
Shardiya Navratri Dusra Din: शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है। इस दिन यदि साधक मां ब्रह्मचर्य की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करता है तो उसे तपस्या ज्ञान और वैराग्य का फल मिलता है। माता ब्रह्मचारिणी भक्तों को सुख समृद्धि और शांति प्रदान करती हैं। वे तक और वैराग्य की देवी हैं उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए है घोर तपस्या की थी। विद्यार्थियों और तपस्वियों के लिए माता ब्रह्मचारिणी की साधना करना खास तौर पर फलदाई है।
नवरात्रि के दूसरे दिन की तिथि और पूजा मुहूर्त
नवरात्रि के दूसरे दिन के शुभ मुहूर्त का आरंभ सुबह 04:35 मिनट से 05:22 मिनट तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 मिनट से 12:35 मिनट तक है। सुबह 07:06 मिनट से 08: 51 तक अमृतकाल है। यह पूजा करने का सबसे उत्तम समय है।
नवरात्रि के दूसरे दिन का शुभ रंग
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है जिनका प्रिय रंग लाल है। इसलिए इस दिन लाल रंग पहनना बहुत शुभ माना जाता है। लाल रंग उत्साह और प्रेम का प्रतीक है। 23 सितंबर को लाल रंग का अत्यधिक प्रयोग करें इसके माता को लाल रंग की चुनरी अवश्य चढ़ाएं। यह रंग साधक को शक्ति और जीवटता प्रदान करता है।

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नवरात्रि के दूसरे दिन का भोग क्या हैं(2nd Day of Navratri Bhog)
अगर हम नवरात्रि के दूसरे दिन की देवी माता ब्रह्मचर्य ने के प्रिय भोग की बात करें तो उन्हें शक्कर से बने पदार्थ भोग के रूप में पसंद आते हैं। ऐसे में उन्हें बर्फी खीर या पंचामृत का भोग लगाना अत्यंत लाभदायक है। आप पंचामृत में दूध दही घी शहद और चीनी मिश्रित कर सकते हैं। के अलावा आप माता ब्रह्मचारी को गुड़ से बनी मिठाई अथवा सफेद मिठाई अर्पित कर सकते हैं। फल में आप केले इत्यादि का भी भोग लगा सकते हैं।
माता ब्रह्मचारिणी की साधना व मंत्र
माता ब्रह्मचारिणी की साधना मुख्य रूप से मनुष्य में वैराग्य तप और संयम का गुण उत्पन्न करती है। वत ब्रह्मचारिणी का स्वरूप एक तपस्विनी की भांति है अतः उनकी साधना तपस्वियों या छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा कुंडली में मंगल दोष को दूर करने के लिए भी माता ब्रह्मचारिणी की साधना की जाती है।
माता ब्रह्मचारिणी की साधना करने के लिए नवरात्रि के दूसरे दिन उनके बीज मंत्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः” का 108 बार जाप करना चाहिए। उसके अलावा उनका स्तुति मंत्र “यादेवी सर्वभूतेषु माँब्रह्मचारिणी रूपेणसंस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमोनमः।।” का जाप करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।

माता ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के उपाय
- नवरात्रि के दूसरे दिन हाथ में मिश्री लेकर 108 बार माता ब्रह्मचारिणी की स्तुति मंत्र का जाप करके उसे मिश्री को अपने बच्चे को खिलाने से उसे बुद्धि और मेधा की प्राप्ति होती है।
- अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो नवरात्रि के दूसरे दिन सिद्ध किया हुआ मंगल यंत्र धारण करने से जल्दी लाभ मिलता है।
- यदि आप अपने मनोबल को बढ़ाना चाहते हैं तो माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय उनके चरणों में तीन मुखी रुद्राक्ष रखें और पूजा के बाद उसे धारण करें।
- यदि आप कर्ज की समस्या से परेशान है तो माता ब्रह्मचारिणी की पूजा के समय लाल कपड़े में सवा किलो मसूर की दाल बांधकर घी का दीपक जलाकर “दधानां कर पद्माभ्यां अक्षमाला कमण्डलुम्। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिणीः अत्युत्तमा” मंत्र का जाप करें।
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FAQ- Shardiya Navratri Dusra Din
नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा कैसे करें?
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके सफेद या पीला वस्त्र धारण करके माता को पंचामृत से स्नान कराएं चमेली का फूल अच्छा तो कुमकुम इत्यादि चढ़ाएं। उसके बाद माता को मिश्री या शक्कर का भोग लगाकर उनकी स्तुति मंत्र का जाप करें।
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