गैसलाइटिंग मानसिक उत्पीड़न का एक शातिर जाल, आइए जानते हैं कैसे बचाएं खुद को

How to Deal With Gaslighting
Gaslighting से कैसे बचें

How to Deal With Gaslighting: आज के दौर में जब मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हम बहुत ज्यादा जागरूक हो चुके हैं तो हमें ऐसी-ऐसी चीज पता चलती हैं जिन्हें साधारण समझ कर नजर अंदाज कर दिया जाता था। ऐसी ही एक चीज है जिसको कहा जाता है गैस लाइटिंग (Gaslighting)। यह मानसिक उत्पीड़न का बहुत ही शातिर टूल है। इसमें जिस व्यक्ति का मानसिक शोषण हो रहा होता है उसी को यह एहसास करा दिया जाता है कि वह सामने वाले व्यक्ति का शोषण कर रहा है।

इसमें व्यक्ति को यह महसूस करा दिया जाता है कि उसके विचार, उसकी सोच और उसकी याददाश्त सब कमजोर हैं और उसके बाद धीरे-धीरे व्यक्ति का आत्मविश्वास और उसकी पर्सनालिटी को खोखला कर दिया जाता है। यह मानसिक उत्पीड़न इस हद तक बढ़ जाता है कि पीड़ित व्यक्ति खुद को ही सबसे ज्यादा खोजता रहता है। उसको लगता है हर समस्या के पीछे उसी का हाथ है। इसलिए इतनी हम जानेंगे गैसलाइटिंग क्या है (What is Gaslighting), इसे कैसे पहचाने और इसे खुद को बाहर कैसे लाएं (How to Deal With Gaslighting)

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गैसलाइंटिंग क्या है| What is Gaslighting

गैसलाइटिंग (Gaslighting) एक तरह की मानसिक रणनीति है जो व्यक्ति जानबूझकर या अनजाने में दूसरे लोगों पर इस्तेमाल करता है। इसमें व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति का दिमाग पूरी तरह से परिवर्तित करके रख देता है। आरोपी मैनिपुलेशन से पीड़ित को उस हद तक ले जाता है जहां पर सामने वाले व्यक्ति के विचारों को भी वह नियंत्रित करने लगता है। 

इस मानसिक शोषण की पराकाष्ठा तो तब हो जाती है जब वह व्यक्ति गैसलाइट करते हुए पीड़ित व्यक्ति की याददाश्त पर ही सवाल उठाने लगता है। गैसलाइट (Gaslight) शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 1944 में इसी नाम की फिल्म में हुआ था। इस फिल्म में पति अपनी पत्नी को पागल साबित करके उसकी संपत्ति कब्जाने की कोशिश करता है। गैसलाइटिंग के दौरान आरोपी व्यक्ति बार-बार झूठ बोलता है और पीड़ित व्यक्ति के ऊपर तरह-तरह के आरोप लगाकर उन आरोपों को उसी पीड़ित की नजरों में सच भी साबित कर देता है। 

गैस लाइटिंग के संकेत| Signs of Gaslighting

  • इसमें पीड़ित व्यक्ति को हमेशा लगता है कि शायद मैंने ही आरोपी की बात को सही से नहीं समझा।
  • आरोपी से बार-बार माफी मांगना भी इस बात का संकेत है कि गलती चाहे किसी की भी हो अगर आपको माफी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है तो कहीं ना कहीं आप गैसलाइटिंग के शिकार हैं।
  • गैसलाइटिंग (Gaslighting) से प्रेरित व्यक्ति किसी भी निर्णय पर पहुंच नहीं पाते हैं। वह किसी भी निर्णय को लेने से पहले अलग-अलग लोगों से कई बार पूछते हैं, क्योंकि उनके अंदर निर्णय लेने की क्षमता ही नहीं रह जाती है।आरोपी इसी का फायदा उठाता है और जो भी निर्णय वह लेता है, वह अपने अनुसार लेता है जिसमें पीड़ित व्यक्ति का कोई हित नहीं होता है। 
  • आरोपी व्यक्ति पीड़ित व्यक्ति से बार-बार यह बोलता है कि तुम ओवर रिएक्ट कर रहे हो। तुम बहुत ही इमोशनल हो रहे हो। इस तरह से पीड़ित व्यक्ति को नीचा दिखाया जाता है। पीड़ित व्यक्ति की जो भावनाएं वैलिड होती हैं, उन्हें भी इनवेलिड कर दिया जाता है। 
  • पीड़ित व्यक्ति इतना ज्यादा डर में रहने लगता है कि वह अपनी असली भावनाएं भी किसी से शेयर करने से डरता है। पीड़ित व्यक्ति को अपनी बात कहने में बहुत कठिनाई और परेशानी होती है। 
Signs of Gaslighting in Hindi
Gaslighting के संकेत

गैसलाइटिंग का असर 

गैसलाइटिंग (Gaslighting) एक धीमे  जहर की तरह होता है।यह धीरे-धीरे असर करता है ,लेकिन बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता है।

