
Pitru Dosha Nivarana: जैसा कि हम सब जानते हैं कि हमारी कुंडली में बहुत सारे दोष होते हैंं जैसे कालसर्प दोष, मांगलिक दोष। उसी प्रकार पितृ दोष हमारी कुंडली में पाया जाने वाला एक ऐसा दोष होता है जिसकी वजह से हमें बहुत सारी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष तब होता है जब हमारे पूर्वजों की आत्मा तृप्त न हो उन्हे मुक्ति न मिली हो तो हमारे वंशजों पर पितृदोष लगता है।
यह दोष विवाह, संतान, स्वास्थ के रूप में हमारे जीवन पर प्रभाव डालता है। पितृ दोष के कई कारण होते हैं। जैसे अतिम संस्कार गलत ढंग से करना, उनके पिंडदान में गलती होना, हमारे ग्रहों की स्थिती भी पितृदोष का कारण बनती है। ज्योतिष के अनुसार पितृदोष होने से हमे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, कई कष्ट असफलताएँ झेलनी पड़ती हैं, हमारे काम नहीं बनते या बनते बनते बिगड़ जाते हैं। पितृ दोष के कारण संतान का सुख नहीं मिलता और मिलता भी है तो हमारी संतानों को कष्ट भोगना पड़ता है।
पितृदोष को दूर करने का उचित समय पितृपक्ष ही होता हैं। पितृपक्ष में श्राद्ध करके, दान करके, नियम से उपाय करके हम अपने पूर्वजोंं की आत्मा को शांति प्रदान कर के सुख समृद्धि प्राप्त कर सकते है। आइए हम विस्तार से समझते हैं कि किस तरह पितृपक्ष में हम पितृदोष का निवारण कर सकते हैं।
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पितृ पक्ष का महत्व
पितृपक्ष पितरों को समर्पित होता है, यह 15 दिन का होता है जो कृष्ण पक्ष में पड़ता है। पितृपक्ष में श्राद्ध और तर्पण करने से पितृ तृप्त होते हैंं, उन्हें मोक्ष मिलता है। पितृपक्ष में किया गया तर्पण, दान और श्राद्ध हमारे पितरों को संतुष्टि प्रदान करता है जिससे वह खुश होते हैंं, उनकी आत्मा को शांति मिलती है। पितरों के ख़ुश होने से हमारे पितृ दोष जो कि हमारी कुंडली में होते हैंं वह दूर होते हैंं, उनसे हमें मुक्ति मिलती है। पितृ दोष का निवारण पितृपक्ष में किया जाए तो उसका फल हमें अवश्य ही मिलता है। कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें करके हम पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।

पितृदोष के निवारण हेतु उपाय(Pitru Dosha Nivarana Upay)
पितृदोष हटाने के लिए हमे पितृपक्ष में नियमित रूप से पितरों का श्राद्ध करना चाहिए। सूर्य को अर्घ्य देना, पीपल के पेड़ पर नियमित जल चढ़ाना, पूर्वजोंं की तस्वीर दक्षिण दिशा में लगाकर नियमित रूप से उनका आशीर्वाद लेना ये सब हमारे पितृदोष को कम करते हैं।
इसके अलावा शिवलिंग पर जल, दूध, काले तिल, चढ़ाने से भी हमारे पितृदोष काम होते हैं। पितृपक्ष में कन्याओं को भोजन कराना, ब्राह्मणों को भोजन कराना, दान दक्षिणा करना, यह भी हमारे पितृ दोष को काम करता है। इसके अलावा कुछ ऐसे उपाय हैं जो हम नियमित रूप से करके अपने पितृ दोष को कम कर सकते हैं–
श्राद्ध और तर्पण: श्राद्ध का अर्थ होता है दान देना, ब्राह्मणों को भोजन कराना और तर्पण का अर्थ होता है पितरों को तृप्त करना। पितृपक्ष में श्राद्ध और तर्पण का बहुत महत्व होता है। पितृपक्ष में अपने पूर्वजोंं का नाम लेकर ब्राह्मण को या कन्या को भोजन करवा कर हम पितरों को तृप्त कर पितृ दोष को कम कर सकते हैं।
पीपल को जल चढ़ाकर: कहा जाता है कि पीपल में हमारे पितरों का वास होता है इसलिए नियमित रूप से पीपल को जल अर्पित करके, पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दिया जलाकर, पीपल की जड़ में गुड डालने से हम अपने पितृ दोष को कम कर सकते हैं।

