
Shri Yantra ke Fayde: दीपावली का पर्व नजदीक आ रहा है। ऐसे में हर कोई माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का तरीका ढूंढ रहा है। परंतु माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए केवल श्रद्धा और पूजा विधि काफी नहीं। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष यंत्र की भी आवश्यकता होती है। जी हां, इसे ही श्री यंत्र कहा जाता है। श्री यंत्र एक ऐसा यंत्र है जो ब्रह्मांडिय ऊर्जा को अपनी और आकर्षित करता है। इसे राज यंत्र भी कहा जाता है क्योंकि यह यंत्र सभी यंत्रों का स्वामी है। यह देवी त्रिपुरसुंदरी का साक्षात प्रतीक है जो धन-धान्य, सौभाग्य, वैभव आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है।
यदि किसी व्यक्ति को माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करनी है तो उसे श्री यंत्र का पूजन अनिवार्य रूप से करना चाहिए। श्री यंत्र माता लक्ष्मी का स्थायी निवास है। कहा जाता है कि यह माता लक्ष्मी की 9 विशेष सिद्धियों का प्रतीक है क्योंकि इसमें भी 9 कोण होते हैं जो लक्ष्मी के पूर्णता का आभास कराते हैं। और इसीलिए यदि कोई व्यक्ति माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहता है तो वे स्वर्ण या तांबे के श्री यंत्र की पूजा अनिवार्य रूप से करें।
और पढ़ें: काली चौदस पर मां काली की पूजा, महत्व, विधि और काली मां को प्रसन्न करने के अद्भुत उपाय
क्या होता है श्री यंत्र
श्री यंत्र एक ज्यामितीय आकृति होती है जिसमें 9 कोण बने होते हैं। यह 9 कोण एक दूसरे में इस प्रकार समाहित होते हैं कि वह ब्रह्मांड की ऊर्जा का केंद्र विस्तारित करते हैं। श्री यंत्र में ऊपर की ओर 4 त्रिकोण होते हैं जो शिव तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं और नीचे की ओर 5 त्रिकोण होते हैं जो शक्ति तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। कहा जाता है कि शिव और शक्ति के यह मिलन स्वरूप बना यह श्री यंत्र माता लक्ष्मी का आसन है और इसी के मध्य बिंदु से लक्ष्मी की कृपा सब पर बरसती है।
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री यंत्र की स्थापना कैसे करें
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री यंत्र की स्थापना यदि दिवाली के दिन की गई तो यह सबसे शुभ समय माना जाता है। दिवाली अमावस्या की तिथि पर पड़ती है ऐसे में प्रदोष काल शाम 6:30 से 8:30 के बीच श्री यंत्र की स्थापना का सबसे शुभ समय माना जाता है। हालांकि यदि इस समय यंत्र की स्थापना असंभव हो तो अमावस्या की रात्रि किसी भी शुभ मुहूर्त में स्थापना की जा सकती है।

श्री यंत्र की स्थापना के लिए की जाने वाली तैयारी
- श्री यंत्र की स्थापना करने से पहले घर की सफाई निश्चित रूप से करें।
- खासकर जिस जगह पर श्री यंत्र रखना चाहते हैं वह जगह स्वच्छ करें ।
- इसके बाद उत्तर पूर्व दिशा का चयन करें।
- श्री यंत्र के लिए लाल या पीले कपड़े का आसान बनाएं।
- यंत्र पूजा हेतु सामग्री तैयार रखें जैसे कि गंगाजल, फुल, चावल, दीपक, लाल कपड़ा, हल्दी, कुमकुम, दूर्वा तुलसी के पत्ते, मिट्टी का दीपक, चंदन और इत्र।
श्री यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा और पूजा विधि
सबसे पहले श्री यंत्र को गंगाजल ,दूध और केसर से मिले जल से स्नान करायें। इसके बाद इसे साफ कपड़े से पोंछ ले। श्री यंत्र का अभिषेक करते समय माता लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप अवश्य करें। इसके बाद श्री यंत्र को लाल कपड़े पर रखें कोशिश करने की लाल कपड़े के नीचे चांदी या तांबे का बर्तन हो। इसके पश्चात श्री यंत्र के सामने बैठकर ध्यान में लीन होने की कोशिश करें और माता लक्ष्मी के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।
बाद में दीप प्रज्वलित करें, घी का दीपक अनिवार्य रूप से जलाएं। इसके बाद भगवान गणेश का आवाहन करें और यंत्र पूजा शुरू करें। यंत्र पर चंदन, कुमकुम, अक्षत, पुष्प चढ़ाएं और माता लक्ष्मी का बीज मंत्र जपते रहे। तत्पश्चात श्री यंत्र को माता लक्ष्मी की मूर्ति के सामने रखें और अब पुष्प धूप दीप नैवेद्य अर्पित करें।
हो सके तो इस दिन कुबेर यंत्र की स्थापना भी करें और तत्पश्चात माता लक्ष्मी की आरती करें और माता लक्ष्मी से श्री यंत्र में विराजित होने का आवाहन करें। साथ ही प्रार्थना करें कि इस यंत्र में विराज कर आप मेरे घर में स्थाई समृद्धि और सौभाग्य बरसाए।

श्री यंत्र की नियमित पूजा और देखभाल
- एक बार श्री यंत्र घर में स्थापित कर दिया गया तो रोजाना श्री यंत्र के सामने दीपक जलाएं ।
- हर शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन श्री यंत्र के सामने पुष्प और सुगंध अर्पित करें।
- महीने में एक बार श्री यंत्र को गंगाजल से शुद्ध करें और माता लक्ष्मी का आवाहन करें ।
- श्री यंत्र को हर महीने चार्ज करना अनिवार्य है और इसे स्थापना की तरह ही हर महीने चार्ज करें।
श्री यंत्र की स्थापना के अद्भुत लाभ(Shri Yantra ke Fayde)
- श्री यंत्र की स्थापना होते ही घर में और व्यवसाय में आर्थिक वृद्धि आने लगती है।
- यदि कोई व्यक्ति कर्ज में डूबा है तो अचानक से कर्ज से राहत मिलने लगती है ।
- व्यक्ति के जीवन में यश कीर्ति सम्मान और पारिवारिक सुख बढ़ता है।
- आत्मिक स्थिरता आती है और सकारात्मक आती है।
- साधक को ब्रह्माण्ड की ऊर्जा अपने आसपास महसूस होती है।
- कई बार साधक मेनिफेस्टेशन की प्रक्रिया में भी माहिर हो जाते हैं और जो मांगते हैं वह मिलने लगता है।

कुल मिलाकर श्री यंत्र केवल एक आकृति मात्र नहीं यह माता लक्ष्मी का जीवन्त प्रतीक है। आप दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान श्री यंत्र की स्थापना कर सकते हैं अथवा आप चाहे तो धनतेरस या किसी अन्य पवित्र दिन पर श्री यंत्र की स्थापना कर माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर से घर में धन ज्ञान और आनंद बिखरने की प्रार्थना कर सकते हैं।
FAQ- Shri Yantra ke Fayde
श्री यंत्र घर में रखने से क्या फायदा होता है?
श्री यंत्र की स्थापना होते ही घर में और व्यवसाय में आर्थिक वृद्धि आने लगती है। यदि कोई व्यक्ति कर्ज में डूबा है तो अचानक से कर्ज से राहत मिलने लगती है । व्यक्ति के जीवन में यश कीर्ति सम्मान और पारिवारिक सुख बढ़ता है। आत्मिक स्थिरता आती है और सकारात्मक आती है।