क्यों है लाभ पंचमी व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण, जाने इस दिन किए जाने वाले विशेष उपाय

Labh Panchami ke Upay
Labh Panchami ke Upay

Labh Panchami ke Upay: लाभ पंचमी का संबंध केवल धार्मिक श्रद्धा से नहीं बल्कि व्यावसायिक समृद्धि और व्यापार वृद्धि से भी जुड़ा हुआ है। गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में दीपावली से नया विक्रम संवत माना जाता है और दीपावली के पांचवें दिन लाभ पंचमी का दिन मनाया जाता है। लाभ पंचमी अर्थात व्यापारी वर्ग द्वारा नया खाता बही खोलने का समय। जी हां यह वही समय होता है जब पुराने वर्षों का हिसाब किताब पूर्ण कर नए वर्ष की शुभ शुरुआत की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन से जो खाता या व्यवसाय शुरू किया जाता है उस पर माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर निरंतर लाभ देते हैं।

लाभ शब्द का अर्थ ही लगातार होने वाली बढ़ोतरी है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करने आती हैं और जो व्यापारी इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं उनके व्यापार में निरंतर प्रगति होती है। कई व्यापारी दिवाली के दिन बही खाता ना खोलते हुए लाभ पंचमी के दिन शुभ और लाभ लिखकर नए बही खाते की शुरुआत करते हैं। दीपावली की भागदौड़ और व्यस्तता के बाद लाभ पंचमी स्थिरता वाला दिन माना जाता है। इस दिन कई व्यापारी निवेश करने की योजना बनाते हैं या निवेश करते हैं। यह दिन बुद्धि के देवता गणेश, धन की माता लक्ष्मी और ज्ञान की देवी सरस्वती के आशीर्वाद का प्रतीक है।

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2025 से लाभ पंचमी तिथि मुहूर्त 

2025 में लाभ पंचमी के दिन पूजा का विवरण इस प्रकार है: लाभ पंचमी 26 अक्टूबर 2025 सुबह 3:48 से शुरू हो रही है और तिथि समाप्ति  27 अक्टूबर 2025 को 6:04 पर बताई जा रही है। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त 6:41 से 10:29 का बताया जा रहा है। हालांकि चौघड़िया मुहूर्त में लाभ मुहूर्त 9:32 से 10:58 होगा, अमृत मुहूर्त 10:58 से 12:23 और पूजा का शुभ मुहूर्त 13:50 से 15:14 तक होगा। इस मुहूर्त में माता लक्ष्मी का स्मरण करते हुए बही खाता शुरू करते हुए पूजा आरंभ कर सकते हैं।

Labh Panchami Date and Muhurta
Labh Panchami Date and Muhurta

लाभ पंचमी के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय(Labh Panchami ke Upay) 

नया खाता खोलने का शुभ विधान:  लाभ पंचमी के दिन सुबह शुभ मुहूर्त में नया बही खाता लेजर बुक खोलें। पहले पन्ने पर लाल चंदन या रोली से श्री गणेशाय नमः, शुभ-लाभ और लक्ष्मी माता का बीज मंत्र लिखें। इसके बाद इस पर हल्दी चावल अक्षत चढ़ाएं तत्पश्चात फूल अर्पित करें ऐसा करने से साल भर व्यवसाय में लाभ होता है।

लक्ष्मी गणेश संयुक्त पूजन:  लाभ पंचमी के दिन बुद्धि के देवता भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति अपने व्यवसाय स्थल पर स्थापित करें और उनसे स्थिरता और लाभ का आशीर्वाद मांगे। पूजा के समय 108 बार माता लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप करें। इसके पश्चात अपने व्यवसाय स्थल की तिजोरी को भी पूजे और माता लक्ष्मी से प्रार्थना करें कि वह इसे हमेशा हरा भरा रखें।

स्वास्तिक और गोमती चक्र के उपाय: लाभ पंचमी के दिन अपने ऑफिस या दुकान के प्रवेश द्वार पर शुभ लाभ का चिन्ह बनाएं। इसके बाद पूजा के दौरान 11 गोमती चक्र माता लक्ष्मी के सामने रखें। पूजा के पश्चात इन्हें लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रखें। ऐसा करने से ऋण से छुटकारा मिलता है और अचानक बढ़ोतरी होती है।

सिक्को का उपाय: लाभ पंचमी की शाम को चांदी या तांबे का बर्तन लेकर इसमें 7 चांदी के सिक्के रखें इसके अंदर हल्दी चावल अक्षत और फूल अर्पित करें। तत्पश्चात माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर का आवाहन करें। इसके बाद इन सभी सिक्कों में से एक सिक्का तिजोरी में रखें और बाकी सिक्के जल में प्रवाहित करें। आप चाहे तो साधारण 6 सिक्के और 1 चांदी का सिक्का भी पूजा में रखते हुए उन्हें जल में प्रवाहित कर सकते हैं।

Labh Panchami 2025
Labh Panchami 2025

लाभ पंचमी के दिन कौन सी गलतियां ना करें

  • लाभ पंचमी के दिन भूल कर भी कर्ज या पैसे का लेनदेन ना करें।
  • इस दिन माता लक्ष्मी का ध्यान करें और दीपक जलाकर गणेश भगवान का आवाहन करें।
  • इस दिन व्यापारिक स्थल पर सुगंधित धूप कपूर इत्र निश्चित रूप से पूजा के दौरान अर्पित करें ।
  • लाभ पंचमी के दिन किसी भी प्रकार के वाद विवाद से दूर रहे और नकारात्मक ऊर्जा को अपने आसपास ना आने दे।

लाभ पंचमी पर्व केवल धार्मिक पर्व नहीं बल्कि आर्थिक और व्यावसायिक पुनरारंभ का शुभ चरण है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर का ध्यान कर आप नये व्यावसायिक सत्र की शुरुआत कर सकते हैं। यह दिन व्यवसायियों और व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। साथ ही इस दिन निवेशक भी निवेश कर लाभ कमा सकते हैं।

FAQ- Labh Panchami ke Upay

लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त कब है?

लाभ पंचमी 26 अक्टूबर 2025 सुबह 3:48 से शुरू हो रही है और तिथि समाप्ति  27 अक्टूबर 2025 को 6:04 पर बताई जा रही है। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त 6:41 से 10:29 का बताया जा रहा है। हालांकि चौघड़िया मुहूर्त में लाभ मुहूर्त 9:32 से 10:58 होगा, अमृत मुहूर्त 10:58 से 12:23 और पूजा का शुभ मुहूर्त 13:50 से 15:14 तक होगा । 

लाभ पंचमी के दिन क्या खरीदना चाहिए?

लाभ पंचमी के दिन पीतल या चांदी का कछुआ खरीद कर घर में स्थापित करना चाहिए। ऐसा करने से घर में धन लाभ होता है साथ ही व्यापार में भी सफलता मिलती है। 

लाभ पंचमी का क्या महत्व है?

दीपावली के पांचवें दिन लाभ पंचमी का दिन मनाया जाता है। लाभ पंचमी अर्थात व्यापारी वर्ग द्वारा नया खाता बही खोलने का समय। जी हां यह वही समय होता है जब पुराने वर्षों का हिसाब किताब पूर्ण कर नए वर्ष की शुभ शुरुआत की जाती है।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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