
Karwa Chauth Puja Vidhi: करवाचौथ एक ऐसा त्यौहार है जो सुहागन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रखता है। दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी और करवा माता की पूजा करती हैं। वैसे तो करवा चौथ की पूजा महिलाएं एक समूह के रूप में करती हैं। लेकिन यदि किसी कारणवश आप अकेले करवा चौथ की पूजा कर रही हैं तो आज का यह लेख आपके लिए ही है जिसमें हम आपको एक सरल और विस्तृत मार्गदर्शन देंगे जिससे आप अकेले करवा चौथ की पूजा चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोल सकेंगे।
घर पर अकेले करवा चौथ पूजा कैसे करें| Karwa Chauth Puja Vidhi
करवा चौथ की पूजा के लिए सही तैयारी करना आवश्यक है। संपूर्ण सामग्री के साथ आप यह पूजा भक्ति और श्रद्धा के साथ इन चरणों में कर सकती हैं-
पहला चरण श्रृंगार(Karwa Chauth Shringar List)
- पूजा से पहले सोलह सिंगार करें। इसमें सिंहोरा या सिंदूर से मांग भरना, मेहंदी लगाना, बिंदी, काजल, चूड़ियां, महावर आदि शामिल हैं।
- शादी का जोड़ा पहना अगर नया जोड़ा उपलब्ध न हो तो कोई और वस्त्र भी पहन सकती हैं।
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दूसरा चरण पूजा स्थल की तैयारी
- एक चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएँ। आप कोई पुराना साफ सुथरा वस्त्र भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
- चौकी पर करवा माता भगवान शिव और माता पार्वती की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना करें।
- गणेश जी और लक्ष्मी जी की मूर्ति या सुपारी और हल्दी से बने प्रतीक रखें अगर चांदी की मूर्तियां उपलब्ध हो तो आप उनका उपयोग भी कर सकती हैं।
- सभी देवताओं के नीचे फूलों का आसान या चावल का आसान बनाएं।
तीसरा चरण करवा और कलश की तैयारी
- दो मिट्टी के करवे लें जिसमें से दाहिना करवा आपका होगा और बायां करवा माता पार्वती का। करवों की टोटी भगवान की ओर रखें और उसमें कुशा की सींक लगाएँ।
- एक कलश लें और उसके नीचे चावल का आसन बनाएं। कलश पर हल्दी का छिड़काव करें। साथ में उसमें एक सिक्का, पान का पत्ता, हल्दी, सुपारी और एक फूल डालें। कलश के ढक्कन पर सिंदूर से तिलक करें और उसमें आम के पत्ते और चावल या गेहूं रखें।
- अपने करवे में जल भरें और माता पार्वती के करवे में चीनी, ड्राई फ्रूट्स, गेहूं, चिवड़ा आपके घर के रीति रिवाज के अनुसार वस्तु भरें। इसे ढककर ऊपर से चावल गेहूं और एक मिठाई रखें।
- करवा पर दक्षिणा रखें और माता को नारियल चढ़ाएं।
- करवा माता और शिव जी को फूलों की माला चढ़ाएं।
- घी या तेल का एक दीपक जलाकर चौकी पर रखें एक छोटा दीपक कलश के ऊपर भी रखें।
- धूपबत्ती, मिठाई, फल और सुहाग की वस्तुएं जैसे साड़ी ब्लाउज बिंदी सिंदूर चूड़ियां आदि सामग्री रखें।

चौथा चरण करवा चौथ की पूजा
आह्वान:
- अक्षत लेकर सभी देवी देवताओं का आह्वान करें।
- मन में संकल्प लें कि यह व्रत और पूजा बिना किसी बाधा के संपन्न हो और आपके पति की आयु लंबी हो।
तिलक:
- करवा माता माता पार्वती और गणेश जी को सिंदूर से तिलक करें।
- भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएँ।
- साथ में कथा की पुस्तक को भी तिलक करें।
जनेऊ और पूजन:
- गणेश जी को जनेऊ अर्पित करें।
- धूपबत्ती जलाकर सभी देवताओं को दिखाएं।
- मिठाई और फल का भोग लगाएं।
- सुहाग की वस्तुएँ माता को अर्पित करें। सुहाग की वस्तुएं उपलब्ध न हों, तो केवल सिंदूर और बिंदी भी चढ़ाई जा सकती हैं।

आचमन और आरती:
- भोग लगाने के बाद आचमन करें
- खड़े होकर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
कथा
- करवाचौथ की कथा पढ़ें या सुनें।
- अगर अकेले पूजा कर रही हैं, तो कथा की पुस्तक से पढ़ सकती हैं या मन में कथा का स्मरण कर सकती हैं।
अकेले करवा फेरने की विधि
करवा चौथ में करवा फेरना एक महत्वपूर्ण रस में है ऐसे में यदि आप अकेले पूजा कर रही हैं तो आप इस तरह से करवा फेरें-
- अपना और माता पार्वती का करवा हाथों में लें।
- दोनों हाथों को क्रॉस करें और दाहिने करवे को बाएं तरफ और बाएं करवे को दाहिने तरफ सात बार घुमाएं।
- यह प्रक्रिया सावधानी और श्रद्धा के साथ करें।
चंद्रमा पूजा और अर्घ्य
करवा फेरने के बाद चंद्रमा को आरती देने की रस्म निभाई जाती है जो इस तरह से की जाती है-
- जब चंद्रमा आसमान में दिखाई दे रखकर चंद्रमा को दिखाएं।
- इसके बाद, छलनी से अपने पति को देखें (अगर पति मौजूद नहीं हैं, तो उनकी तस्वीर या मन में उनका स्मरण करें)।
- अपने करवे से चंद्रमा को अर्घ्य दें। जल को धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर उड़ेलें और प्रार्थना करें।
- प्रार्थना में अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करें।

ऐसे खोलें करवा चौथ का व्रत
व्रत खोलना करवा चौथ का अंतिम चरण है जो इस तरह से किया जाता है-
- चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलें। अगर पति मौजूद नहीं हैं, तो आप स्वयं पानी ग्रहण कर सकती हैं।
- माता पार्वती के करवे में भरी सामग्री (चीनी, ड्राई फ्रूट्स आदि) को किसी सुहागन महिला को दान करें या स्वयं ग्रहण करें।
- व्रत खोलने के लिए हल्का और सात्विक भोजन करें।
इस प्रकार आप इस आसान विधि से अकेले करवा चौथ की पूजा कर सकती हैं। करवा चौथ व्रत से जुड़े कथा और अन्य परंपराओं को जानने के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहें।
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FAQ- Karwa Chauth Puja Vidhi
चांद को जल देते समय क्या बोलना चाहिए?
चाँद को अर्घ्य देते समय ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:” या “ॐ सोमाय नमः मंत्र के साथ-साथ अपने पति की लंबी उम्र और उनकी मंगल की कामना करते हुए प्रार्थना करनी चाहिए।
करवा चौथ के करवे में क्या भरा जाता है?
करवा चौथ के करने में जल भर के उसमें एक सिक्का चावल डाला जाता है और उसके ढक्कन पर गेहूं चीनी चिवड़ा और मिठाई रखे जाते हैं।
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