
Ganga Saptami 2025: सनातन मत के अनुसार गंगा सप्तमी एक बेहद महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक पर्व है। मां गंगा की कृपा प्राप्ति के लिए यह उत्सव मनाया जाता है। इस पर्व की अपनी महत्ता है। इस दिन गंगा मां की पूजा अर्चना के साथ-साथ दोषों से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण उपाय भी अपनाए जाते हैं।
लेकिन लोग अक्सर भूल जाते हैं कि कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें इस दिन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए, वरना देवताओं का गुस्सा सहन करना पड़ सकता है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे उन कार्यों के बारे में जिन्हें गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2025) के दिन नहीं करना चाहिए।
गंगा सप्तमी पर क्या न करें
लिए जाने की गंगा सप्तमी की शुभ अवसर पर हमें किन चीजों को करने से बचना चाहिए (Ganga Saptami Par Kya Na Kare)
माँ गंगा को प्रदूषित न करें
गंगा सप्तमी के दिन जब गंगा स्नान करें या पूजा करें तो इस बात का बेहद ख्याल रखें कि आप गंगा को प्रदूषित न कर रहे हों। रासायनिक पदार्थों को गंगा में प्रवाहित ना करें शैंपू, साबुन या रासायनिक सामग्री से बनी हुई पूजा सामग्री को भी गंगा में प्रवाहित न करें। वही सामग्री प्रवाहित करें जो पूरी तरह से प्राकृतिक हो। ज्यादा से ज्यादा कोशिश यही करें कि किसी भी प्रकार कचरा आप गंगा में प्रवाहित ना करें ऐसा करने से आपके पीछे राहु पड़ सकता है तो इस बात का खास ध्यान रखें।
अस्थि विसर्जन या क्रिया-कर्म से बचें
गंगा सप्तमी मां गंगा की विशेष कृपा पाने का दिन है। यह एक उत्सवऔर पूजा का दिन है, जो मां गंगा के अवतरण और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए समर्पित किया गया है। इस दिन अस्थि विसर्जन, श्राद्ध, या अन्य मृत्यु से संबंधित क्रिया-कर्म करने से बचें। इस दिन ज्यादा से ज्यादा समय मां गंगा की कृपा पाने पर लगाएं।
तामसिक भोजन या किसी प्रकार का नशा न करें
मां गंगा सात्विकता का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसलिए उनके सानिध्य में नकारात्मकता से जितना दूर रहें उतना बेहतर। इसलिए गंगा सप्तमी किसी भी तरह के तामसिक कार्य करने से बचें, तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, प्याज, लहसुन इत्यादि से दूर रहें और किसी भी प्रकार का नशा ना करें। आपके आसपास जितनी सकारात्मक ऊर्जा होगी, मां गंगा की कृपा पाने की उतनी ज्यादा संभावना बनी रहेगी।
और पढ़ें: Ganga Saptami Ke Upay अपनाकर करें पापों का नाश, बढ़ें मोक्ष की ओर
अशुद्ध अवस्था में पूजा या स्नान न करें
सनातन धर्म के अनुसार किसी भी प्रकार की पूजा करने से पहले हमारा शुद्ध होना बहुत जरूरी है। ठीक उसी प्रकार गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2025) के दिन मां गंगा की पूजा करने से पहले यह ध्यान रखें कि आप अशुद्ध तो नहीं हैं। पुरुषों को शास्त्र अनुसार विधिपूर्वक स्नान करके ही पूजा करनी चाहिए। वहीं महिलाएं अगर मासिक धर्म में हो तो पूजा ना करें । पूजाघर या पूजा करने के स्थान के आसपास भी कोई गंदगी नहीं होनी चाहिए। इस बात का बेहद ध्यान रखें वरना कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

मंत्रों का गलत उच्चारण न करें
मंत्रों का उच्चारण बहुत ध्यान से करें। उन्हें पूरी तरह याद करें अगर याद नहीं हैं तो देखकर पढ़ें उनकी मात्राओं का, स्वर-व्यंजनों का विशेष ध्यान रखें। यदि मंत्र जाप में संदेह हो, तो किसी विद्वान पुरोहित या गुरु से मार्गदर्शन लें। सामान्य मंत्र जैसे “ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः” या “ॐ गं गंगायै नमः” का जाप 11, 21, या 108 बार करें। मंत्रों का गलत उच्चारण करने से ग्रह दोष बढ़ जाते हैं और लाभ होने की बजाय नुकसान हो जाता है। इसलिए मंत्र उच्चारण के समय विशेष सावधानी बरतें।
गंगा घाट पर या पूजा स्थल के करीब अनुचित व्यवहार न करें
गंगा सप्तमी के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर आप गंगा घाट के आसपास हैं तो वहां पर कोई अनुचित व्यवहार ना करें। अनुचित व्यवहार जैसे किसी से झगड़ा ना करें, गाली गलौज ना करें, वीडियो ग्राफी या फोटोग्राफी ना करें, किसी तरह के मादक पदार्थों का सेवन न करें।
पूजा स्थल के आसपास भी ऐसी अनुचित कार्य करने से बचें। जब अनुचित कार्य नहीं करेंगे तो आपके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का निवास रहेगा, जिससे मां गंगा की कृपा आप पर बरसेगी ।
ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखें और मां गंगा की पूजा करें उनका ध्यान करें। मां गंगा की कृपा आप पर बरसेगी और आपकी समस्याओं का समाधान आपको मिलेगा।
FAQ- Ganga Saptami 2025
गंगा सप्तमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
गंगा सप्तमी के दिन अनुचित व्यवहार नहीं करना चाहिए।
गंगा स्नान के बाद क्या नहीं करना चाहिए?
गंगा स्नान के बाद शरीर को कपड़े से पहुंच कर नहीं चूकना चाहिए बल्कि उसे अपने आप सूखने देना चाहिए। साथ ही एक बार गंगा स्नान करने के बाद उसी दिन दोबारा गंगा स्नान नहीं करना चाहिए