
Navratri ke Nau Rang: हिंदू धर्म का पावन पर्व नवरात्रि मां देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के माध्यम से शक्ति सकारात्मक और आध्यात्मिक जागरण का संदेश देता है। यह नवरात्रि केवल उत्सव का समय नहीं बल्कि आत्म चिंतन और मेनिफेस्टेशन का सुनहरा अवसर भी होता है।
नवरात्रि के त्यौहार के हर दिन एक खास रंग के कपड़े पहनने से हमारा ऑरा और वाइब्रेशंस मजबूत होती है क्योंकि यह रंग देवी की ऊर्जा से जुड़े होते हैं जो नेगेटिविटी को दूर करके पॉजिटिविटी लाते हैं। इन इन दिनों में सही रंग पहनना न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करता है और आध्यात्मिक स्तर पर यह हमारी इच्छाओं को मेनिफेस्ट करने में सहायक होता है।
आगामी 22 से 30 सितंबर तक शारदीय नवरात्र का त्यौहार मनाया जाएगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए आज हम नवरात्रि के नौ दिनों के रंगों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए जानेंगे कि हर रंग का महत्व क्या है और इन्हें पहनने से क्या फायदा होता है। इसके अलावा हम इन नौ रंगो से जुड़ी प्राचीन परंपराओं को भी समझेंगे।
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नवरात्रि में किस दिन किस रंग के कपड़े पहनें(Navratri ke Nau Rang)
नवरात्रि का अर्थ है ‘नौ रात्रियां’, जो महिषासुर पर दुर्गा की विजय का प्रतीक है। साल में चार बार चैत्र आषाढ़ माघ और शरद ऋतु में यह त्यौहार मनाया जाता है, इसमें से शारदीय नवरात्रि सबसे भव्य मानी जाती है। हर दिन एक नई देवी की पूजा होती है और रंग इन देवियों की ऊर्जा के प्रतिबिंब होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन रंगों को पहनने से ग्रहों की स्थिति अनुकूल होती है और हमारे चक्र सक्रिय होते हैं। साथ ही नौ दिनों के यह रंग हमारी आभा को भी मजबूत करते हैं। वे नो दिन मेनिफेस्टेशन के लिए भी बेहतरीन समय है क्योंकि इन दोनों चंद्रमा का आकार बदलता है जो हमारे इंटेंशन को भी प्रभावित करते हैं। आईए जानते हैं कि नवरात्रि के 9 दिन किस रंग की कपड़े पहनना चाहिए।
पहला दिन: नारंगी – ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक
नवरात्रि के प्रथम दिन की देवी शैलपुत्री है जिनका प्रिय रंग नारंगी होता है। शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री है जो स्थिरता और संकल्प की प्रतीक है। साथी नारंगी रंग दे सूर्य की ऊर्जा से जुड़ा हुआ है जो उत्साह धर्म जोशी और सकारात्मक प्रदान करता है यह रंग पहनने से ऑरा और वाइब्रेशंस मजबूत होती है जिससे नई शुरुआत करना आसान होता है।
वहीं परंपरागत रूप से नारंगी रंग अग्नि तत्व का प्रतिनिधि है और यह मूलाधार चक्र को एक्टिवेट करता है जो सुरक्षा और आधार प्रदान करता है। ज्योतिष में यह रविवार का रंग है जो सूर्य को मजबूत करता है। इस रंग को पहनने से थकान दूर होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। नवरात्रि में नारंगी रंगी पहनने से व्यक्ति दिन भर प्रसन्नचित रहता है।
दूसरा दिन: सफेद – शुद्धता और शांति का रंग
नवरात्रि का दूसरा रंग देवी ब्रह्मचारिणी का दिन है जिनका प्रिय रंग सफेद है। ब्रह्मचारिणी तपस्या और संयम की देवी हैं वही सफेद रंग चंद्रमा के शीतलता का प्रतीक है जो शुद्धता शांति और आंतरिक स्पष्ट लाता है। यह रंग ऑरा को शुद्ध करता है, नकारात्मक विचारों को दूर भगाता है और मेनिफेस्टेशन के लिए मानसिक शांति प्रदान करता है।
सफेद रंग वायु तत्व से जुड़ा है जो स्वाधिष्ठान चक्र को संतुलित करता है यह चक्र रचनात्मकता को बढ़ाता है। नवरात्रि के दूसरे दिन सफेद कपड़े पहनने से तनाव कम होता है और अच्छी नींद आती है साथ ही इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। सफेद रंग पहनने से व्यक्ति धरातल पर रहता है और भावनात्मक संतुलन प्राप्त करता है।
तीसरा दिन: लाल – शक्ति और साहस का रंग
दूसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है जिनका प्रिय रंग लाल है। चंद्रघंटा देवी साहस और रक्षा की प्रतीक है। वही लाल रंग मंगल ग्रह से जुड़ा है जो भी ऊर्जा जुनून और शक्ति का प्रतीक है। लाल रंग पहनने से वाइब्रेशंस बढ़ती हैं और हमारे भीतर के डर खत्म होते हैं।
यह रंग सोलर प्लेक्सस चक्र को जागता है जो आत्मा अभिव्यक्ति को बढ़ाता है। इस रंग को पहनने से रक्त संचार बेहतर होता है और साहस बढ़ता है। लाल रंग देवी की क्रोधपूर्ण शक्ति को दर्शाता है, जो बुराई पर विजय दिलाता है।
चौथा दिन: नीला (रॉयल ब्लू) – ज्ञान और शांति का प्रतीक
नवरात्रि के चौथे दिन पीला रंग पहनना होता है जो देवी कुष्मांडा प्रिया रंग है। देवी कुष्मांडा सृष्टि की रचयिता ज्ञान और समृद्धि की देवी हैं। यह रंग शांति बुद्धि और अस्मिता का प्रतीक है। यह औरा को सुरक्षित करता है और वाइब्रेशन को स्थिर बनाता है। अनाहत चक्र को एक्टिवेट करने वाला यह रंग हृदय संबंधी फायदे देता है इससे एकाग्रता बढ़ती है और चिंता कम होती है।
पांचवां दिन: हरा – विकास और समृद्धि का रंग
नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंद माता के पूजन का दिन है और इनका प्रिय रंग हरा है। स्कंदमाता ममता, विकास और शांति की प्रतीक है, वहीं हरा रंग बुध ग्रह का है जो प्रकृति, प्रजनन और नई शुरुआत को दर्शाता है। यह रंग ऑरा को तरोताजा करता है और सकारात्मकता को बढ़ाता है। साथ ही यह रंग हृदय चक्र को खोलना है और प्रेम और करुणा बढ़ाता है।
छठा दिन: ग्रे – संतुलन और विनम्रता का प्रतीक
छठा दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है जिनका प्रिय रंग ग्रे यानी धूसर है। कात्यायनी देवी संतुलन सिखाती हैं वहीं ग्रे रंग भी संतुलित भावनाओं का प्रतीक है जो विनम्रता और स्थिरता लाता है और हमारे ऑरा को ग्राउंडेड करता है। यह रंग हमारी भी शुद्ध चक्र को प्रभावित करता है और संचार कौशल को बेहतर बनाता है साथ ही नवरात्रि के दिनों में इसे पहनने से तनाव से भी मुक्ति मिलती है।
सातवां दिन: पीकॉक ग्रीन/शाइनी ग्रीन – विकास का प्रतीक
सातवां दिन देवी कालरात्रि का दिन होता है जिनका प्रिय रंग है पीकॉक ग्रीन यानी हरा। कालरात्रि अंधकार की नाशक मानी जाती है और पीकॉक ग्रीन कलर विशेषता और आध्यात्मिक विकास को दर्शाता है। यह हमारे ऑरा को चमकदार बनाता है। इस रंगों को पहनने से हमारा आज्ञा चक्र एक्टिवेट होता है और अंतर्दृष्टि बढ़ती है साथ ही यह कलर हमारी रचनात्मकता को बढ़ाता है।
आठवां दिन: गुलाबी – प्रेम और करुणा का रंग
नवरात्रि का आठवां दिन देवी महागौरी को समर्पित है और इनका प्रिय रंग गुलाबी है। महागौरी देवी शुद्धता की प्रतीक है जबकि गुलाबी रंग प्रेम और अनुग्रह का रंग है। यह हमारी वाइब्रेशन को कोमल बनाता है।
आठवां दिन गुलाबी, देवी महागौरी। महागौरी, शुद्धता वाली। गुलाबी प्रेम और अनुग्रह का प्रतीक। कंपन को कोमल बनाता है। यह रंग पहनना हमारे सहस्रार चक्र को एक्टिवेट करने में फायदेमंद है।
नौवां दिन: शाइनी ग्रीन – समापन का रंग
नवरात्रि का अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री का दिन है जिनका प्रिय रंग पीकॉक ग्रीन और शाइनी ग्रीन है। देवी सिद्धिदात्री सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी हैं और उनका यह प्रिय रंग अनोखापन और करुणा लाता है साथ ही या मेनिफेस्टेशन को पूर्ण भी करता है। नवरात्रि के अंतिम दिन यह रंग पहनने से समृद्धि आती है।
नवरात्रि के नौ रंग मात्र रंग नहीं बल्कि जीवन की ऊर्जा है जिन्हें अपना कर हम देवी की कृपा प्राप्त करते हैं शारदीय नवरात्र में इन रंगों को अपनाकर आप अपने ऑरा को मजबूत बनाएं।
FAQ- Navratri ke Nau Rang
नवरात्रि के 9 दिन के नौ कलर कौन से हैं?
नवरात्रि के 9 दिन के नौ कलर क्रमशः नारंगी, सफेद, लाल, नीला, हरा, ग्रे, पीकॉक ग्रीन, गुलाबी और शाइनी ग्रीन हैं। प्रत्येक रंग देवी के किसी खास गुण और रूप का प्रतीक है।