
Maa Baglamukhi Jayanti: वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाए जाने वाली मां बगलामुखी जयंती 10 महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या मां बगलामुखी की पूजा का विशेष दिन है। मां बगलामुखी को पीतांबरा और शत्रु नाशक देवी मानकर पूजा की जाती है। दिन माता की साधना और मंत्र जाप से शत्रु नकारात्मक ऊर्जाओं और जीवन की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
लेकिन इस दिन इस बात का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि मां बगुलामुखी की जयंती पर क्या करें क्या ना करें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम यह आर्टिकल लेकर आए हैं जिसमें हम बताएंगे कि मां बगलामुखी की जयंती के दिन आप किन बातों का ध्यान रखें।
मां बगलामुखी जयंती पर क्या करें
मां की पूजा और मंत्र जाप– मां बगलामुखी की जयंती के दिन उनके प्रमुख मंत्र ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय, जिह्वां कीलय, बुद्धि विनाशय, ह्रीं ॐ स्वाहा का जाप कम से कम 108 बार हल्दी या रुद्राक्ष की माला से करें। यह जाप रात्रि 9 से 12 बजे के बीच या ब्रह्म मुहूर्त में करें। जब करने से पहले पूजा स्थल को शुद्ध करना ना भूले इसके लिए गंगाजल का उपयोग करें। मां की मूर्ति या यंत्र को पीले वस्त्र पर स्थापित करें।
पीले रंग का उपयोग– मां बगलामुखी (Maa Baglamukhi) को पीला रंग बहुत आता है इसलिए बगलामुखी जयंती के दिन भक्तों को पीले वस्त्र पहनना चाहिए और पूजा में पीले फूल हल्दी पीला फल और पीली मिठाई का प्रयोग करना चाहिए घी का दीपक और हल्दी की माला पूजा में अनिवार्य रूप से रखें।
हवन और दान– मां बगलामुखी की पूजा करने के बाद हवन करना बहुत शुभ है इस हवन में हल्दी भी और नीम की लकड़ी का उपयोग करें। हवन के बाद गरीबों या ब्राह्मणों को पीले वस्त्र हल्दी और आज का दान भी करें।
ब्रह्मचर्य और सात्विकता– मां बगलामुखी (Maa Baglamukhi) को सात्विकता से अत्यंत प्रेम है इसलिए उनकी जयंती के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। आप इस दिन भोजन के रूप में फल दूध और खीर जैसे सात्विक पदार्थ का सेवन कर सकते हैं। पूजा के दौरान अपने मन को शांत और एकाग्र रखना ना भूले।
यंत्र पूजा– मां बगलामुखी का यंत्र शत्रुओं के नाश और सिद्धि पाने के लिए बहुत ही शक्तिशाली है। आप इस यंत्र को ताम्रपत्र या चांदी पर अंकित कर के पूजा करें। यंत्र का हल्दी और कुमकुम से अभिषेक करें।
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मां बगलामुखी जयंती पर क्या न करें
अशुद्धता से बचें– मां बगलामुखी की पूजा के दौरान शारीरिक और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। पूजा स्थल पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें साथी बिना स्नान के पूजा ना करें महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान मां बगलामुखी की पूजा से बचना चाहिए।
मंत्र का गलत उच्चारण- मां बगलामुखी के मंत्र (Maa Baglamukhi Mantra)अत्यंत शक्तिशाली है। इसलिए यदि इनका गलत उच्चारण हो तो नुकसानदायक हो सकता है। मंत्र के शुद्ध उच्चारण का ध्यान रखें और बिना किसी गुरु के मार्गदर्शन की साधना ना करें मंत्र जाप के दौरान अपना ध्यान एकाग्र रखें।
नमक और तामसिक भोजन से परहेज– मां बगलामुखी जयंती के दिन मांस मदिरा नमक और तामसिक भोजन जैसे प्याज और लहसुन के सेवन से बचे हैं यह चीज माता की पूजा में बाधा उत्पन्न करती हूं शास्त्रों के अनुसार तामसिक भोजन साधना की शक्ति को काम करता है।
क्रोध और नकारात्मकता से बचें– मां बगलामुखी की साधना (Maa Baglamukhi Sadhana) में मन का शांत और शुद्ध होना बहुत जरूरी है इसलिए पूजा के दौरान क्रोध, ईर्ष्या या नकारात्मक विचार मन में ना लायें पूजा करते समय दूसरों के प्रति बड़ा ख्याल मन में ना हो। यह माँ की कृपा में बाधा डाल सकता है।
अनावश्यक लोगों को साधना न बताएं– मां बगलामुखी की साधना बहुत ही शक्तिशाली है इसलिए इसे गुप्त रखना बहुत जरूरी है। अपनी साधना की चर्चा अनावश्यक लोगों से बिल्कुल ना करें क्योंकि इससे साधना का प्रभाव कम हो सकता है। साधना एकांत में करें और परिवार के सदस्यों को भी अपनी साधना के बारे में ना बताएं।
FAQ- Maa Baglamukhi Jayanti
मां बगलामुखी के मन्त्रों के गलत उच्चारण का क्या प्रभाव होता है?
मां बगलामुखी के मंत्रो के गलत उच्चारण से साधना का प्रभाव कम हो जाता है।
मां बगलामुखी के यंत्र की पूजा किस तरह से की जाती है?
मां बगलामुखी के यंत्र की पूजा चांदी या तांबे के पत्र पर अंकित करके की जाती है।
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