नवरात्रि में बनाएं यह शक्तिशाली दुर्गा कवच, पाएँ हर संकट से सुरक्षा

Durga Kavach Kaise Banaye
Durga Kavach Kaise Banaye

Durga Kavach Kaise Banaye: माँ दुर्गा की उपासना के पवित्र पर्व नवरात्रि पर भक्त माता की कृपा प्राप्ति करने के लिए अलग अलग तरीके अपनाते हैं। इनमें से एक तरीका है दुर्गा कवच का निर्माण जो विभिन्न नकारात्मक ऊर्जा से और नजर दोष से हमारी रक्षा करता है। यह कवच मां की शक्तिशाली ऊर्जा और उनके आशीर्वाद से अभिमंत्रित होता है, इसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि दुर्गा कवच क्या है और आप घर पर ही आसान तरीके से दुर्गा कवच कैसे बना सकते हैं। साथ ही हम इसके फायदे के बारे में भी चर्चा करेंगे।

दुर्गा कवच क्या है?

दुर्गा कवच एक पवित्र धागा (कलावा) होता है जिसे मां दुर्गा के मंत्र से अभिमंत्रित करके बनाया जाता है। यह कवच नवरात्रि के दौरान बनाया जाता है और इसे धारण करने से भक्ति को मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है। यह कवच साधक को नकारात्मक ऊर्जा बुरी नजर और अन्य बढ़ाओ से रक्षा प्रदान करता है। इसके साथ ही यह हमारे ऑरा को मजबूत करता है जिससे हम आत्मविश्वास और सकारात्मक के साथ जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।

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दुर्गा कवच बनाने की सामग्री

दुर्गा कवच बनाने के लिए आपको निम्नलिखित चीज आवश्यक है- 

  • कलावा 
  • पूजा स्थल
  • मंत्र जाप के लिए माला
  • प्रसाद और दीपक
durga kavach kaise banta hai
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दुर्गा कवच बनाने की विधि

दुर्गा कवच को बनाने की प्रक्रिया को पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए आप दुर्गा कवच नवरात्रि के किसी भी दिन बना सकते हैं। यहां तक की अंतिम दिन भी आप यह कवच बना सकते हैं और एक से ज्यादा कवच भी आप बना सकते हैं। दुर्गा कवच को इन चरणों में बनाया जा सकता है- 

पहला चरण: शुद्धिकरण और तैयारी: सबसे पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें और अपने पूजा स्थल को साफ सुथरा करें। फिर मां दुर्गा की मूर्ति या फोटो के सामने दिया और अगरबत्ती जलाएं। दुर्गा का ध्यान करके अपने मन को शांत करें। 

दूसरा चरण: कलावे में 9 गांठें लगाएँ : अब के अलावा लेकर उसमें 9 गांठ लगाएँ। यह 9 गाँठें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक हैं। प्रत्येक गांठ बांधते समय मां दुर्गा के नौ स्वरूपों —शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री का ध्यान करें।

तीसरा चरण: मंत्र जाप: अब इस करावे को अपने हाथ में लिंग और मां दुर्गा के मंत्र “ॐ दुं दुर्गायै नमः” का 108 बार जाप करें। इस मंत्र का जाप माला के साथ करें और मां दुर्गा की शक्ति को अपने भीतर महसूस करें। यह मंत्र मां दुर्गा की रक्षा और शक्ति का आह्वान करता है। जाप के दौरान अपनी एकाग्रता बनाए रखें और किसी भी तरह की नकारात्मक विचार को दिमाग में ना आने दें। 

चौथा चरण: कवच को मंदिर में रखें: मंत्र जाप पूरा होने के बाद एक अभिमंत्रित कलाई को घर के मंदिर में मां दुर्गा की मूर्ति के सामने रख दें और इस नवरात्रि के आखिरी दिन तक नहीं रहने दे ताकि यह माँ की दिव्य ऊर्जा से और अधिक शक्तिशाली हो जाए।

पांचवा चरण: कवच धारण करें: नवरात्रि समाप्त होने के बाद इस कवच को मंदिर से निकालकर इसे धारण करें। पुरुष इसे दाहिने हाथ में बाँधें और महिलाएं ऐसी बाएं हाथ में बांधें। अगर आप इसे हाथ में बांधना नहीं चाहते हैं तो इसे अपने तकिए के नीचे ही रख सकते हैं। हमेशा अपने साथ रखना है आवश्यक है।

durga kavach kaise dharan kare
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दुर्गा कवच के लाभ

दुर्गा कवच धारण करने की बहुत से लाभ है जो न केवल आध्यात्मिक बल्कि मानसिक और शारीरिक स्थल पर भी प्रभावशाली हैं, आइये इन्हें जानें- 

  • यह’कवच नजर दोष,  बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है। मां दुर्गा की शक्ति इसे एक सुरक्षा कवच बनाती है।
  • मंत्र से अभिमंत्रित यह कवच हमारे ऑरा को शक्तिशाली बनाता है जिससे हम आत्म विश्वास और सकारात्मक के साथ जीवन में आगे बढ़ते हैं।
  • मानसिक तनाव को काम करता है और नकारात्मक विचारों को दूर रखता है
  • यह कवच परिवार के किसी भी सदस्य ऐसे पति-पत्नी बच्चे इत्यादि के लिए भी बनाया जा सकता है। यह सभी के लिए सुरक्षा और शक्ति का काम करता है।

ध्यान दें–  यदि आप इस कवच को बनाने या धारण करने के बारे में और जानना चाहते हैं, तो किसी विद्वान पंडित या आध्यात्मिक गुरु से सलाह ले सकते हैं। माँ दुर्गा की कृपा आप पर बनी रहे।

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FAQ- Durga Kavach Kaise Banaye

दुर्गा रक्षा कवच का मंत्र क्या है?

दुर्गा रक्षा कवच का मंत्र है “ॐ दुं दुर्गाय नमः” दुर्गा कवच बनाने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करना जरूरी है। 

कवच कैसे सिद्ध करें?

कवच को शुद्ध करने के लिए उसे नवरात्रि के दिनों में माता दुर्गा के मंत्र से अभिमंत्रित करके माता के मूर्ति के पास रख दें। नवरात्रि के समाप्त होने के बाद इस कवच को धारण कर सकते हैं।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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