
Types of Tilak on Forehead: दोस्तों कल भाई दूज का त्यौहार है। इस पर्व में बहन द्वारा भाई को तिलक लगाया जाना एक बेहद महत्वपूर्ण प्रथा है। तिलक लगाना भारत की संस्कृति में केवल एक परंपरा नहीं है बल्कि यह गहरा आध्यात्मिक और ज्योतिष महत्व रखने वाला काम है। तिलक माथे की सुंदरता को तो बढ़ाता ही है साथ में यह व्यक्ति की ऊर्जा मानसिक स्थिति और आध्यात्मिक शक्ति को भी प्रभावित करता है।
अलग-अलग उंगलियों से लगाए गए तिलक का अलग-अलग प्रभाव होता है। आज का यह लेख आपको यह बतायेगा कि किस उंगली से तिलक लगाने क्या फायदा होता है? इसमें शामिल जानकारी प्रसिद्ध आध्यात्मिक कोच डॉ जय मदान द्वारा बताए गए उपायों (Dr. Jai Madaan tilak remedy) पर आधारित है।
उंगलियों, ग्रहों और तत्वों का ज्योतिषीय महत्व(Significance of five fingers in astrology)
ज्योति से शास्त्र के मुताबिक हमारे पांचो उंगलियां पांच पंचतत्वों ( पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) का प्रतीक मानी जाती है। इसके अलावा यह पांच ग्रहों (मंगल, बृहस्पति, शनि,शुक्र और बुध) का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। हर उंगली और उससे जुड़ा गृह व तत्व एक खास तरह की ऊर्जा को एक्टिवेट करता है।
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जब हम किसी खास उंगली और पदार्थ जैसे हल्दी, सिंदूर, विभूति, केसर या तुलसी के रस इत्यादि का उपयोग करके तिलक लगाते हैं तो वह खास ऊर्जा हमारे शरीर और मन में संचारित होती है। तिलक लगाने के बाद उस स्थान पर हल्का सा दबाव डालने से यह ऊर्जा और भी ज्यादा प्रभावशाली हो जाती है। आईये जाने कौन सी उंगली तिलक लगाने से क्या फायदा होता है-
- अंगूठा (सूर्य/शुक्र – अग्नि तत्व)- हमारे हाथ का अंगूठा सूर्य और शुक्र का ठीक है और यह अग्नि तत्वों से जुड़ा है। यह हमें साहसी और आत्मविश्वासी बनता है और नेतृत्व की ऊर्जा को बढ़ाता है।
- तर्जनी (बृहस्पति – वायु तत्व)- तर्जनी उंगली बृहस्पति ग्रह और वायु तत्व से संबंधित है यह बुद्धि मानसिक स्पष्ट और ज्ञान को बढ़ाती है।
- मध्यमा (शनि – आकाश तत्व)- मध्यमा उंगली शनि ग्रह और आकाश तत्व से जुड़ी है जो अनुशासन इच्छा शक्ति और धैर्य को मजबूत करती है।
- अनामिका (पृथ्वी तत्व)- अनामिका उंगली पृथ्वी तत्व की प्रतीक है और हमारे भीतर विनम्रता और आध्यात्मिकता को बढ़ाती है।
- कनिष्ठिका (बुध – जल तत्व)- छोटी उंगली आने की कनिष्ठ बुध ग्रह और जल तत्व से संबंधित है। यह हमारे रचनात्मक और संवाद कौशल को बढ़ाती है।

विभिन्न उंगलियों से तिलक लगाकर ग्रहों को मजबूत करने की विधि(Which finger to use for applying tilak)
तिलक लगाने की प्रक्रिया में पदार्थ, उंगली और दिशा का खास महत्व है। हर ग्रह और तत्व के लिए ख़ास पदार्थ का उपयोग कर के हम उस ग्रह को संतुलित कर सकते हैं। आईये हम अलग-अलग उंगली से तिलक लगाने की विधि और इससे मिलने वाले लाभ को जानें-
अंगूठे से तिलक– अंगूठा सूर्य और शुक्र का प्रतीक होता है और यह अग्नि तत्व को दर्शाता है। अंगूठे से तिलक करने के लिए लाल सिंदूर का प्रयोग करें माथे पर सिंदूर से तिलक लगाएँ और हल्का सा दबाव डालें। यह तिलक साहस, आत्मविश्वास और नेतृत्व की भावना को बढ़ाता है। यह सूर्य और शुक्र की ऊर्जा को सक्रिय करके व्यक्ति को निडर और ऊर्जा से भरपूर बनता है यह तिलक उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अपने जीवन में जोखिम उठाने या नेतृत्व करने से डरते हैं।
