
Real vs Fake Crystal: जैसे-जैसे समय गुजर रहा है वैसे-वैसे लोगों का विश्वास क्रिस्टल हीलिंग(Crystal Healing) पर बढ़ता जा रहा है। क्रिस्टल हीलिंग अब कोई फैशन या ट्रेंड नहीं बल्कि एक एनर्जी बेस्ड लाइफस्टाइल बन चुका है। लोग अब परेशानियां आने पर सबसे पहले क्रिस्टल हीलिंग का रास्ता चुनते हैं। धन की कमी होने पर Pyrite पहनना, प्यार में धोखा खाने पर Rose Quartz पहनना, मानसिक शांति के लिए Green Aventurine पहनना, आत्मविश्वास के लिए Black Obsidian धारण करना यह काफी बड़ा हो चुका है।
वास्तु शास्त्र में क्रिस्टल हीलिंग को काफी महत्व दिया जाता है और इसी की वजह से इसकी लोकप्रियता भी बढ़ती जा रही है। हालांकि क्रिस्टल में एक और बहुत बड़ा खतरा भी बढ़ता जा रहा है वह है नकली क्रिस्टल(Fake Crystal) का बाजार। हजारों लोग आजकल क्रिस्टल के नाम पर ऐसे पत्थर पहने हुए दिखाई देते हैं जो असल में लगते तो क्रिस्टल हैं परंतु वह कांच या रेज़िन या रंगों से बने हुए पत्थर होते हैं जिनको पहनने के बाद कोई परिणाम नहीं मिलता।
और पढ़ें: यह Stone of Opportunity कैसे बदल देता है किस्मत पैसा और करियर, जानें पूरा रहस्य
क्रिस्टल धरती की प्राकृतिक ऊर्जा से बना होता है जिसमें अपनी एक वाइब्रेशन होती है। परंतु नकली क्रिस्टल सजावटी वस्तु होती है जिस जो कांच या रेज़िन से या अन्य पदार्थों से बनाया जाता है। परंतु कुछ लोग सिर्फ प्रॉफिट पाने के लिए इन्हें क्रिस्टल का नाम देकर बाजारों में बेचते हैं। इसीलिए क्रिस्टल खरीदने के दौरान यह जानना जरूरी है कि आप रियल क्रिस्टल(Real Crystal) खरीद रहे हैं या आपके द्वारा खरीदा गया क्रिस्टल फेक है और आज हम आपको यही अंतर समझाएंगे।
Real vs Fake Crystal: पहचान के 7 भरोसेमंद तरीके
टेंपरेचर टेस्ट(Temperature Test): असली क्रिस्टल को जब आप अपने हाथ में लेते हैं तो वह ठंडा महसूस होता है जबकि नकली क्रिस्टल बॉडी टेंपरेचर को अडॉप्ट कर लेता है और जल्दी गर्म हो जाता है। यदि आप क्रिस्टल का टेस्ट करना चाहते हैं तो असली क्रिस्टल को थोड़ी देर तक अपने हाथ में पकड़ें। यदि कुछ देर में उसने आपकी बॉडी का टेंपरेचर ले लिया तो वह असली क्रिस्टल नहीं है।
इंपरफेक्शन टेस्ट (Imperfection Test): असली क्रिस्टल पूरी तरह से साफ सुथरे नहीं होते। असली क्रिस्टल में हल्की दरारें होती हैं। वह अनइवन या ऊबड़ खाबड़ होते हैं, उनमें कुछ नेचुरल मास्क होते हैं। वही नकली क्रिस्टल बहुत ज्यादा परफेक्ट स्मूथ और शाइनी होते हैं। हालांकि कई बार उच्च क्वालिटी के असली क्रिस्टल भी शाइनी और परफेक्ट होते हैं परंतु उनमें कोई ना कोई इंपरफेक्शन जरूर दिखाई देता है।
बबल टेस्ट(Bubble Test): ग्लास से बने क्रिस्टल में अंदर छोटे और बबल दिखाई देते हैं जबकि असली क्रिस्टल में ऐसी कोई बबल नहीं होते। इस बबल को देखने के लिए क्रिस्टल के पास टॉर्च से लाइट करें या आप मोबाइल से भी फ्लैशलाइट कर सकते हैं। फ्लैशलाइट के संपर्क में आते ही क्रिस्टल के अंदर का भाग आपको साफ दिखाई देता है। यदि इसमें बबल दिखाई दिए तो इसका मतलब यह नकली क्रिस्टल है।
