
Sharad Purnima 2025 Upay: भारत में मनाया जाने वाला प्रत्येक त्योहार धार्मिक सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से परिपूर्ण होता है और ऐसा ही एक अद्वितीय त्यौहार है शरद पूर्णिमा। शरद पूर्णिमा को कोजागिरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह पर्व 6 और 7 अक्टूबर 2025 को मनाया जाने वाला है। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा से अमृत वर्षा होती है और यह अमृत औषधि गुणों और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली होता है।
शरद पूर्णिमा का महत्व
जी हां शरद पूर्णिमा केवल स्वास्थ्य लाभ को प्राप्त करने का शुभ अवसर नहीं बल्कि यह धन वैभव और समृद्धि प्राप्त करने का शुभ समय भी है। इस दिन की गई साधनाएं और विशेष पूजा माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा को आकर्षित करती है। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी भ्रमण पर निकलती है और ब्रह्मांड ऊर्जाएं चरम सीमा पर होती हैं, जिससे साधक को धन वैभव समृद्धि मिलती है।
वहीं शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण ने गोकुल में रासलीला खेली थी। इसीलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और चंद्रमा की प्रत्येक किरण ऊर्जा में होती है। ऐसे में इस दिन किए गए विशेष उपाय काफी लाभकारी सिद्ध होते हैं। और ऐसा ही एक उपाय आज हम आपको बताने वाले हैं जिसे अपना कर आप न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति कर पाएंगे बल्कि धन समृद्धि और आध्यात्मिकता को भी हासिल कर सकेंगे।
और पढ़ें: Kapoor Ke Upay: इस बार अमावस्या पर ज़रूर करें ये कपूर के तेल के टोटके
शरद पूर्णिमा पर अमृत वर्षा पोटली का उपाय
शरद पूर्णिमा के दिन अमृत वर्षा पोटली बनाना काफी लाभकारी उपाय होता है। यह उपाय माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का सबसे सशक्त उपाय है-
अमृत वर्षा पोटली बनाने के लिए ज़रूरी सामग्री
- लाल रंग का कपड़ा
- थोड़े से चावल
- एक सुपारी
- थोड़ा सा केसर
- ₹1 का सिक्का
अमृत वर्षा पोटली बनाने की विधि (Sharad Purnima Upay)
सबसे पहले लाल रंग का कपड़ा लें। लाल रंग का कपड़ा माता लक्ष्मी और समृद्धि का प्रतीक होता है। लाल रंग के कपड़े के बीचो-बीच थोड़े से चावल, एक सुपारी, थोड़ा केसर और ₹1 का सिक्का रखें। इस पोटली को अच्छी तरह से बांध लें। इस पोटली को बांधने के बाद इसे घर के मंदिर में रखें और “ओम श्री नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप पूरा होने के बाद इस पोटली को चावल के बक्से या कंटेनर में रखें।
कहा जाता है कि माता लक्ष्मी को अक्षत अर्थात चावल अति प्रिय होते हैं। ऐसे में इस पोटली को यदि चावल के कंटेनर में रखा गया है तो घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं आती। यह पोटली प्रत्येक वर्ष तैयार की जा सकती है। हर शरद पूर्णिमा को एक नई पोटली तैयार करें और पुरानी पोटली को नदी तालाब या स्वच्छ जल में प्रवाहित करें अथवा किसी पवित्र पेड़ के नीचे रख दें। हर वर्ष नई पोटली बनाएं और हर वर्ष माता लक्ष्मी की कृपा अर्जित करें।
शरद पूर्णिमा को अमृत वर्षा पोटली के साथ करें यह उपाय
शरद पूर्णिमा के दिन रात को चावल और दूध से बनी खीर तैयार करना और इसका सेवन करना प्राचीन परंपरा है। कहा जाता है कि चंद्रमा की रोशनी में तैयार की गई इस खीर का सेवन करने से मनुष्य को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। ऐसा करने के लिए सबसे पहले अपने पास चावल, दूध, चीनी और सूखे मेवे तैयार रखें। खुले आसमान के नीचे बैठकर इस खीर को तैयार करें। आप चाहें तो अपने रसोई घर में खीर पहले से ही तैयार कर इसे चंद्रमा की अमृतमई किरणों के नीचे रख सकते हैं।
यह खीर रात भर चंद्रमा की रोशनी में रख दें और भगवान को भोग लगाकर इसका सेवन स्वयं करें और परिवार जनों को प्रसाद के रूप में दें। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है। इस दिन प्रत्येक मनुष्य को चंद्रमा की रोशनी में बैठना चाहिए क्योंकि हमारा शरीर पानी से बना है और चंद्रमा की रोशनी पानी को प्रभावित करती है। ऐसे में शरद पूर्णिमा की रात 16 कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा की रोशनी में यदि कोई व्यक्ति 10 मिनट से लेकर 1 घंटे तक बैठता है तो उसे मानसिक शांति तो मिलती ही है कुंडली में चंद्रमा भी मजबूत होता है।
इस प्रकार शरद पूर्णिमा के दिन यदि अमृत वर्षा पोटली तैयार की गई और चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाकर उसका सेवन किया गया तो न केवल आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ भी होता है। शरद पूर्णिमा के दिन 16 कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा मनुष्य के जीवन में मानव शिकरता और आध्यात्मिक उन्नति लेकर आते हैं ऐसे में इस दिन का लाभ निश्चित रूप से उठाएं।
FAQ- Sharad Purnima 2025 Upay
चांदनी के नीचे खीर कब तक रखना है?
शरद पूर्णिमा पर चांद के नीचे खीर पूरी रात रखनी होती है और सुबह सूरज निकलने से पहले उसे हटा लेना जरूरी होता है। साथ ही मान्यता है कि इस खेल को सूर्योदय से पहले खा लेना चाहिए।
1 thought on “शरद पूर्णिमा 2025: अमृत वर्षा पोटली और लक्ष्मी प्राप्ति के विशेष उपाय”