दिवाली पर धन वर्षा हेतु बनाएँ कुबेर लक्ष्मी पोटली जाने इसकी विधि सामग्री और आध्यात्मिक महत्व

Lakshmi Kuber Potli Kaise Banaen
Lakshmi Kuber Potli Kaise Banaen

Lakshmi Kuber Potli Kaise Banaen:  दिवाली केवल रोशनी, मिठाई और जगमगाहट का पर्व नहीं है। यह पर्व है मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर के पृथ्वी लोक पर विचरण करने का पर्व है। जी हां इस पर्व को महालक्ष्मी प्रकट तिथि भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी और युगों से अपने चंचल स्वभाव तथा ऐश्वर्य धनसंपदा से भरपूर गुणों से धरती का कल्याण कर रही है। इसलिये अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी की आराधना तो की ही जाती है साथ ही विशेष उपाय भी किए जाते हैं और इन्हीं उपायों में से एक है धन वर्षा हेतु कुबेर-लक्ष्मी पोटली बनाना।

कुबेर लक्ष्मी पोटली बनाकर घर में स्थापित करने से मां लक्ष्मी आकर्षित होती है। यह पोटली एक दिव्य ऊर्जा केंद्र का काम करती है जिसकी वजह से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा खिंची चली आती है। सकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ यह पोटली अपने विशिष्ट गुणों के चलते माता लक्ष्मी को भी आकर्षित करती है जिसकी वजह से माता लक्ष्मी कुबेर समेत आपके घर में विराजमान हो जाती है। इस पोटली को घर में स्थापित करने से माता लक्ष्मी चंचल रूप में नहीं परंतु स्थिर रूप में आपके घर में बस जाती है। इसीलिए इस पोटली का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी कहा जाता है।

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हालांकि आजकल बाजारों में यह पोटली बनी बनाई मिल रही है परंतु यदि आप अपने हाथ से इसे श्रद्धा भाव से बनाते हैं तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। और आज के इस लेख में हम आपको इसी की सारी जानकारी उपलब्ध कराएंगे जहां हम बताएंगे इस पोटली को बनाने की आवश्यक सामग्री पोटली की पूजा विधि और इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले वस्तुओं का आध्यात्मिक महत्व।

धन वर्षा कुबेर लक्ष्मी पोटली के लिए आवश्यक सामग्री

धन वर्षा कुबेर पोटली के लिए कुछ वस्तुओं की विशेष आवश्यकता होती है। हालांकि यह वस्तुएं पूजन सामग्री की दुकानों पर आसानी से मिल जाती है परंतु इनमें से कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जैसे की चांदी का सिक्का, कमलगट्टा इत्यादि आपको अलग से खरीदना पड़ता है। हालांकि आप चाहे तो इसे ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। सामग्री की सूची इस प्रकार है: 

  1. लाल कपड़ा
  2. चांदी का सिक्का
  3. 100 या 500 का नोट 
  4. साबुत हल्दी की गांठ 
  5. दो या पांच कौड़िया
  6. लाल गुंजा के बीज 
  7. कमल गट्टा
  8. गोमती चक्र 
  9. जायफल 
  10. सबूत 
  11. नारियल 
  12. लौंग
  13. नाग केसर 
  14. एक छोटा श्री यंत्र
Lakshmi Kuber Potli Banane ki Samagri
Lakshmi Kuber Potli Banane ki Samagri

पोटली में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ विशेष वस्तुओं का आध्यात्मिक महत्व

कमलगट्टा:  कमल गट्टा कमल के बीज को कहा जाता है। यह महालक्ष्मी के प्रिय पुष्प कमल का हिस्सा है क्योंकि माता लक्ष्मी कमल पर विराजमान होती है ऐसे में कमलगट्टा पोटली में रखने से माता लक्ष्मी आपके घर में सदैव विराजमान रहती है। कमलगट्टे की माला से श्री सूक्त या लक्ष्मी बीज मन्त्र का जाप करने से भी धन मार्ग खुलते हैं। ऐसे में पोटली में कमलगट्टा रखना यानी लक्ष्मी का स्थायित्व। 

नागकेसर: यह एक सुगंधित पुष्प का बीज होता है जो आयुर्वेद में अत्यंत पवित्र माना जाता है। नागकेसर माता लक्ष्मी को अत्यधिक प्रिय है। कहा जाता है कि इससे माता लक्ष्मी आकर्षित होती है। नाग केसर को लक्ष्मी पूजा में रखने से लक्ष्मी देवी प्रसन्न होती है और घर में स्थायी रूप से वास करती है। नाग केसर न केवल भौतिक समृद्धि लाता है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है इस धन चुंबक भी कहा जाता है।

गोमती चक्र:  गोमती चक्र शंख जैसी गोल आकृति वाली वस्तु होती है जो गोमती नदी से प्राप्त होते हैं। इसे विष्णु और लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। गोमती चक्र रखने से नजर दोष, कर्ज, संकट और वित्तीय रुकावटें दूर होते हैं यह पोटली में संरक्षण कवच की भूमिका निभाता है।