  • गैस लाइटिंग का शिकार लोग अक्सर अवसाद में रहते हैं। 
  • उनके अंदर सेल्फ डाउट आ जाता है ।
  • उन्हें अक्सर रह रहकर एंजायटी होती है ।
  • वह हमेशा वैलिडेशन के लिए लोगों से पूछते रहते हैं।
  • गैस लाइटिंग का शिकार व्यक्ति अपनी पहचान अपनी पर्सनालिटी खोता चला जाता है। 

कैसे निकलें इस जाल से बाहर| How to Deal With Gaslighting

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि गैसलाइटिंग से बाहर कैसे निकले (How to Deal With Gaslighting) तो इसके लिए सबसे पहले जागरूक होना बहुत जरूरी है। आरोपी के गैस लाइटिंग के पैटर्न को समझकर उस जाल से निकलने के लिए नीचे देख दिए गए उपायों को अपनाएं (How to Deal With Gaslighting)

  1. सबसे पहले इस बात को जाने की गैसलाइट करने वाला व्यक्ति आपका करीबी ही होता है। वह आपके विश्वास का नाजायज फायदा उठाता है। किसी भी रिश्ते में विश्वास और इज्जत बहुत जरूरी होती है, इसलिए इस पैटर्न को समझें कि रिश्ते में आपको बराबर की इज्जत और विश्वास मिल रहा है या नहीं। 
  2. अगर आपको ऐसा लगने लगता है कि सामने वाला व्यक्ति आपको गैसलाइट (Gaslight)कर रहा है, तो उसे सीधे इस बारे में ना बताएं बल्कि इधर-उधर की बातें करके उसे समझाने की कोशिश करें। अगर वह व्यक्ति आप गैसलाइट नहीं कर रहा होगा तो वह आपकी बात को समझ कर उन समस्याओं पर पूरी ईमानदारी से बात करेगा। लेकिन अगर वह व्यक्ति आपको गैसलाइट कर रहा है, तो वह आपकी आधी बात से ही आपको मैनिपुलेट करना शुरू कर देगा। इस चीज को आपको ही डीकोड करना होगा।
  3. अपना सपोर्ट सिस्टम बनाए रखें। अगर गैसलाइटिंग(Gaslighting) के दौरान आपने अपना सपोर्ट सिस्टम खत्म कर दिया है तो उसे फिर से जोड़ें। आप अपने नेटवर्क से जितना जुड़े रहेंगे उतना आपको मानसिक सहयोग मिलेगा। इस यात्रा में अगर दोस्त आपके साथ रहेंगे तो आपको बहुत मदद मिलेगी। 
  4. एक बार आपको समझ में आ जाए कि आपके साथ गैसलाइटिंग हो रही है और सामने वाला व्यक्ति यह मानने को भी तैयार नहीं है, तो अगर आप उसे व्यक्ति से दूर जा सकते हैं तो आप उसे व्यक्ति से दूर चले जाएं। अगर आप उस व्यक्ति से दूर नहीं जा सकते हैं, तो खुद को इस तरह से तैयार करें कि उनकी बातों का, उनके रिएक्शंस का आप पर प्रभाव पड़ना बंद हो जाए। 
  5. अगर आपको लगता है कि गैसलाइटिंग करने वाला व्यक्ति आपका असहनीय शोषण करने लगा है तो आपको प्रोफेशनल हेल्प लेनी चाहिए। इस बारे में अपने घर परिवार में भी बात करनी चाहिए। इन मुद्दों पर खुलकर चर्चा करें और खुद को शोषण का शिकार होने ना दे। 
Gaslighting in Hindi
Gaslighting in Hindi

गैसलाइटिंग सर्वाइवर के लिए सबसे जरूरी टिप

गैसलाइटिंग के जाल से बाहर निकलने के बाद आपके लिए सबसे जरूरी है अपनी बाउंड्रीज को बनाए रखना। जी हां आप गैसलाइट सर्वाइवर हैं। आपको पता है आपके हर रिश्ते की बाउंड्रीज क्या है? अगर कोई भी व्यक्ति उनको तोड़ता है तो आप उनसे दूर होने में जरा भी न हिचकिचाएं।

यह आपके लिए बेहद जरूरी है वरना जो व्यक्ति बाउंड्री तोड़ेगा वह व्यक्ति आपका मानसिक उत्पीड़न करने लगेगा, क्योंकि आप उसके लिए बहुत ही आसान शिकार बन जाएंगे। इसलिए अपनी बाउंड्रीज बिल्कुल भी न टूटने दें चाहे सामने कोई भी व्यक्ति हो। खुद को प्रायोरिटी बनाएं। सेल्फ केयर से लेकर सेल्फ एक्सप्रेशंस हर जगह ख़ुद को प्राथमिकता देनी है।

FAQ-How to Deal With Gaslighting

आप गैसलाइटर को कैसे संभालते हो?

गैस लाइटर से बचने के लिए उसे व्यक्ति की बातों के प्रति उदासीन होना एक अच्छा उपाय है इसके साथ ही साथ अपनी हेल्दी बाउंड्रीज सेट करना भी जरूरी है आवश्यकता पड़ने पर उस व्यक्ति से दूरी बनाना भी एक विकल्प हो सकता है। 

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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