Navratri Ashtami पर मंत्र सिद्धि, तंत्र साधना विधि और विशेष मंत्र

Navratri Ashtami
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Navratri Ashtami: हिंदू धर्म में विभिन्न तिथियों का विभिन्न महत्व माना जाता है जिनमें अष्टमी तिथि को अत्यंत शुभ और शक्तिशाली तिथि के रूप में पूजा जाता है। अष्टमी तिथि मां दुर्गा, महाकाली, भैरव और चामुंडा जैसी शक्तिशाली पर शक्तियों से जुड़ी हुई मानी जाती है। ऐसे में जब चैत्र माह की अष्टमी तिथि की बात हो तो इस दिन दुर्गा अष्टमी (Navratri Ashtami) और कालाष्टमी कब पर्व भी मनाया जाता है। यह तिथि तांत्रिक साधना, मंत्र सिद्धि और देवी आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि देवी महागौरी को समर्पित होती है। इस दिन मां के आठवें रूप का पूजन किया जाता है वहीं यह पूजा रात को 12:00 के पश्चात शुरू की जाती है। ऐसे में आठवीं और नवीं शक्ति का आह्वान एक साथ किया जाता है जिसकी वजह से अष्टमी तिथि में तंत्र सिद्धि और मंत्र सिद्धि दुगनी लाभदायक हो जाती है। इस सिद्धि से न केवल भक्ति आत्म शक्ति और आत्म साक्षात्कार की प्राप्ति होती है बल्कि अलौकिक सिद्धियां की भी प्राप्त की जा सकती है।

अष्टमी तिथि के दिन साधना करने का सबसे उचित समय 

अष्टमी तिथि (Navratri Ashtami)के दिन पूजा करने का मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हो जाता है हालांकि इस दिन मध्य रात्रि के पश्चात ही विशेष साधनाएं की जाती हैं। यह विशेष साधना है साधक के भीतर छिपी ऊर्जा को जाग्रत करती हैं। इस दिन तांत्रिक अनुष्ठान,  गुप्त साधना (Navratri Ashtami Mantra Sadhana) और सिद्धि प्राप्ति के लिए विशेष पूजा अर्चनाएं भी की जाती हैं। अष्टमी तिथि के दिन विशेष मन्त्रों के जाप से साधक मंत्रों को सिद्ध करने का प्रयास करते हैं जिससे जीवन में चलने वाली बाधाएँ, रोग, आर्थिक तंगी से मुक्ति मिल जाती है और शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है।

अष्टमी तिथि पर तंत्र और मंत्र साधना के उपयुक्त समय 

अष्टमी तिथि देवी पूजन और तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए सर्वोपरि माना जाता है इस दिन विशेष रूप से की गई साधना अति प्रभावकारी हो जाती है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति उपयुक्त समय पर तंत्र और मंत्र साधना करें तो उसे इसका फल निश्चित ही प्राप्त होता है।

अष्टमी तिथि ब्रह्म मुहूर्त साधना- अष्टमी तिथि (Navratri Ashtami) के दिन मंत्र जाप और ध्यान के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है

रात्रि काल की साधना- अष्टमी तिथि के दिन तंत्र सिद्धि और मंत्र सिद्धि हेतु रात्रि साधना सबसे उपयुक्त साधन मानी जाती है। यह साधना रात्रि 9:00 बजे से मध्य रात्रि तक की जा सकती है। जहां विशेष कर रात्रि को 12:00 के पश्चात ही तंत्र सिद्धियां आरंभ होती है। इस दिन तांत्रिक साधना विशेष मंत्र सिद्धि और शक्ति पाठ अत्यंत प्रभावकारी माने जाते हैं।

अष्टमी तिथि पर तंत्र और मंत्र साधना के विशेष नियम 

अष्टमी तिथि (Navratri Ashtami Mantra Sadhana) पर तंत्र और मंत्र साधना करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

  • साधना में बैठने से पहले स्नानादि से निवृत आवश्यक हो जाए और शुद्ध साफ वस्त्र पहनें।
  • इसके अलावा साधक जिस स्थान पर साधना के लिए बैठने वाला है उस स्थान की भी शुद्धता को बनाए रखें ।
  • तंत्र और मंत्र सिद्धि के लिए जिस स्थान को साधक ने चुना है वहां किसी अन्य को ना आने दे।
  • साधना के दौरान मौन व्रत और एकाग्रता को बनाए रखें। वहीं यदि आप तंत्र साधना कर रहे हैं तो अनुभवी गुरु का मार्गदर्शन अवश्य लें।
  • इस दिन शुरू की गई साधना को नियमित रूप से करना अनिवार्य होता है ।
  • इस दिन साधना शुरू करने के लिए व्यक्ति को ऊर्जा का प्रवाह सही करना होता है जिसके लिए साधना करते समय पूर्व या उत्तर दिशा में मुख कर बैठना जरूरी होता है ।

