
Pandav Panchami ke Upay: हिंदू धर्म में कार्तिक माह पुण्य और पवित्र माना जाता है। इस महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पांडव पंचमी कहा जाता है। पांच भाइयों की स्मृति में यह तिथि मनाई जाती है जो धर्म की स्थापना के लिए अपना जीवन समर्पित कर गए। जी हां हम बात कर रहे हैं पांडवों की। युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव इन पांचो पांडवों ने धर्म स्थापना हेतु अपने संपूर्ण परिवार जमीन जायदाद को दांव पर लगा दिया और महाभारत के माध्यम से धर्म की पुनर्स्थापना की।
कहा जाता है कि यही वह तिथि थी जब पांडव 12 वर्ष का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास पूरा कर अपने राज्य की ओर लौटे। इसी लिए पांडव पंचमी मनाई जाती है। वर्ष 2025 में पांडव पंचमी 26 अक्टूबर रविवार के दिन मनाई जाएगी। महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में पांडव पंचमी के दिन विशेष पूजा व्रत दान इत्यादि किए जाते हैं।
पांडव पंचमी को लाभ पंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी मनाया जाता है। जैसा कि हम सब जानते हैं पांचो पांडवों पर भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा भी थी क्योंकि उन्हीं की सलाह से धर्म युद्ध किया गया था। इसलिए पांडव पंचमी को मानने वाले को श्री कृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है।
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पांडव पंचमी 2025 पूजा विधि
पांडव पंचमी की पूजा अत्यंत सरल होती है। इस दिन प्रातःकाल स्नान इत्यादि कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। घर में या अपने मंदिर में भगवान कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें। इसके पश्चात किसी पवित्र नदी से जल लाकर श्री कृष्ण भगवान विष्णु और पांडवों का संकल्प कर धर्म और सत्य की स्थापना हेतु आवाहन करें। तत्पश्चात पूजा सामग्री तैयार करें।
पूजा के लिए आपको दीपक, धूप, अक्षत, पुष्प, चंदन, फल, तुलसी पत्र, गंगाजल की आवश्यकता होगी। इस दिन भगवान कृष्ण को सफेद पुष्प और तुलसी दल अर्पित करने का विधान है। तत्पश्चात् भगवान कृष्ण और पांचो पांडवों का ध्यान करें, दीप प्रज्वलित करें और धर्म रक्षक पांडवाय नमः, श्री कृष्णाय नमः इस मंत्र का जाप करें। तत्पश्चात फल मिठाई इत्यादि चढ़ाएं और भगवान कृष्ण को सदैव सहायता करने के लिए आवाहन करें।
पांडव पंचमी 2025 शुभ तिथि और मुहूर्त
वर्ष 2025 में पांडव पंचमी 26 अक्टूबर 2025 को सुबह 3:48 पर आरंभ हो रही है और तिथि की समाप्ति 27 अक्टूबर 2025 को सुबह 6:04 पर हो रही है। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर 2025 को 6:41 से 10:29 के बीच का बताया जा रहा है। इस दौरान पांडवों और श्री कृष्ण की पूजा करने से सड़क को विशेष लाभ प्राप्ति होती है
पांडव पंचमी के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय
पांडव पंचमी के दिन किए जाने वाले विशेष उपायों से भगवान कृष्ण निश्चित रूप से प्रसन्न होते हैं। इस दिन कुछ उपाय का पालन करने से जीवन में सुभिता सफलता और मानसिक शांति आती है।
श्री कृष्ण और पांडवों के नाम का जाप: इस दिन ॐ धर्माय नमः, ओम केशवाय नमः ,ओम पांडवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से आत्म बल और धर्म परायणता बढ़ती है।

दान पुण्य: इस दिन जरूरतमंद व्यक्ति को वस्त्र दान करना, अन्न दान करना जरूरी कहा जाता है। दान करने से ही जीवन में संतुष्टि आती है। ऐसे में इस दिन दान करने से भगवान कृष्ण निश्चित ही प्रसन्न होते हैं।
नए कार्य की शुरुआत: यह दिन एकता और प्रेरणा का प्रतीक है। ऐसे में इस दिन घर में किसी भी प्रकार के कलह क्लेश से दूर रहे और नकारात्मकता दूर करने का प्रयत्न करें। पांडव पंचमी के दिन खाता पुस्तिका और नया लेनदेन आरंभ करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन नए कार्य की शुरुआत करना फलदाई कहा जाता है।
घर में दीपदान करना: पांडव पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर पांच दीपक जलाने का विधान है। यह पांच पांडवों का प्रतीक होता है। इससे घर में धन सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा आती है।

कुछ मिलाकर पांडव पंचमी न केवल पांडवों की स्मृति में मनाया जाता है बल्कि यह दिन श्री कृष्ण से आवाहन भी है कि वह कलयुग के इस कठिन समय में हमें सत्य का मार्ग दिखाएं और पांडवों की तरह सदैव हमारा नेतृत्व करें ताकि हम भी जीवन में धर्म नैतिकता और सेवा के पद पर आगे बढ़े।
FAQ- Pandav Panchami ke Upay
पांडव पंचमी क्यों मनाई जाती है?
कहा जाता है कि यही वह तिथि थी जब पांडव 12 वर्ष का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास पूरा कर अपने राज्य की ओर लौटे। इसी लिए पांडव पंचमी मनाई जाती है। वर्ष 2025 में पांडव पंचमी 26 अक्टूबर रविवार के दिन मनाई जाएगी।
पांडव पंचमी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?
इस दिन जरूरतमंद व्यक्ति को वस्त्र दान करना, अन्न दान करना जरूरी कहा जाता है। दान करने से ही जीवन में संतुष्टि आती है। ऐसे में इस दिन दान करने से भगवान कृष्ण निश्चित ही प्रसन्न होते हैं।