
Saal Ki Aakhri Ekadashi Ke Upay: 31 दिसंबर का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में पार्टी, जश्न और आतिशबाजी का ख्याल आता है। लेकिन 31 दिसंबर 2025 का दिन साधारण नहीं है। यह दिन कैलेंडर की एक तारीख बदलने से कहीं बढ़कर है।
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, साल का आखिरी दिन एकादशी(Ekadashi) की पावन तिथि के साथ आ रहा है। यह एक दुर्लभ और अद्भुत संयोग है। एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। सोचिए, साल का समापन और नए साल का स्वागत अगर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा के साथ हो, तो आने वाला साल 2026 कितना मंगलमय होगा!
यह दिन पुराने साल की नकारात्मकता, दुख और दरिद्रता को घर से बाहर निकालने और नए साल में सुख-समृद्धि को आमंत्रित करने का अंतिम और सर्वोत्तम अवसर है।
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क्यों खास है 31 दिसंबर की यह एकादशी?
आमतौर पर हम 31st Night को पार्टी करते हैं, लेकिन इस बार पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) का योग बन रहा है। यह दिन पापों के नाश और मन की शुद्धि का दिन है। शास्त्र कहते हैं कि साल के अंतिम दिन किया गया पुण्य, पूरे वर्ष के पापों को धो देता है। यदि आप चाहते हैं कि 2026 में आपकी तिजोरी भरी रहे और घर में शांति हो, तो पार्टी से पहले ये आध्यात्मिक उपाय जरूर कर लें।
साल के आखिरी दिन के 5 महा-उपाय (31st December Rituals)
यदि आप इन उपायों को श्रद्धा के साथ करते हैं, तो 2025 की सारी बुरी यादें मिट जाएंगी और 2026 का सूर्योदय आपके लिए सौभाग्य लेकर आएगा।
1. ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और संकल्प
सबसे पहले 31 दिसंबर की सुबह ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से पहले) में उठें।
- विधि: नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल या तुलसी के पत्ते डालें। यह सामान्य स्नान नहीं, बल्कि आत्म-शुद्धि है।
- संकल्प: स्नान करते समय मन में संकल्प लें: “मैं 2025 की सारी बीमारियों, कर्जों और नकारात्मक विचारों को यहीं छोड़कर, 2026 में पवित्रता और शांति के साथ प्रवेश कर रहा हूँ।”
- महत्व: यह मानसिक डिटॉक्स (Mental Detox) नए साल की बेहतरीन शुरुआत है।
2. श्री हरि और लक्ष्मी जी का विशेष पूजन
एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की साथ में पूजा करने से ‘राजयोग’ बनता है।
- विधि: घर के मंदिर में एक पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। उस पर भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें पीले फूल, चने की दाल, केले और मिठाई अर्पित करें।
- महामंत्र: इसके बाद तुलसी की माला या सामान्य माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- लाभ: यह मंत्र जीवन में स्थिरता (Stability) लाता है, जो 2026 में करियर और बिजनेस के लिए बहुत जरूरी है।

3. शाम को तुलसी पूजन: घर का सुरक्षा कवच
31 दिसंबर की शाम को जब पूरी दुनिया पार्टी की तैयारी कर रही हो, आप अपने घर की सुरक्षा के लिए यह उपाय करें।
- विधि: तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक जलाएं। इसके बाद तुलसी माता की 7 बार परिक्रमा करें।
- प्रार्थना: परिक्रमा करते समय प्रार्थना करें कि “हे माँ, मेरे घर को बुरी नजर और रोगों से मुक्त रखना।”
- लाभ: यह उपाय आपके घर के चारों ओर एक ‘पॉजिटिव एनर्जी’ का घेरा बना देता है।
4. मुख्य द्वार पर हल्दी वाला दीपक (Main Remedy)
यह इस आर्टिकल का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है, जो सीधे धन लाभ (Dhan Labh) से जुड़ा है।
- विधि: 31 दिसंबर की रात अपने घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं।
- सीक्रेट: दीपक में एक चुटकी हल्दी या केसर डाल दें।
- लाभ: हल्दी भगवान विष्णु को प्रिय है। यह पीला दीपक 2025 की दरिद्रता को विदा करेगा और 2026 में लक्ष्मी जी का स्वागत करेगा।
5. दान और क्षमा (The Power of Forgiveness)
शास्त्रों में लिखा है, “अंत भला तो सब भला।”
- दान: साल की आखिरी एकादशी पर किसी जरूरतमंद को अनाज, गर्म कपड़े या भोजन का दान करें। यह आपके कर्मों को शुद्ध करता है।
- क्षमा (Forgiveness): सबसे बड़ा उपाय है माफ़ कर देना। अगर 2025 में किसी ने आपका दिल दुखाया है, तो आज उसे दिल से माफ़ कर दें। भारी मन लेकर नए साल में प्रवेश न करें।

सावधान! 31 दिसंबर को भूलकर भी न करें ये काम
चूंकि यह एकादशी का पवित्र दिन है, इसलिए न्यू ईयर पार्टी के चक्कर में ये गलतियां न करें:
- मांस-मदिरा (No Alcohol/Meat): इस दिन नॉन-वेज या शराब का सेवन करना साक्षात दुर्भाग्य को न्यौता देना है। सात्विक भोजन ही करें।
- चावल का त्याग: एकादशी पर चावल खाना वर्जित माना जाता है।
- क्रोध और झगड़ा: साल के आखिरी दिन घर में क्लेश न करें, वरना पूरा नया साल तनाव में बीतेगा।
- देर रात शोर: बहुत ज्यादा शोर-शराबा करने से बचें, संयम ही एकादशी की शक्ति है।
निष्कर्ष–Saal Ki Aakhri Ekadashi Ke Upay
31 दिसंबर 2025 केवल एक तारीख नहीं, बल्कि एक संधि-काल (Transition Period) है। यह दिन जीवन को शुद्ध करने और नए साल को सुखद बनाने का अंतिम अवसर है।
याद रखें, नया साल घड़ी में 12 बजने से नहीं बदलता, बल्कि हमारे कर्म और विचार बदलने से बदलता है। तो इस बार डीजे की धुन पर नहीं, बल्कि हरि नाम के जाप और दीपों की रोशनी के साथ 2026 का स्वागत करें।
आप सभी को आने वाले नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!