
Yam Dwitiya Ke Upay: दीपावली की ठीक दूसरे दिन मनाया जाने वाला पर्व यम द्वितीया जिसे भाई दूज के नाम से भी जाना जाता है। यह अकाल मृत्यु ,पाप और भय से रक्षा का दिव्य अवसर है। इस दिन यमराज, चित्रगुप्त और यमुना देवी की संयुक्त उपासना की जाती है। यह दिन पुराणों में विशेष वर्णित है। कहा जाता है कि इस दिन यम देवता और माता यमुना की आराधना करने से असमय मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। इस दिन किए गए विशेष ज्योतिषी उपाय मंत्र जाप और दान कम व्यक्ति की आयु में वृद्धि करते हैं, ग्रह शांति करते हैं और पितृ कृपा के लिए अत्यंत फलदाई माने जाते हैं।
यम द्वितीया केवल एक पारिवारिक पर्व नहीं है बल्कि यह धर्म रक्षा दीर्घायु साधना का शुभ पर्व है। इस दिन यह दीपक जलाने का विशेष विधान कहा जाता है। संभव हो सके तो यमुना नदी में स्नान कर सूर्य देवता को अर्घ देने की भी शुभ प्रथा है। कहा जाता है कि इस दिन यमराज को प्रसन्न करने के लिए यदि किसी ने कुछ विशेष ज्योतिषिय उपाय कर दिये और दीप जलाए तो यमराज उस पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। साथी जमुना देवी उस जातक पर अपनी कृपा दृष्टि भी रखते हैं जिससे अकाल मृत्यु और दुर्घटना कब है समाप्त हो जाता है लंबे समय से बीमार जातक भी इस उपाय को करने से ठीक हो जाते हैं।
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यम द्वितीया के विशेष ज्योतिषिय और आध्यात्मिक उपाय
अकाल मृत्यु निवारण तिल दीपक: यमद्वितीया के दिन संध्या के समय तिल के तेल का दीपक जलाकर दक्षिण की दिशा की ओर रखें। दीप जलाने के बाद ॐ यमाय नमः इस मंत्र का जाप अवश्य करें यह उपाय करने से शनि दोष कालसर्प योग और मृत्यु भारत काम हो जाता है।
चित्रगुप्त पूजन: यमद्वितीय के दिन सफेद कागज पर अपने कर्मों की सुधार योग्य बातें लिखें और चित्रगुप्त से प्रार्थना करें कि वह आपके कर्मों में संतुलन बताएं। इस दिन चित्रगुप्त का पूजन करने से चित्रगुप्त प्रसन्न होती है। कहा जाता है कि चित्रगुप्त इंसान के सभी कर्मों का लेखा जोखा करते हैं। ऐसे में चित्रगुप्त की आराधना करने से चित्रगुप्त प्रसन्न होते हैं और कर्म फल शांत करते हैं जिससे यह देवता भी शांत हो जाते हैं।
यम देवता के बीज मंत्र का जाप: यमद्वितीया के दिन रात्रि में ॐ यमाय नमः इस मंत्र का 108 बार जाप करें और धर्मराज यमराज आव्हान करें कि वे आपको धर्म मार्ग पर प्रशस्त करें और कर्म के भाई से दूर करें इस प्रकार यह जाप करने से आपके जीवन में अनुशासन कर्मनिष्ठा आती है।
पितृ शांति हेतु जल तर्पण: इस दिन किसी बहते जैसे स्रोत में तिल और फूल डालकर पितरों की शांति हेतु प्रार्थना करें यह उपाय पूर्वजों को तृप्त करता है और परिवार में सुख शांति लाता है।
तिल गुड़ उपाय: यम द्वितीया के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को तिल गुड़ और काला वस्त्र अवश्य दान करें. यह दान करने से यमराज शनि देव दोनों प्रसन्न होते हैं इससे पितृ दोष और कार्मिक बाधा दूर हो जाती है।
धर्मराजदीप साधना: इस दिन रात्रि में चार दिशाओं में चार दीपक जलाएं पूर्व में पीले तेल का, पश्चिम में तिल के तेल का, उत्तर में घी का और दक्षिण में सरसों के तेल का दीप जलाएं और बीच में बैठकर बीज मंत्र का जाप करें इससे कर्ज संकट और अकाल मृत्यु वह नाश हो जाता है।
यम तुलसी दीपक: तुलसी के पौधे के पास में यमद्वितीया के दिन दीपक जरूर जलाएं और उसमें काला दिल डालें जिससे और यमराज से प्रार्थना करें कि कि आपके परिवार को दीर्घायु और सुरक्षा प्रदान करें।
मृत्यु भय निवारण यंत्र: इस दिन आप तांबे की प्लेट पर ॐ हौ यमाय नमः इसे अंकित करें। इसे घर के दक्षिण दिशा में स्थापित करें। इस यंत्र की स्थापना के बाद मृत्यु भय संकट और अचानक बीमारियों से सुरक्षा प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
यमद्वितीया के दिन यम देवता को प्रसन्न करने के लिए यदि उपरोक्त विशेष उपाय कर लिए गए तो भी जातक को निश्चित ही यमराज की विशेष कृपा प्राप्त होती है इस दिन जमुना देवी और चित्रगुप्त की प्रार्थना करने से भी पूर्वजों को तृप्ति मिलती है और सड़क को अकाल मृत्यु और दुर्घटना के भाई से मुक्ति प्राप्त होती है।
FAQ- Yam Dwitiya Ke Upay
यम द्वितीया क्या होती है?
दीपावली की ठीक दूसरे दिन मनाया जाने वाला पर्व यम द्वितीया जिसे भाई दूज के नाम से भी जाना जाता है। यह अकाल मृत्यु ,पाप और भय से रक्षा का दिव्य अवसर है। इस दिन यमराज, चित्रगुप्त और यमुना देवी की संयुक्त उपासना की जाती है।