जाते हैं। सावन के ठीक पहले देवशयनी एकादशी आती है जिस दिन माना जाता है कि विष्णु भगवान सो जाते हैं। विष्णु के सोने के पश्चात सारा उत्तरदायित्व भगवान शिव उठा लेते हैं इसीलिए श्रावण के महीने की काफी महत्ता मानी जाती है ।
कुंवारी कन्याओं को मिलता है मनचाहा वर
सावन के महीने में माना जाता है कि यदि कुंवारी कन्याएँ यदि सोमवार के व्रत (Sawan Somvar Vrat) करें तो उन्हें अपनी पसन्द का वर प्राप्त होता है। इस मान्यता के पीछे की कहानी इस प्रकार बताई जाती है कि पर्वतराज हिमालय की पुत्री माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए श्रावण महीने में ही कठोर तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद दिया था और उनसे ब्याह रचाया था। इसलिए माना जाता है कि सावन के महीने में कुंवारी कन्या यदि शिवजी की उपासना कर लेती हैं तो उन्हें मनचाहा वर प्राप्त होता है।
श्रावण में आते शिव जी जाते हैं ससुराल
इसके पीछे एक और कहानी मानी जाती है कि भगवान शिव श्रावण के महीने में धरती पर आकर अपने ससुराल जाते हैं और ससुराल में उनका स्वागत रुद्राभिषेक और जलाभिषेक द्वारा किया जाता है । इसीलिए श्रावण के मास में भगवान शिव पर जल और दूध चढ़ाने की महत्ता मानी जाती है।
श्रावण मास में केवल भगवान शिव ही नहीं आप प्रत्येक देवता को प्रसन्न कर सकते हैं। श्रावण मास से ऐसा मास होता है जिस दौरान ब्रह्मांड की सारी शक्तियां बेहद सक्रिय हो जाती हैं। छोटी सी प्रार्थना से ही सभी देवता प्रसन्न होने लगते हैं। श्रावण मास (Sawan Mahina 2025) का पूरा महीना बेहद ही पवित्र माना जाता है। ऐसे में शिव जी के साथ-साथ अन्य देवगण भी भक्तों की प्रार्थना जल्दी सुनते हैं।
इस दौरान यदि आपने कुछ विशेष कार्य कर लिए जैसे कि महामृत्युंजय का रोजाना जाप किया, अमावस्या के दिन पितरों के नाम से दान कर लिया, संध्या के समय शिवलिंग के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाया या जरूरतमंद को अन्न दान किया तो आपको सभी ग्रहों की और देवों की कृपा प्राप्त होती है। श्रावण मास (Sawan Mahina 2025) के दौरान आप गौ माता को हरा चारा, गुड़ या रोटी खिला दें तो इससे भी परिवार को सभी देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। श्रावण के महीने में यदि आप रोजाना रुद्राभिषेक करते हैं तो आप शनि राहु केतु और पितृ दोष का निवारण प्राप्त कर लेते हैं।
श्रावण मास में कभी ना करें यह गलतियाँ
श्रावण मास जितना ज्यादा पवित्र होता है उतना ही ज्यादा संवेदनशील भी होता है। इस दौरान यदि व्यक्ति ने भूलकर भी कोई भूल कर दी तो उसे पुण्य की जगह अशुभ फल की प्राप्ति होती है। जैसा कि हमने बताया इस दौरान सभी देवता गण और ब्रह्मांडीय ऊर्जा बहुत सक्रिय होती है। ऐसे में आपकी की हुई एक छोटी सी गलती का भी बहुत बड़ा प्रभाव होता है। ऐसे में श्रावण मास के दौरान कुछ गलतियां भूल कर भी ना करें। जैसे कि
- मांसाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन
- श्रावण मास में बाल कटवाना
- नाखून काटना
- सोमवार के दिन कपड़े धोना
- नीले और काले रंग के वस्त्र पहनना
- किसी जीव को परेशान करना
- दूसरों की निंदा करना
- दूषित और बासी भोजन करना
- आलस करना
- पानी बर्बाद करना
- रात को देर से सोना
- सुबह देर से उठाना
कुल मिला कर श्रावण मास (Sawan Mahina 2025) केवल पूजा उपवास का समय नहीं बल्कि यह नियम, संयम और साधना का एक उत्कृष्ट अवसर है। इस पवित्र महीने में वर्जित कार्य करने से बचें, सात्विकता का पालन करें और मानसिक शांति तथा शिव कृपा की प्राप्ति करें।
FAQ- Sawan Mahina 2025
सावन का महीना खास क्यों होता है?
सावन का महीना इसलिए खास होता है क्योंकि इस महीने में भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव की आराधना करने से विशेष फल मिलता है और सारे पापों का नाश होता है। शिव की कृपा से सारे पितृदोष व ग्रह दोष मिट जाते हैं।