आख़िर क्या राज़ है माइंड बॉडी कनेक्शन का, कैसे बनाता है ये जीवन को बेहतर

Mind-Body Connection
Mind-Body Connection

Mind-Body Connection: मानव शरीर और मस्तिष्क का संबध कुछ ऐसा है कि ये प्राचीन भारतीय दर्शन शास्त्र से लेकर आधुनिक विज्ञान तक चर्चा और आश्चर्य का केंद्र रहा है। आधुनिक विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है फिर भी माइंड बॉडी कनेक्शन की गुत्थी एक बहुत बड़ी पहेली है।

प्राचीन भारतीय दर्शन में कई बार इस बात को दोहराया गया है कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसी बात को आधुनिक विज्ञान ने अनुसंधानों के द्वारा सिद्ध किया है और इस संबंध को माइंड बॉडी कनेक्शन का नाम दिया है। 

माइंड बॉडी का यह कनेक्शन हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमारे शरीर के उपचारों के लिए, हमारी मानसिक शांति के लिए भी बहुत जरूरी होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे माइंड बॉडी कनेक्शन (Mind-Body Connection) हमारे जीवन को बेहतर बना सकता है।

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माइंड बॉडी कनेक्शन क्या है?

सीधी भाषा में कहा जाए तो माइंड बॉडी कनेक्शन  (Mind-Body Relationship)  का सीधा सा अर्थ है मानव मस्तिष्क का, मानव शरीर से संबंध। माइंड बॉडी कनेक्शन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हमारी भावनाएँ, विचार, विश्वास और मानसिक स्थिति हमारी शारीरिक स्थिति को प्रभावित करती हैं, और इसके उलट, हमारी शारीरिक स्थिति हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती है।

उदाहरण के लिए, जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो हमारी बॉडी एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे तनाव वाले हार्मोन उत्पन्न करती है, जो हृदय गति, ब्लड प्रेशर और पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। दूसरी ओर, नियमित व्यायाम या पौष्टिक भोजन हमारे मूड को बेहतर बनाकर चिंता और अवसाद को कम कर सकता है।

Body-Mind Relationship
Body-Mind Relationship

क्या कहता है विज्ञान माइंड बॉडी कनेक्शन पर (Mind-Body Relationship)  

मानव मन और शरीर के बारे में जो बात सदियों पुराने भारतीय दर्शन में थी उसे ही आज के विज्ञान ने प्रयोग और खोज के द्वारा सिद्ध किया है। न्यूरोसाइंस के मुताबिक, हमारे मस्तिष्क का तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) शरीर के हर अंग से जुड़ा है। जब हम सकारात्मक सोचते हैं, तो मस्तिष्क में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे रसायन उत्पन्न होते हैं, जो हमें खुशी और शांति का अनुभव कराते हैं। इसके विपरीत, नकारात्मक विचार या चिंता तनाव हार्मोन को बढ़ाते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं। इसलिए इस माइंड बॉडी कनेक्शन (Mind-Body Connection) को बेहतर बनाने के लिए मेडिटेशन और माइंडफुलनेस जैसे उपाय सुझाए जाते हैं।

कैसे बनाएगा बेहतर जीवन माइंड बॉडी कनेक्शन 

ध्यान,योग, माइंडफुलनेस को बनाएं जीवन का हिस्सा- हमें मानव मस्तिष्क को एक गार्डन की तरह समझना चाहिए और इस गार्डन को ध्यान, योग और माइंडफुलनेस से सँवारा जा सकता है। हमें इन गतिविधियों को अपने जीवन का एक अभिन्न अंग बना लेना चाहिए। इन गतिविधियों से हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा और हमें शांति का अनुभव होगा।

सकारात्मक सोच- सकारात्मक सोच यानी की पॉजिटिव अप्रोच माइंड बॉडी कनेक्शन का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। आप खुद को जितना ज्यादा सकारात्मक रखेंगे आपका मस्तिष्क और शरीर भी उतना ही ज्यादा सकारात्मक रहेगा। यह कोई कहने की बात नहीं है बल्कि आजमाई हुई बात है।

मनुष्य वह काम जो कठिन से कठिन होते हैं सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में बड़ी आसानी से कर जाता है। इसलिए हमेशा खुद को सकारात्मक रखने की भरपूर कोशिश करें। याद रखें नकारात्मक सोच आपकी मदद नहीं करेगी बल्कि आपका नुकसान ही करेगी वहीं सकारात्मक सोच आपकी मदद ही करेगी ,कहीं से भी वह आपका नुकसान नहीं करेगी। सजग रहने और नकारात्मक रहने के फर्क को समझना बहुत जरूरी है।

