
Master Bedroom Direction as Per Vastu: वास्तु शास्त्र के अनुसार हर घर पर दिशा का प्रभाव बहुत ही ज्यादा होता है। घर नहीं यहां तक की घर में रहने वाले लोगों पर भी दिशाओं का प्रभाव पड़ता है और यह दिशाओं का शास्त्र ही वास्तु शास्त्र कहलाता है। जब बात हो मास्टर बेडरूम की तो यह स्थान हमारे स्वास्थ्य, हमारे संबंधों, हमारी मानसिक शांति यहां तक की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी से भी सीधे रूप से जुड़ा होता है। ऐसे में हमेशा मास्टर बेडरूम ऐसी दिशा (Master Bedroom Vastu) में बनाया हुआ होना चाहिए जिसका सीधा और सकारात्मक प्रभाव उस बेडरूम में रहने वाले लोगों पर पड़े।
जी हां मास्टर बेडरूम में केवल आराम करने की जगह ही नही होती है बल्कि यह घर के मुखिया की ऊर्जा का स्रोत भी होता है और यदि यह मास्टर बेडरूम गलत दिशा में होगा तो घर का मुखिया भी गलत निर्णय लेगा, आर्थिक रूप से कमजोर होगा व्यक्ति के जीवन में वैवाहिक मतभेद होंगे, मानसिक तनाव होगा यहां तक की उसके स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इसी क्रम में आज हम लेकर आए हैं एक ऐसी जानकारी जहां हम बताएंगे मास्टर बेडरूम की आदर्श दिशा (Master Bedroom Direction as Per Vastu) और उसके लाभ साथी हम बताएंगे कि बेडरूम में क्या और किस प्रकार होना चाहिए।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार मास्टर बेडरूम किस दिशा में बनाना चाहिए
वास्तु शास्त्र विशेषज्ञों की माने तो मास्टर बेडरूम दक्षिण पश्चिम दिशा में बनाना उचित होता है (Master Bedroom Direction as Per Vastu) क्योंकि दक्षिण पश्चिम दिशा घर के मुखिया के लिए उत्तम दिशा होती है। यह दिशा नियंत्रण शक्ति और निर्णय शक्ति का प्रतीक होती है, ऐसे में घर के मुखिया का बेडरूम यदि दक्षिण पश्चिम दिशा में हो तो परिवार में एकता बनी रहती है, परिवार के लोगों का कैरियर बेहतर रहता है, घर के मुखिया की मानसिक स्थिति मजबूत रहती है, और घर पर किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती।
दक्षिण पश्चिम दिशा में मास्टर बेडरूम बनाने के फायदे
दक्षिण-पश्चिम दिशा में यदि मास्टर बेडरूम (Master Bedroom Vastu) बनाया गया तो इससे वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बना रहता है। घर के मुखिया के निर्णय लेने की शक्ति स्थिर रहती है, जिससे वह सही निर्णय लेते हैं। घर के मुखिया की मानसिक स्थिति बेहतर होती है जिसकी वजह से अन्य परिवार जनों की भी मानसिक स्थिति संतुलित रहती है और व्यवसाय में स्थिरता आती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मास्टर बेडरूम कौन सी दिशा में नहीं बनवाना चाहिए
वास्तु शास्त्र के नियम अनुसार मास्टर बेडरूम कभी भी उत्तर पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए। इस दिशा में बेडरूम होने से तनाव और मानसिक भ्रम होता है। इसके अलावा मास्टर बेडरूम उत्तर पश्चिम दिशा में भी नहीं होना चाहिए ऐसे में वैवाहिक विवाद हो सकते हैं। दक्षिण पूर्व दिशा में यदि मास्टर बेडरूम (Master Bedroom Vastu) होता है तो घर का मुखिया क्रोध और बीमार स्थिति में आ जाता है, वहीं घर के मुखिया के लिए पूर्व या उत्तर दिशा भी सही नहीं होती इससे घर के मुखिया की निर्णय शक्ति कमजोर हो जाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मास्टर बेडरूम में बेड किस दिशा में होना चाहिए
वास्तु शास्त्र के नियम अनुसार मास्टर बेडरूम में बेड की हेड साइड दक्षिण या पूर्व की दिशा (Master Bedroom Direction as Per Vastu) में होनी चाहिए। बेडरूम में दरवाजे के बिल्कुल सामने बेड नहीं होना चाहिए। बेड के नीचे कभी भी खाली जगह नहीं होनी चाहिए यहां तक की बेड के नीचे कभी कोई सामान भी नहीं रखना चाहिए। इसके अलावा यह भी ध्यान दें कि बेड के ऊपर कोई भी ना हो अन्यथा घर के मुखिया का मानसिक तनाव बढ़ जाता है
मास्टर बेडरूम में और कौन से नियमों का पालन करना चाहिए
- वास्तु शास्त्र के अनुसार मास्टर बेडरूम में कभी भी बेड के सामने आईना ना रखें।
- मास्टर बेडरूम में टीवी या इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं भी ना रखें।
- मास्टर बेडरूम में किसी भी प्रकार के जल तत्व वाली वस्तुएं भी नहीं रखनी चाहिए।
- मास्टर बेडरूम में केवल पति-पत्नी की खुशहाल फोटो होनी चाहिए।
कुल मिलाकर मास्टर बेडरूम का हर कोना घर के मुखिया की ऊर्जा का स्रोत होता है। ऐसे में मास्टर बेडरूम में ऐसी वस्तुएं होनी चाहिए जो घर के मुखिया को ऊर्जा दें और सही निर्णय लेने में मदद करें। मास्टर बेडरूम में सही दिशा में होना और मास्टर बेडरूम की हर वस्तु सही दिशा (Master Bedroom Direction as Per Vastu) में होना बेहद जरूरी है। घर के मुखिया मानसिक परेशानी से जूझते हैं और अन्य लोग भी स्थिर नहीं हो पाए।
FAQ-Master Bedroom Direction as Per Vastu
मास्टर बेडरूम के लिए सबसे अच्छी दिशा कौनसी है?
वास्तु शास्त्र के विशेषज्ञों के अनुसार मास्टर बेडरूम दक्षिण पश्चिम दिशा में बनाना सर्वोत्तम होता है। यह दिशा नियंत्रण शक्ति और निर्णय शक्ति का प्रतीक होती है, ऐसे में घर के मुखिया का बेडरूम यदि दक्षिण पश्चिम दिशा में हो तो परिवार में एकता बनी रहती है और घर के मुखिया की मानसिक स्थिति मजबूत रहती है, और घर पर किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती।