
Guru Purnima Ke Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ी मास की पूर्णिमा (Ashadha Purnima) का धार्मिक महत्व बहुत ही ज्यादा माना जाता है। यह पूर्णिमा आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। आषाढ़ी पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी संबोधित किया जाता है। कहा जाता है कि इस पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से आध्यात्मिक चक्षुओ का विकास संभव होता है, क्योंकि इस दिन आध्यात्मिक ऊर्जा अपने चरम पर होती है। साथ ही गुरु कृपा की वजह से इस पूर्णिमा का महत्व और लाभ दोनों ही बढ़ जाता है।
आषाढ़ी पूर्णिमा (Ashadha Purnima) के दिन भगवान विष्णु, महर्षि वेदव्यास, ब्रह्मा और अपने गुरुजनों की आराधना को अत्यंत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि यह पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आगमन से जुड़ी हुई है, ऐसे में इस पूर्णिमा के बाद पृथ्वी का नवीनीकरण हो जाता है। वही चातुर्मास में आने वाली यह पूर्णिमा विष्णु की योग निद्रा को भी दर्शाती है।
ऐसे में कहा जाता है कि दौरान ब्रह्मांड ऊर्जा पुनर्नवीनीकरण के लिए कार्य आरंभ कर देती है जिसकी वजह से ध्यान-योग, जप-तप, दान-पुण्य का महत्व बढ़ जाता है और इसी क्रम में आज के इस लेख में हम आपको आषाढ़ी पूर्णिमा के दौरान किए जाने वाले कुछ सिद्ध उपाय (Guru Purnima Ke Upay) बताएंगे जिनको करने से आपके जीवन में शांति, सुख व समृद्धि आने लगेगी।
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गुरु ग्रह को शांत करने के उपाय: आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन यदि आप बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको इस दिन पीले वस्त्र धारण करने होंगे। पीले वस्त्र धारण कर आपको केले के पेड़ की पूजा करनी होगी और ॐ ब्रह्म बृहस्पति नमः मंत्र का 108 बार जाप करना होगा। संभव हो तो इस दिन पीली मिठाई, चने की दाल और पीले फल भगवान विष्णु को भोग लगाएं।

गुरु पूर्णिमा के उपाय
चंद्र दोष दूर करने के उपाय: वे सभी जातक जिनका चंद्रमा कमजोर है वे आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन रात को चंद्रमा को कच्चा दूध, शक्कर और चावल मिलाकर अर्घ्य दे सकते हैं। अर्घ देते समय ओम चंद्राय नमः इस मंत्र का जाप करें और यदि संभव हो तो पूर्णिमा के दिन जरूरतमंद को सफेद वस्तुओं का ज्ञान दान करें। ऐसा करने से चंद्रमा से जुड़ी सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और जीवन में मानसिक शांति, भावनात्मक सम्पन्नता आने लगती है।
राहु केतु शांति के लिए उपाय: आषाढ़ी पूर्णिमा (Ashadha Purnima) के दिन यदि आप रात को काले तिल, नारियल और नीले वस्त्र का दान करते हैं और राहु शांति और केतु शांति के मंत्र का जाप करते हैं, साथ ही रात को सरसों के तेल का दीपक पीपल के नीचे जलाते हैं तो ऐसे में राहु केतु से जुड़े सारे दोष समाप्त हो जाते हैं।
आर्थिक समस्या निवारण हेतु उपाय: आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन यदि आप रात में सात प्रकार के अनाज, एक सिक्का और एक लाल फूल को लेकर लाल कपड़े में बांधकर लक्ष्मी मंत्र का जाप कर इस पोटली को तिजोरी में रख देते हैं तो आपके घर से आर्थिक समस्याएं समाप्त हो जाती है और आय के नए स्रोत खुलने लगते हैं।
बुरी नजर और तंत्र बाधा निवारण हेतु उपाय: आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन रात को सात नींबू और एक मिर्च अपने ऊपर से सात बार उतार कर यदि किसी चौराहे पर फेंक दिया जाए तो बुरी नजर और तंत्र बाधा हमेशा के लिए दूर हो जाती है ऐसा करने से मानसिक अस्थिरता से भी मुक्ति मिल जाती है।
पितृदोष निवारण हेतु उपाय: आषाढ़ी पूर्णिमा (Ashadha Purnima) के दिन सुबह सवेरे स्नान इत्यादि से निवृत होकर यदि आप काले तिल, दूध और जल से पितरों को अर्घ देते हैं और ब्राह्मणों को यथासंभव भोजन कराते हैं और दान देते हैं तो पितृ दोष शांत होता है और घर में बार-बार आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।

कुंडली में ग्रह दोष से मुक्ति हेतु उपाय: यदि आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन आप नवग्रह स्तोत्र या दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं और अपने इष्ट देव को पंचमेवा, मिश्री, दूध, चंदन से युक्त जल का अभिषेक करते हैं और यथासंभव भोग लगाते हैं तो ग्रह दोष का निवारण हो जाता है।
पारिवारिक सुख की प्राप्ति हेतु उपाय : पूर्णिमा के दिन यदि आप अपने घर में भगवान विष्णु के सामने बैठकर घी के दिए जलाकर विष्णु सहस्त्रनाम या श्री सूक्त का पाठ करते हैं तो ऐसा करने से सारे पारिवारिक दुख समाप्त हो जाते हैं। पारिवारिक सुखों की प्राप्ति होती है। यह उपाय (Guru Purnima Ke Upay) शनि दोष निवारण हेतु भी बहुत लाभकारी है।
पूर्वजों की आत्मा की शांति हेतु उपाय: आषाढ़ी पूर्णिमा (Ashadha Purnima) के दिन यदि आप सुबह काले तिल,आटा और गुड़ से बनी गोलियां जल में प्रवाहित करते हैं और पितरों की शांति हेतु प्रार्थना करते हैं तो पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और परिवार के सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं।
गुरु या वेदव्यास जी का पूजन: आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन गुरु के पूजन का भी महत्व काफी विशेष होता है। कहा जाता है कि यह दिन गुरु पूर्णिमा के रूप में भी काफी फलदायी होता है। इस दिन यदि आप अपने गुरु को वस्त्र, फल, दक्षिणा अर्पित करें या गुरु के चित्र को स्थापित कर यथासंभव दान सामग्री निकाल किसी जरूरतमंद को अर्पित करें तो आपके गुरु प्रसन्न होते हैं और गुरु कृपा की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर आषाढ़ी पूर्णिमा (Ashadha Purnima) ज्योतिष दृष्टि से जीवन बाधाओं को हटाने, ग्रहों को अनुकूल करने का एक सुनहरा अवसर है। इस दिन किए गए विशेष उपाय (Guru Purnima Ke Upay) न केवल आपके जीवन की समस्याओं को समाप्त करते हैं बल्कि आपका चंद्रबल और गुरुबल भी बढ़ाते हैं।
FAQ- Guru Purnima Ke Upay
कुंडली दोष से मुक्ति के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन क्या उपाय करना चाहिए?
कुंडली दोष से मुक्ति के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन नवग्रह स्तोत्र या दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए और अपने इष्ट देव को पंचमेवा, मिश्री, दूध, चंदन से युक्त जल का अभिषेक करना चाहिए।