पितृपक्ष का महत्व और इस दौरान किए जाने वाले दान

Pitru Paksha Daan
Pitru Paksha Daan

Pitru Paksha Daan: पितृपक्ष हिंदू धर्म में बेहद ही महत्वपूर्ण समय कहा जाता है। 15 दिनों का यह समय पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए होता है। इस दौरान सभी अपने पूर्वजों की शांति हेतु श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। पितृपक्ष भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से कृष्ण पक्ष तक चलता है। पितृपक्ष के अंतिम दिन पर अमावस्या का विधान किया जाता है। 

कहा जाता है कि यह अमावस्या वर्ष की सबसे बड़ी अमावस्या होती है। इस दिन पितरों के मोक्ष के लिए प्रार्थना की जाती है। हालांकि पितृपक्ष के पूरे 15 दिन काफी महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इस दौरान न केवल पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी होता है।

पितृपक्ष का आध्यात्मिक महत्व 

धार्मिक ग्रंथो के अनुसार पितृ हमारे जीवन में मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं। पितरों के आशीर्वाद से ही परिवार के लोग सही निर्णय लेते हैं और घर में सुख शांति बनी रहती है। पितृ के लिए ही हिंदू धर्म में 15 दिनों का विधान बनाया गया है ताकि इन दिनों में पितरों की आत्मा की शांति, उनके मोक्ष, उनके तर्पण के लिए दान पूजा और श्राद्ध कर्म किए जाएं और आज के इस लेख में हम आपको इसी से जुड़ी कुछ विशेष जानकारी देने वाले हैं जहां हम बताएंगे पितृपक्ष में किए जाने वाले प्रमुख दान ताकि आप भी अपने जीवन में सुख शांति प्राप्त कर सकें।

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पितृ पक्ष में किए जाने वाले प्रमुख दान(Pitru Paksha Daan

पितृपक्ष में दान काफी महत्वाकारी माना जाता है। खासकर दान जब जरूरतमंद को किया जाए तो पितृ इससे प्रसन्न होते हैं। गरीब व्यक्ति, ब्राह्मण, पशु ज़रूरतमंद लोगों को दान करने पर पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और जातक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है। आईए जानते हैं पितृपक्ष के दौरान किए जाने वाले दान के विधान के बारे में- 

अन्न दान– पितृ पक्ष के दौरान अन्नदान काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दौरान अनाज, चावल, गेहूं दाल, भोजन सामग्री जरूरतमंद में दान करना चाहिए। यह दान पूर्वजों की आत्मा को संतोष पहुंचाता है। जब कोई भूखा व्यक्ति आपके द्वारा दिए गए अन्न को ग्रहण करता है तो उसकी आत्मा तृप्त होती है और उसके मन से निकला आशीर्वाद पूर्वजों तक पहुंचता है।

पशु-पक्षियों के लिए अन्न और पानी की व्यवस्था करना– पितृपक्ष के दौरान पशु पक्षियों को अन्न और पानी देना भी पुण्यकारी कहा जाता है। कहा जाता है कि जब जीव जंतुओं का पेट भरता है तो वे आशीर्वाद देते हैं और इसका सीधा लाभ पितरों को मिलता है और जब पितृ तृप्त होते हैं तो आपके जीवन से भी सारी परेशानियां समाप्त होने लगती हैं। यहां तक कि पशु पक्षियों और जानवरों की सेवा करने से ग्रह दशा भी ठीक हो जाती है।

Pitru Paksha 2025 Daan

वस्त्र दान– पितृपक्ष में नए और उपयोगी वस्त्र दान करना चाहिए। वस्त्रदान से पितरों की आत्मा को सुकून मिलता है और दानदाता के जीवन में समृद्धि आती है। ध्यान रहे इस दौरान उपयोगी और नए वस्त्र ही दान करें। पुराने पहने हुए कटे-फटे वस्त्र कदापि दान ना करें।

धातु और मिट्टी के बर्तन– पितृपक्ष के दौरान धातु और मिट्टी के बर्तन दान करना काफी शुभ माना जाता है। यह बर्तन आप चाहे तो किसी मंदिर में दान कर सकते हैं अथवा किसी गरीब को भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने से परिवार में सुख समृद्धि आती है। धातु और मिट्टी के बर्तन दान करने से पितरों की आत्मा शांत होती है।

जरूरत वाले स्थान पर पानी की व्यवस्था करना- पितृपक्ष के दौरान साफ पानी दान करना बेहद शुभ कहा जाता है। यदि ऐसी कोई जगह है जहां पानी की व्यवस्था नहीं है तो इस दौरान आप नल या कुएं की व्यवस्था कर सकते हैं। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में स्वास्थ्य समृद्धि आती है।

दीर्घकालीन शिक्षा का दान- गरीब बच्चों की शिक्षा का खर्चा उठाने, उन्हें शिक्षा की सामग्री किताबें स्टेशनरी प्रदान करना।  हो सके तो गरीब बच्चों को खुद बैठकर पढ़ाना, इससे भी पितृ संतुष्ट होते हैं। ज्ञान दान अपने आप में ही बहुत बड़ा दान माना जाता है। ऐसे में पूर्वजों का नाम लेकर यदि इस प्रकार का कार्य किया जाए तो उनकी आत्मा तृप्त होती है।

Pitru Paksha ke Daan

रोगी या वृद्ध की सेवा– यदि आप किसी जरूरतमंद वृद्ध या बीमार व्यक्ति की देखभाल करते हैं, उनकी दवा का प्रबंध करते हैं, उनके उन्हें भोजन खिलाते हैं तो ऐसा करने से भी पितृ संतुष्ट होते हैं। इस सेवा दान कहा जाता है और सेवा दान पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति पहुंचाती है।

इस प्रकार पितृपक्ष में केवल पितरों को याद नहीं करना चाहिए बल्कि उनके उचित मोक्ष प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रकार के कार्य भी करने अनिवार्य हैं। इस दौरान किए जाने वाले दान, तर्पण, श्राद्ध पूर्वजों की आत्मा को शांति पहुंचाते हैं और ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं व आशीर्वाद देते हैं और परिवारों से पितृ दोष हट जाते हैं जिसकी वजह से आने वाली पीढ़ियां संतुष्ट और स्वस्थ होती हैं।

पितृ पक्ष में क्या दान देना चाहिए?

पितृपक्ष के दिनों में अन्न दान, वस्त्रदान, गरीब जरूरतमंद और बुजुर्गों की सेवा, मिट्टी और धातु के बर्तनों का दान, पशु-पक्षियों के लिए अनाज और पानी की व्यवस्था, रोगी और बीमार व्यक्तियों के लिए दवाइयां और भोजन का दान, गरीब बच्चों की शिक्षा का दान करना चाहिए।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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