
Sita Navami Sadhana: मां सीता का जन्म उत्सव अर्थात सीता नवमी करीब ही है। धैर्य, प्रेम और समर्पण की प्रति मूर्ति माता सीता के गुण हमें आध्यात्मिक साधना के लिए प्रेरणा देते हैं। यह शुभ दिन न केवल पूजा पाठ के लिए बल्कि हमारे भीतर जागरूकता लाने भावनात्मक शुद्ध करने और ईश्वर की ऊर्जा से जुड़ने के लिए भी शुभ है।
सीता नवमी पर साधना (Sita Navami Sadhana) करना हमें आध्यात्मिक रूप से बेहतर बनाता है। इसके लिए आज हम आपको इस लेख में मां सीता से जुड़ी मेनिफेस्टेशन तकनीकें (Manifestation Techniques) और मंत्र जाप बताएंगे। इसलिए आजकल आर्टिकल ध्यान से पढ़ें।
Sita Navami Sadhana का महत्व व इसे करने की विधि
रामायण की कथा के माध्यम से हम जानते हैं कि मां सीता का जीवन धीरज क्षमा और प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी अपने धैर्य और विश्वास को बनाए रखा उनका यह गुण आध्यात्मिक साधना के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा है क्योंकि साधना का उद्देश्य मां को शुद्ध करना और आत्मा आत्मा को ईश्वर से जोड़ना होता है।
सीता नवमी का दिन आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है। इस दिन किया जाने वाला मंत्र जाप और मेडिटेशन रिचुअल बहुत प्रभावी होते हैं। माता सीता की भक्ति के साथ साधना करने से अशांति दूर होती है और प्रेम, करुणा जैसे गुण हमारे भीतर पनपते हैं। आईए जानते हैं Sita Navami Sadhana की विधियां-
सीता-राम मंत्र मेडिटेशन
“ॐ श्री सीतारामाय नमः” मंत्र माता सीता और प्रभु राम की संयुक्त ऊर्जा को जागृत करता है। यह मन को शांत करके हृदय को प्रेम से भरता है। इस मंत्र के साथ ध्यान करने से हमारा हृदय चक्र सक्रिय (Heart Chakra Activation) होता है। इस मंत्र का जाप करने से पहले स्नान करके हरे या पीले रंग का वस्त्र पहने। माता सीता और भगवान राम की मूर्ति की स्थापना करके देसी घी का दीप जलाएं और माता को तुलसी के पत्ते और गुलाब के फूल अर्पित करें।
अब शांत बैठें, अपनी रीढ़ को सीधा करें और हृदय पर ध्यान केंद्रित करें। अब ॐ श्री सीतारामाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप करने के लिए माला का इस्तेमाल करें। जाप करते हुए माता सीता के धैर्य और प्रेम को अपने भीतर महसूस करें। हरे रंग की रोशनी को अपने भीतर फैला हुआ महसूस करें। ध्यान और जप करने के बाद मां सीता को मखाने की खीर का भोग लगाएँ और प्रसाद बाँटें।

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मेनिफेस्टेशन और Affirmations
माता सीता के धीरज और विश्वास के गुण मेनिफेस्टेशन के लिए प्रेरणा हैं। उनके जीवन गाथा सिखाती है की सच्ची श्रद्धा और विश्वास से इच्छाएं पूरी होती है। सीता नवमी के दिन मेनिफेस्टेशन करने के लिए एक शांत जगह पर बैठकर हरे रंग के कागज पर अपनी इच्छा लिखें। उसके माता सीता के चरणों में वह कागज रखकर ॐ श्री सीतायै नमः मंत्र का 21 बार जाप करें। इसके बाद 11 बार यह एफर्मेशन बोलें।
- मैं माता सीता की तरह धीरज और विश्वास के साथ अपने सपनों को आकर्षित कर रहा/रही हूं।
- मेरा जीवन सकारात्मक और शांति से भरपूर है।
आप अपनी इच्छा को माता सीता के चरणों में समर्पित करके उसे कागज को तुलसी के पौधे में रखें और अगले दिन उसे नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें।
निष्कर्ष
सीता नवमी के दिन इन साधनाओं (Sita Navami Sadhana) से आप अपनी आध्यात्मिक चेतना को उच्च स्तर पर ले जा सकते हैं। यह साधना और मेडिटेशन आपको ईश्वर की सर्वोच्च ऊर्जा से जोड़ती हैं। इस सीता नवमी आप इन साधनाओं को जरूर करें और अपने अनुभव हमें कमेंट में बताएं।
FAQ- Sita Navami Sadhana
सीताराम मंत्र मेडिटेशन का क्या फायदा है?
सीताराम मंत्र मेडिटेशन से हृदय चक्र सक्रिय होता है।
सीता नवमी के दिन किस तरह से मेनिफेस्टेशन करना चाहिए?
सीता नवमी के दिन हरे रंग के कागज पर अपनी इच्छाओं को लिखकर मेनिफेस्ट किया जाता है।
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