कहीं आपकी समस्याओं की जड़ कर्म के बंधन तो नहीं? जानें क्या हैं कर्म के 12 सिद्धांत

12 Law of Karma in Hindi
12 Law of Karma in Hindi

Law of Karma: क्या आप भी सोचते हैं इतनी मेहनत के बाद, इतने संघर्ष के बाद भी आपको परेशानियों का सामना क्यों करना पड़ रहा है? क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी परेशानियों का कारण आपके कर्मों से जुड़ा हो सकता है? क्या आप जानते हैं आप जाने अनजाने में कर्म के सिद्धांतों को तोड़कर अपने लिए परेशानियां बुलाते हैं?

जी हां दोस्तों इस सीरीज में हम आपको कर्म के 12 सिद्धांतों (12 Law of Karma) के बारे में बताएंगे। इस लेख में हम आपका सभी सिद्धांतों से संक्षिप्त परिचय कराएँगे और उसके बाद एक एक करके सभी सिद्धांतों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। तो चलिए आज इन सिद्धांतों के बारे में थोड़ा-थोड़ा जानते हैं- 

यह हैं कर्म के 12 सिद्धांत

दोस्तों हम जो भी कर्म करते हैं उसका हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। हमारे जीवन की परिस्थितियों इन्हीं कर्मों के आधार पर तय होती हैं और हमारे कर्म ही तय करते हैं कि हम अपने जीवन में खुशियां पाएंगे या समस्याओं का सामना करेंगे। हिंदू धर्म में कर्म को मुक्ति का एक मार्ग बताया गया है, जिसके 12 सिद्धांत (12 Law of Karma) ये हैं- 

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1- कर्म का महान नियम- अगर आप किसी को दर्द देंगे तो वह दर्द किसी न किसी रूप में आपके पास लौट कर वापस आएगा। आप जैसा देते हैं वैसा भोगते हैं। यह ब्रह्मांड का कर्म का सबसे महान नियम (Rule of Karma) है।

2- सृष्टि का नियम- आपके आसपास के हालात आपके कर्मों और विचारों का प्रतिबिंब हैं । बाहरी वातावरण में बदलाव लाने के लिए आपको अपने अंदर बदलाव लाना पड़ेगा।

3-नम्रता का नियम- दूसरों को दोष देने के बजाय नम्र बनें। घटनाओं से सीख कर आगे बढ़े। चीजों को स्वीकार करके आगे बढ़ेंगे तो यूनिवर्स भी आपके साथ होता जाएगा।

4- विकास का नियम- दुनिया बदलने की जगह खुद में बदलाव लाने के लिए कार्य करें। जितना बदलाव आप खुद में लाएंगे उतना बदलाव आपको भारी दुनिया में दिखाई देगा। कर्मों का विकास ऐसे ही होता है। 

5- जिम्मेदारी का नियम- आपके कर्मों के फल स्वरुप जो आपके साथ हो रहा है उसकी जिम्मेदारी स्वयं लीजिए। आपकी हर हालत आपके कर्मों का परिणाम होती है, आप अपनी जिम्मेदारी लेकर अपने कर्मों का बंधन तोड़ देंगे।

6- कनेक्शन का नियम- जिस तरह हर छोटी बड़ी चीज एक दूसरे से जुड़ी हुई है ठीक उसी तरह हम सभी के कर्म एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए कोई भी कर्म करते वक्त याद रखें आपका एक छोटा सा फैसला कई लोगों की जिंदगी बदल सकता है।

Karma Ke 12 Niyam Kya Hain
Karma Ke 12 Niyam Kya Hain

7- फोकस का नियम- अगर आप एक साथ कई चीजों पर ध्यान लगाएंगे तो आप कुछ भी नहीं कर पाएंगे। इसलिए एक चीज पर पूरा ध्यान लगाइए आपकी सफलता आपके कदम चूमेगी।

8- दया और सेवा का नियम – अगर आपके अंदर दया भाव और सेवा भाव है तो इसे शब्दों तक सीमित न रखें। याद रखें जो आप करेंगे उसी का फल आपको मिलेगा। सिर्फ जताएँ नहीं करके दिखाएं।

9- वर्तमान का नियम- वर्तमान ही सबसे बड़ा सत्य है। इसलिए ना भूतकाल में जिएं, ना भविष्य काल में, अपने वर्तमान में जीना सीखिए। 

10-परिवर्तन का नियम- अपनी गलतियों से सीखें और खुद में बदलाव लाएं। जब तक आप सीखेंगे नहीं,  आपमें परिवर्तन नहीं होगा। जिससे आप बार-बार वही गलतियां दोहराते रहेंगे।

11- धैर्य और कर्म का फल– आपके हर अच्छे कर्म का इनाम आपको मिलता है। आप अच्छा कर्म करते रहें और इंस्टेंट फल की चिंता छोड़ दें। जो आपके कर्मों का फल है वह आपको जरूर मिलेगा।

12-महत्व का नियम- कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। अपने किए कामों को महत्व दीजिए। आपका छोटा सा काम किसी के पूरे जीवन को बदल कर रख सकता है।

क्या आप अपनाते हैं ये 12 नियम

क्या आप ऊपर बताएं नियमों (12 Law of Karma) का पालन करते हैं या अनजाने में ही उन नियमों को तोड़कर अपनी किस्मत से लड़ रहे हैं? इन नियमों को अपने रोजमर्रा के जीवन में धीरे-धीरे उतारते जाएं और कर्मों के बंधन से मुक्त हो जाएं।

तो दोस्तों यह थे कर्म के 12 नियम। आज हमने नियमों का आपसे परिचय करवाया है। इन नियमों के बारे में विस्तार से चर्चा हम आने वाले लिखो में करेंगे।

FAQ- 12 Law of Karma

हमारे जीवन की परिस्थितियों किस चीज़ पर निर्भर करती हैं?

हमारे जीवन की परिस्थितियों हमारे द्वारा किए जाने वाले कर्मों पर निर्भर होती है अच्छे कर्म अच्छी परिस्थितियों को आकर्षित करते हैं वहीं बुरे करने बुरी परिस्थितियों को।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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