शिव पूजा करके: महादेव को प्रसन्न करने से भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए नियमित रूप से शिवजी को जल अर्पित करके दूध से, काले तिल से उनका अभिषेक करके भी हम पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
भोजन का दान करके: दान धर्म करने से हमारे पितृ प्रसन्न होते हैंं उन्हें संतुष्टि प्राप्त होती है। इसलिए पितरों के नाम पर नियमित रूप किसी गरीब को भोजन का दान करके, ब्राह्मण को या जरूरतमंद को दान दक्षिणा देकर भी हम पितृदोष से मुक्ति पा सकते हैं।
दिया बाती करके: नियमित रूप से पूर्वजोंं की तस्वीरों के सामने सरसों के तेल का दिया जलाकर या पीपल के वृक्ष पर दिया जलाकर अपने घर पर तुलसी के पेड़ के सामने दिया जलाकर पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
कुत्ते को रोटी खिलाना: कुत्तों में पितरों का वास होता है इसलिए कुत्ते को रोटी खिलाकर, पास करके काले कुत्ते को रोटी खिलाकर और जानवरों को हानि न पहुंच कर भी हम पितृ दोष को दूर कर सकते हैं।
कौवे को भोजन खिलाना: कहा जाता है कि हमारे पूर्वज कौवे का रूप लेकर हमसे मिलने आते हैं। इसलिए कौवे को भोजन खिलाने से हमारे पूर्वजोंं को शांति मिलती है। पितृ पक्ष में रोज सुबह कौवे को भोजन खिलाना चाहिए।

इसके अलावा कुछ अन्य उपाय भी है जो हम कर सकते हैं जैसे–
- गायों को चारा खिलाने से पितरों को संतुष्टि प्राप्त होती है जिसे हम पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
- कन्याओं को भोजन कराकर या गरीब कन्याओं की सहायता करने से पितृ संतुष्ट होते हैंं जिसे हमें पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
- तुलसी का पौधा भगवान का स्वरूप होता है इसलिए रोज इस पर दिया जरूर जलाना चाहिए से पितरों को संतुष्टि प्राप्त होती है और हमें पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
- ऐसे लोग जो मजबूर हैं जिन्हें किसी भी तरह से सहायता की जरूरत होती है उनकी सहायता करके हम पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
- रोज घर में कपूर जलाने से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है। पितरों को शांति प्राप्त होती है जिसे हमारा पितृ दोष कम होता है
- ओम नमो भगवते वासुदेवाय का मंत्र जप करना का जप करके भी हम पितरों को संतुष्ट कर सकते हैं, जिससे हमारा पितृ दोष कम होता है।
यह कुछ उपाय हैं जिसे हम करके पितृदोष से मुक्ति पा सकते हैं। अगर यह उपाय पितृपक्ष में कर जाएं तो इसका फल जरुर प्राप्त होता है और हमें पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
पितृ दोष एक ज्योतिषी दोष नहीं है यह हमारी कुंडली में होने वाला वह दोष है जो हमारे पितरों की किसी अधूरी इच्छा उनके अंतिमसंस्कार में गलतियां होना, ऐसा कोई काम जो हमारे पूर्वजोंं का अधूरा रह जाने के कारण होता है। पितृपक्ष में हमें यह अवसर मिलता है कि हम श्रद्धा से दान पुण्य करके ब्राह्मणों को भोजन करवा कर तर्पण करके अपने पूर्वजोंं की आत्मा को शांति प्रदान करें जिससे हमारे कुंडली में जो पितृ दोष होता है वह समाप्त हो सकेl
पितृ दोष से कैसे छुटकारा पाएं?
यदि पितृपक्ष के 15 दिनों में व्यक्ति श्रद्धा से ब्राह्मणों की कन्याओं की और पितरों की सेवा करता है तो उन्हें पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त होती है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन शाम के समय दिया जलाकर पितरों का स्मरण करके उसे अपनी गलती की माफी मांग के पितरों को संतुष्ट करके हम पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।