तर्जनी उंगली से तिलक– तर्जनी उंगली बृहस्पति ग्रह और वायु तत्व की प्रतीक है। इस उंगली से तिलक करने के लिए आप हल्दी का प्रयोग करें तर्ज में उंगली से हल्दी का तिलक गोलाकार गति में लगाएँ। मतलब मानसिक स्पष्ट एकाग्रता और बुद्धि को बढ़ाता है। यह बृहस्पति की सकारात्मक ऊर्जा को जागृत करता है। यह तिलक विद्यार्थियों शिक्षकों और उन लोगों के लिए फायदेमंद है वह मानसिक शांति और स्पष्टता चाहते हैं।
मध्यमा उंगली से तिलक– मध्यमा उंगली शनि ग्रह की प्रतीक है और आकाश तत्व से संबंधित है। मध्यमा उंगली से आप विभूति का तिलक कर सकते हैं इस उंगली में आप विभूति लेकर ऊपर से नीचे की गति में लगाएँ। यह तिलक जीवन में अनुशासन, धैर्य और इच्छा शक्ति को बढ़ाता है। शनि ग्रह की ऊर्जा को संतुलित करके यहा व्यक्ति को मजबूती प्रदान करता है जिससे वह जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना कर सके। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प की आवश्यकता महसूस करते हैं।

अनामिका उंगली से तिलक- अनामिका ऑन पृथ्वी की प्रतीक है। उंगली से तिलक करने के लिए केसर के पानी का प्रयोग करें। पानी में केसर को दबाते हैं उसे पानी का तिलक तो बाएं से दाएं गति में करें और फिर हल्के से हिलाएँ। यह तिलक विनम्रता और आध्यात्मिकता को बढ़ाता है। यह व्यक्ति की आभा को मजबूत करके आंतरिक शांति प्रदान करता है यह उन लोगों के लिए बहुत ही अच्छा तिलक है जो तनावग्रस्त या अस्थिर महसूस करते हैं।
कनिष्ठा उंगली से तिलक– कनिष्ठ उंगली बुध ग्रह और जल तत्व की प्रतीक है। इस उंगली से तिलक लगाने के लिए आप तुलसी के रस का प्रयोग करें। आप तुलसी के रस में इस उंगली को दबाएँ और घड़ी की दिशा में घुमाते हुए तिलक लगाएँ। यह तिलक संवाद कौशल, क्रिएटिविटी और वाक्पटुता को बढ़ाता है। बुध ग्रह की ऊर्जा को एक्टिव करके यहा व्यक्ति को प्रभावी ढंग से अपनी बात रखने में मदद करता है। यह उन लोगों के लिए ठीक है जो सार्वजनिक मंचों पर बोलने, लिखने या रचनात्मक कार्य करने में सुधार चाहते हैं।
तिलक लगाते समय ध्यान में रखने वाली बातें
यह सभी तिलक बहुत प्रभावशाली है और इस इन्हें केवल रक्षाबंधन के दिन ही नहीं बल्कि आप अपने दैनिक जीवन में भी इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- सुबह स्नान के बाद ही तिलक लगाएँ। ऐसा करने से दिन की शुरुआत सकारात्मक ऊर्जा के साथ होती है।
- तिलक लगाने से पहले अपने उद्देश्य जैसे ही साहस स्पष्ट या संवाद कौशल को निर्धारित करें।
- तिलक लगाने के बाद हल्का सा ध्यान करें और संबंधित ग्रह का मंत्र जपे। उदाहरण के लिए, बृहस्पति के लिए “ॐ बृं बृहस्पतये नमः”
- तिलक लगाने की प्रक्रिया को नियमित रूप से करें ताकि ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।
निष्कर्ष – Types of Tilak on Forehead
तिलक लगाना भारत की सभ्यता का बहुत ही प्राचीन और महत्वपूर्ण अंग है। सदियों से राजा महाराजा में संत साधु इत्यादि तिलक का प्रयोग करते रहे हैं। माथे के बीचो बीच लगाए जाने विभिन्न प्रकार के ये तिलक हमें ब्रह्मांड की ऊर्जा से जोड़ने का माध्यम है। इस भाईदूज आप जब अपने भाइयों को तिलक लगाए तो इस आर्टिकल में बताई गई बातों को ध्यान रखें और इसका इस्तेमाल भी करें।
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FAQ- Types of Tilak on Forehead
तिलक के लिए कौनसी उंगली अच्छी है?
आमतौर पर तिलक के लिए अनामिका उंगली को सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि यह उंगली भक्ति और समर्पण से संबंधित है। खास तौर पर देवी देवताओं की मूर्तियां और चित्रों पर तिलक लगाने के लिए अनामिका उंगली का ही इस्तेमाल किया जाता है।
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