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अष्टमी तिथि पर कौन से मंत्रो का जाप किया जाना चाहिए

आईए अब हम जानते हैं की अष्टमी तिथि पर किन मंत्रों का जाप किया जाना चाहिए।

महाकाली मंत्र 

ॐ क्रीं कालिकाये  नमः

अष्टमी तिथि पर महाकाली देवी का पूजन करने से विशेष सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। इस मंत्र के 108 बार जाप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है और साधक की सभी मनोकामना पूरी होती है। इस मंत्र का जाप करने के लिए साधक को काले आसन पर बैठकर काले वस्त्र धारण करने होते हैं और कपूर और काले तिल का हवन करना अनिवार्य होता है।

दुर्गा बीज मंत्र 

ॐ एं ह्री क्लीं चामुण्डायै विच्चै

दुर्गा बीज मंत्र व्यक्ति को सुरक्षा कवच प्रदान करता है। इस मंत्र के जाप से आंतरिक भय और बाहरी भय का सर्वनाश हो जाता है। इस मंत्र का जाप करने से पहले साधक को लाल वस्त्र धारण कर लाल आसन पर बैठना होगा। रुद्राक्ष पथिक माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करना होगा। साथ में घी का दीपक जलाना और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अनिवार्य है

भैरव मंत्र 

ॐ भ्रं भैरवाय नमः

अष्टमी तिथि के दिन भैरव साधना से सभी नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिल जाती है इस दिन अर्ध्यात्री में किसी शमशान या एकांत स्थान पर इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को हर मनोकामना सिद्ध करने का वर्क प्राप्त होता है इस मंत्र जाप के लिए सड़क को गुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है मंत्र जाप करने से पहले सड़क को चंदन या काजल लगा देना होगा और एक रुद्राक्ष माला से 1008 बार इस मंत्र का जाप करना हो।

Navratri Ashtami Mantra Sadhana
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चामुंडा मंत्र 

ओम एं ह्री क्लीं चामुण्डायै विच्चै

चामुंडा देवी की साधना से तंत्र सिद्धि प्राप्त होती है। यह मंत्र नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से प्रभावकारी सिद्ध होता है। इस मंत्र का जाप करने के लिए व्यक्ति और यात्री के पश्चात लाल रंग के कपड़े पहनकर लाल आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की 108 माला का जाप कर सकता है।

कुबेर मंत्र

ॐ यक्षायकुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मेदेहि दापय स्वाहा

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि (Navratri Ashtami) कुबेर भगवान की भी प्रिय तिथि मानी जाती है। इस दिन कुबेर मंत्र के जाप से धन-धान्य और वैभव की प्राप्ति होती है। इस मंत्र का जाप करने के लिए व्यक्ति को पीले वस्त्र धारण करने होंगे और गोमती चक्र और श्री यंत्र के सामने कमलगट्टे की माला से 108 बार जाप करना होगा।

Navratri Ashtami Mantra Sadhana: यहाँ देखें वीडियो

FAQ- Navratri Ashtami

अष्टमी तिथि पर मंत्र साधना का सही समय क्या है?

अष्टमी तिथि पर मंत्र साधना का सही समय रात्रि 9:00 बजे के बाद का है।

नवरात्रि अष्टमी पर किस मंत्र के जाप से धन-धान्य की प्राप्ति होती है?

अष्टमी तिथि पर कुबेर मंत्र के जाप से धन-धान्य प्राप्त होता है।

अष्टमी तिथि पर किस मंत्र के जाप से सिद्धि की प्राप्ति होती है?

अष्टमी तिथि पर चामुंडा मंत्र के जाप से सिद्धि की प्राप्ति होती है।

अष्टमी तिथि पर कौन से मंत्र का जाप सुरक्षा कवच काम करता है?

अष्टमी तिथि पर दुर्गा बीज मंत्र सुरक्षा कवच प्रदान करता है।

अष्टमी पर किस मंत्र के जाप से विशेष सिद्धियां प्राप्त होती है?

अष्टमी तिथि पर महाकाली मंत्र के जाप से विशेष सिद्धियां प्राप्त होती है।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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