
Mangal Ketu Yuti: दोस्तों 7 जून से 28 जुलाई तक मंगल केतु युति चलेगी। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि इस युति के दौरान होने वाला अंगारक दोष (Angarak Yog 2025) ऐसा दोष है जो इंसान के जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। जब मंगल और राहु या मंगल और केतु एक साथ युति बनकर किसी भाव में बैठते हैं तब अंगारक दोष बनता है।
इसके प्रभाव से व्यक्ति मानसिक तनाव, पारिवारिक विवाद, अचानक होने वाली हानि तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करता है। यह आर्टिकल मंगल-केतु युति (Mangal Ketu Yuti 2025) के कारण निर्मित होने वाले अंगारक योग पर आधारित है जिसके माध्यम से आप इस योग के प्रभाव को विस्तार से समझ पाएंगे और जान सकेंगे कि इसका निवारण कैसे करना है।
क्या है मंगल और केतु की युति के दौरान बनने वाला अंगारक योग
ऊर्जा, ताकत और क्रोध का प्रतीक मंगल ग्रह जब राहु या केतु जैसे छाया ग्रहों के साथ संयोग बनाकर एक भाव में आता है तब अंगारक योग (Angarak Yog 2025) का निर्माण होता है। राहु अचानक होने वाली घटनाओं और भ्रम का कारण है जबकि केतु आध्यात्मिकता और पिछले कर्मों से संबंधित है।
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इन ग्रहों का संयोग किसी व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक घटनाओं के साथ-साथ स्थिरता लाता है। 7 जून से लेकर 28 जुलाई तक मंगल और केतु की युति (Mangal Ketu Yuti 2025) है जिसके कारण अंगारक दोष निर्मित हो रहा है जो सिंह, धनु, मकर, कर्क और मेष राशि के जातकों पर विशेष रूप से असर डालेगा।

अंगारक योग के नुकसान
जैसा कि हमने चर्चा की कि मंगल-केतु युति से निर्मित होने वाले अंगारक योग (Angarak Yog 2025) का असर पांच राशियों पर पड़ेगा। चलिए जानते हैं कि इन सभी राशियों पर इस दोष के क्या प्रभाव होंगे-
- सिंह राशि– क्रोध व मानसिक तनाव में वृद्धि।
- कर्क राशि– परिवार में विवाद और रिश्तो में तनाव की संभावना।
- मेष राशि– अचानक से कोई हानि या नुकसान की संभावना।
- धनु राशि– आर्थिक नुकसान और कार्य स्थल पर तकलीफ होने की संभावना।
- मकर राशि– स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ेगी।
इन सभी प्रभावों के कारण इन जातकों के का जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। इस दोष के प्रभाव को कम करने के कुछ सावधानियां और उपाय करके इसे बचा जा सकता है।
मंगल-केतु युति के उपाय
मंगल-केतु युति (Mangal Ketu Yuti 2025) से निर्मित अंगारक योग का प्रभाव घटाने के लिए कुछ सावधानियां और तरीके हम आपको बता रहे हैं, जो आपको इसके दुष्प्रभाव से बचने में मदद करेंगे-
हनुमान चालीसा का पाठ – यदि हनुमान चालीसा का नियमित पाठ किया जाए तो यह मंगल ग्रह के सभी दुष्प्रभावों को खत्म करती है। मंगलवार और शनिवार को मंगल केतु की शांति के लिए आप इसका पाठ कर सकते हैं।
मंगल और केतु की शांति के लिए दान– मंगलवार के दिन लाल मसूर की दाल और शनिवार को काले तिल का दान करके मंगल केतु युति से होने वाले अंगारक योग के असर को घटाया जा सकता है।
तांबे का कड़ा और लाल चंदन धारण करें– तांबे का कड़ा धारण करने से मंगल की ऊर्जा संतुलित होती है और लाल चंदन का तिलक मानसिक शांति प्रदान करता है। आप इन दोनों ही चीजों को अंगारक दोष के दौरान धारण कर सकते हैं।
गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी बरतें– अंगारक दोष का प्रभाव दुर्घटना में वृद्धि करता है इसलिए इस दौरान गाड़ी चलाते वक्त पूरी तरह से सतर्क और सावधान रहें।
निष्कर्ष
मंगल-केतु युति (Mangal Ketu Yuti 2025) पर बनने वाला अंगारक योग बहुत गंभीर ज्योतिषीय योग है। इसके असर को ऊपर बताए गए आसान तरीकों का इस्तेमाल करके काम किया जा सकता है। हमारे द्वारा बताए गए इन उपायों का इस्तेमाल करके आप इस दोस्त के प्रभाव से बच सकते हैं।
FAQ- Mangal Ketu Yuti 2025
मंगल केतु युति के क्या प्रभाव होते हैं?
मंगल केतु युति के दौरान अंगारक दोष बनता है जो जातक के जीवन में बहुत ही नकारात्मक प्रभाव लाता है।