स्क्रैच टेस्ट(Scratch Test): असली क्रिस्टल काफी कठोर होता है। असली क्रिस्टल से आप कांच को स्क्रैच कर सकते हैं। यदि क्रिस्टल से कांच पर स्क्रैच हो गया तो इसका मतलब असली है, परंतु स्क्रैच करते समय यदि क्रिस्टल को ही खरोच आ जाए तो वह नकली है। हालांकि इस टेस्ट को सावधानी से करना चाहिए वरना असली क्वालिटी के क्रिस्टल पर भी असर पड़ सकता है।
वजन का टेस्ट(Weight Test): असली क्रिस्टल साइज के हिसाब से भारी होता है, मतलब असली क्रिस्टल छोटा हुआ तब भी वह काफी हैवी होता है। वहीं उसके उलट रेजिन या प्लास्टिक से बने क्रिस्टल वजन में काफी हल्के महसूस होते हैं।
एनर्जी या फील टेस्ट(Feel Test) यदि आप एनर्जी को फील करते हैं तो असली क्रिस्टल जब आप के संपर्क में आएगा तब आपके हाथों में झनझना महसूस होगी। आपको असीम शांति प्राप्त होगी या आपको क्रिस्टल से निकलने वाली किरणों का अनुभव होगा। परंतु नकली क्रिस्टल में यह सब कुछ बनावटी होता है उसे किसी प्रकार की कोई एनर्जी नहीं निकलती।
प्राइस टेस्ट(Price Test): असली क्रिस्टल साधारण रूप से काफी महंगे मिलते हैं और कई बार उनके साथ सर्टिफिकेट भी दिए जाते हैं जो उनकी गुणवत्ता को साबित करते हैं। वहीं नकली क्रिस्टल सस्ते रूप में मिलते हैं जैसे कि सिट्रिन ₹300 में पाइराइट ब्रेसलेट ₹200 में। यदि आप को इस प्रकार को एक क्रिस्टल मिल जाए तो निश्चित रूप से बाहर नकली क्रिस्टल है।
खरीदते समय कौन सी बातों का ध्यान रखें
- क्रिस्टल हमेशा सर्टिफाइड सेलर से खरीदें।
- क्रिस्टल खरीदने के बाद ऑथेंटिसिटी गारंटी या सर्टिफिकेट की मांग करें।
- क्रिस्टल के ऊपर यदि किसी प्रकार की नेचुरल फिनिश दिखाई दे रही है तो ऐसा क्रिस्टल खरीदने से बचें।
- क्रिस्टल खरीदने के दौरान सेलर से इसका सोर्स पूछें।
इस प्रकार असली और नकली क्रिस्टल(Real vs Fake Crystal) के बीच में अंतर करना बेहद जरूरी है। यदि आप सच में क्रिस्टल हीलिंग के लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो असली क्रिस्टल की पहचान करें और खरीदें। नकली क्रिस्टल क्रिस्टल की तरह दिखता जरूर है परंतु इसमें क्रिस्टल की कोई गुण नहीं होते।
ये भी पढ़ें:
- पुरुषों के लिए पाइराइट की माला: आत्मविश्वास धन और लीडरशिप बढ़ाने वाला सबसे शक्तिशाली क्रिस्टल
- वेल्थ कॉर्नर में रखें यह 3 फेंग शुई क्रिस्टल, घर में धन प्रवाह और समृद्धि तेजी से बढ़ेगी
- नीलम रत्न के चमत्कार: 2 घंटे में असर दिखाने वाला सबसे शक्तिशाली ब्लू सफायर, जानें किसे पहनना चाहिए और किसे नहीं
FAQ- Real vs Fake Crystal
आप कैसे बता सकते हैं कि क्रिस्टल असली है या नकली?
असली और नकली क्रिस्टल की पहचान करने के लिए आमतौर पर 7 तरीके उपलब्ध हैं जिनमें टेंपरेचर टेस्ट, इंपरफेक्शन टेस्ट, बबल टेस्ट, प्राइस टेस्ट, एनर्जी फुल टेस्ट, वेट टेस्ट और स्क्रैच टेस्ट शामिल है।
क्या आप क्रिस्टल के साथ मेनिफेस्टेशन कर सकते हैं?
जी हां क्रिस्टल काम मेनिफेस्टेशन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है कई मेनिफेस्टेशन एक्सपर्ट विजुलाइजेशन और मेडिटेशन के लिए क्रिस्टल का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं वहीं मेनिफेस्टेशन जर्नल और विजन बोर्ड को चार्ज करने के लिए भी क्रिस्टल का इस्तेमाल किया जाता है।