अच्छा भोजन, अच्छी नींद ,अच्छा जीवन- अगर आप अच्छा और पौष्टिक भोजन करेंगे समय पर सोएंगे और अच्छी नींद लेंगे तो आपके जीवन से परेशानियां बीमारियां तनाव और चिंता कोसों दूर रहेगी। 

हम सब अपने-अपने हिस्से की परेशानियों से लड़ते रहते हैं लेकिन इस चक्कर में अगर सही से खाना नहीं खाएंगे, सही से सोएंगे नहीं, तो हमारी पूरी दिनचर्या बिगड़ जाएगी, जिससे हम छोटी-छोटी चीज को लेकर भी बहुत ही ज्यादा चिंताग्रस्त हो जायेंगे और चिड़चिड़े बनते जायेंगे। इसलिए अपने काम के साथ-साथ अपने मस्तिष्क और शरीर का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसलिए पौष्टिक भोजन करें और अच्छी नींद लें । यकीन मानिए ये छोटी-छोटी आदतें आपको माइंड बॉडी कनेक्शन (Mind-Body Relationship) बेहतर करने में बहुत मदद करेंगी। 

Mind-Body Relationship
Mind-Body Relationship

अपनी पसंद का सोशल सर्किल- वैसे तो हम जीवन भर कई तरह के सोशल सर्कल से घिरे रहते हैं। लेकिन आप अपने आसपास एक ऐसा सोशल सर्कल जरूर बनाएं जिसमें आपकी रुचि हो। ऐसी चीज जो आपको बेहद खुशी देती हूं उसके ग्रुप्स से जरूरी जुड़े, जैसे साइकलिंग हो या मॉर्निंग वॉक हो या कोई खेल खेलना हो या ऐसी कोई भी गतिविधि जिसे करने से आपको खुशी मिलती है, इनके ग्रुप से जरूर जुड़े।

ऐसे सोशल ग्रुप को ज्वाइन करके आपको अपने जैसे और लोगों से मिलने का मौका मिलेगा और यकीन मानिए यह किसी थेरेपी से कम नहीं होता है। इससे भी आपका माइंड बॉडी कनेक्शन बेहतर होता है।

क्या सच में माइंड बॉडी कनेक्शन से जीवन में बदलाव आएगा?

कई लोगों को ऊपर बताएं गए टिप्स पढ़कर यह लग सकता है इसमें क्या नई बात बता दी। यह तो बहुत छोटी छोटी सी बातें हैं और सब जानते हैं, लेकिन यकीन मानिए माइंड बॉडी कनेक्शन (Mind-Body Connection) को बेहतर करने के लिए सुझाई गई ये छोटी-छोटी बातें आपके जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाती हैं।बड़े-बड़े एथलीट, ग्लोबल सेलिब्रिटीज सबसे ज्यादा जोर अपने माइंड बॉडी कनेक्शन को बेहतर करने पर ही देते हैं। 

आप देखेंगे यह लोग जितने अच्छे दिखते हैं उतना अच्छा इनका नॉलेज भी होता है। इन लोगों के अंदर पॉजिटिव अप्रोच कितनी ज्यादा होती है इसका एक उदाहरण इसी बात से ले लीजिए कि वह एथलीट जिन्हें कोई जानता भी नहीं एक दिन अचानक अपनी सकारात्मक सोच के बल पर वर्ल्ड रिकार्ड भी बना देते हैं। इसलिए ऊपर सुझाए गईं छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें,उन्हें अपने जीवन का हिस्सा बना लें और उसके बाद देखें कैसे आपका जीवन खुशियों से भर जाता है।

FAQ- Mind-Body Connection

माइंड बॉडी कनेक्शन क्या है?

माइंड बॉडी कनेक्शन का विज्ञान कहता है कि हम कितने स्वस्थ हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारा दिमाग कितना स्वस्थ और सकारात्मक है।

मन और बॉडी का कनेक्शन कैसे काम करता है?

मन और बॉडी का कनेक्शन इस इस सिद्धांत पर कार्य करता है कि हमारे विचार व्यवहार और हम कैसा महसूस कर रहे हैं इन चीजों का असर हमारे भौतिक शरीर पर पड़ता है।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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