श्री यंत्र: श्री यंत्र महालक्ष्मी का साक्षात स्वरूप माना जाता है। यह 9 कोणों से निर्मित होता है जो देवी की 9 शक्तियों का प्रतीक है। श्री यंत्र का छोटा स्वरूप यदि पोटली में रखा गया तो यह धनागमन की दिशा को सक्रिय करता है और ऊर्जा केंद्र में संतुलन लाता है यह सकारात्मक कंपन पैदा करता है और दरिद्रता दूर करता है।

लाल गुंजा: लाल गुंजा लाल रंग का एक छोटा सा बीज होता है जो बहुत ही शुभ होता है। इसे माता लक्ष्मी और कुबेर दोनों का ही प्रिय माना जाता है। लाल गुंजा धन को आकर्षित करता है। यह ग्रह की नकारात्मकता को दूर कर स्थिरता लाता है। लाल गुंजा को अपनी तिजोरी में रखने से आमदनी बढ़ती है और खर्च नियंत्रित होते हैं।

Lakshmi Kuber Potli Banane ki Vidhi
Lakshmi Kuber Potli Banane ki Vidhi

चलिए अब जानते हैं यह पोटली को कैसे बनाएं और कैसे करें इसकी पूजा 

सबसे पहले लाल कपड़े को दिवाली की रात पूजा करते समय मंदिर में रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान गणेश की आराधना करें। तत्पश्चात इस कपड़े पर सारी सामग्रियां रख दें। सारी सामग्री रखने के बाद माता लक्ष्मी का ‘ओम श्री ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्मी नमः’ और कुबेर का ‘ओम यक्षाएं कुबेर वैश्रवणाय धन-धान्य  नमः’ इस मंत्र का जाप करें।

इसके बाद इसे रात भर मंदिर में खुला रखें ताकि इसमें दिव्य ऊर्जा समाहित हो सके। अगली सुबह सूर्योदय के बाद सभी सामग्री  छोटी पोटली के रूप में बांध ले और इसे अपनी तिजोरी अलमारी या जहां आप धन रखते हैं वहां रखें। हर वर्ष दीपावली पर इस पोटली को बनाना शुभ माना जाता है। यदि आपके पास से पिछले वर्ष की पोटली पड़ी है तो धनतेरस से एक दिन पहले इस पोटली का विसर्जन करें और इसमें रखे चांदी के सिक्के पैसे निकालने और बाकी सामग्री किसी पवित्र नदी या जल में प्रवाहित कर दे।

इस पोटली को रखने के क्या लाभ होते हैं?

  • घर में इस पोटली को रखने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
  • पोटली मन को शुद्ध और आत्मा को प्रसन्न करती है।
  • यह पोटली माता लक्ष्मी को और भगवान कुबेर को आकर्षित करती है।
  • पोटली में रखे इस दिव्य वस्तुएं दिव्य तरंगे प्रकट होती हैं जिसकी वजह से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी ग्रहों की कृपा प्राप्त होती है।
  • पोटली में रखे सामान आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं और लक्ष्मी स्थिर भाव से आपके घर विराजमान हो जाती है।
Lakshmi Kuber Potli Benefits
Lakshmi Kuber Potli Benefits

धन वर्षा कुबेर लक्ष्मी पोटली न केवल एक पारंपरिक प्रथा है बल्कि यह आस्था, संकल्प और सकारात्मक ऊर्जा का संगम है। प्रत्येक वर्ष इसे घर में बनाकर रखने से माता लक्ष्मी की उपस्थिति सुनिश्चित हो जाती है। इस पोटली में कमलगट्टा, नागकेसर, गोमती चक्र, श्री यंत्र, लाल गुंजा जैसे विशेष सामग्रियां होती है जो धन तंत्र की आराधना संपन्न करते हैं। ऐसे में आप भी प्रत्येक वर्ष इस पोटली का निर्माण अपने हाथों से कर सकते हैं और अपने जीवन में मां लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। 

FAQ- Lakshmi Kuber Potli Kaise Banaen

कुबेर पोटली में क्या सामग्री होती है?

कुबेर पोटली में लाल कपड़ा, चांदी का सिक्का, 100 या 500 का नोट, साबुत हल्दी की गांठ, दो या पांच कौड़िया, लाल गुंजा के बीज, कमल गट्टा, गोमती चक्र, जायफल, सबूत, नारियल, लौंग, नाग केसर, एक छोटा श्री यंत्र इत्यादि सामग्रियां होती हैं। 

कुबेर पोटली कब बनानी चाहिए?

कुबेर पोटली धनतेरस से लेकर दिवाली के बीच में बनाई जाने चाहिए क्योंकि इस समय लक्ष्मी और कुबेर की कृपा अपने उच्चतम स्तर पर होती है।

लक्ष्मी पोटली में क्या डालना चाहिए?

लक्ष्मी पोटली में साबुत धनिया, कमल गट्टे के बीज, पीली कौड़ी, गोमती चक्र, चांदी का सिक्का,  हरी इलायची, हल्दी की गांठ इत्यादि चीज डालनी चाहिए।

लक्ष्मी पोटली कब बनानी चाहिए?

लक्ष्मी पोटली दिवाली के दिन बनानी चाहिए। इसे लक्ष्मी पूजा के दौरान एक्टिवेट किया जाता है और फिर तिजोरी में रखा जाता है।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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