
Videsh mein Chhath Puja Kaise Karen: छठ पूजा आस्था का पर्व माना जाता है। छठ को भारत की आत्मा कहा जाता है क्योंकि भारत के कई हिस्सों में छठी मैया को समर्पित या उत्सव मनाया जाता है। छठ पर्व संतान की लंबी आयु संतान सुख प्राप्ति और पारिवारिक सुख के लिए आयोजित किया जाता है। हालांकि यह पर्व बिहार, झारखंड, पुरी, उत्तर प्रदेश और नेपाल के हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है, परंतु वर्तमान में इस पर्व को देश और दुनिया में सभी लोगों द्वारा मनाया जा रहा है।
आज जब लाखों भारतीय विदेश में रहते हैं तो उनके लिए भी सबसे बड़ा प्रश्न यह होता है कि विदेश में रहकर छठ पूजा कैसे करें? जी हां विदेश की भूमि पर छठ का पालन करना चुनौती पूर्ण भले ही होता है,बपरंतु श्रद्धा और संकल्प इस चुनौती को आसान बना देते हैं। विदेश में नदियों में पूजा करना वर्जित होता है परंतु जल का हर अंश और सूर्य की हर किरण छठ मैया का आशीर्वाद पहुंच जाती है।
विदेश में भले ही मिट्टी का दिया नहीं मिलता परंतु वहां की मोमबत्ती श्रद्धा का प्रतीक बन जाती है और इन्हीं नियमों के साथ आप विदेश में छठ पर्व मना सकते हैं। आज हम आपको इसी का संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराएंगे जहां हम बताएंगे कि किस प्रकार प्रवासी भारतीय श्रद्धा के साथ विदेश में छठ पर्व मना सकते हैं और कैसे पूजा की व्यवस्था कर सकते हैं।
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विदेश में छठ पूजा की तैयारी हेतु सामग्री
सबसे पहले छठ पूजा की शुरुआत होती है नहाय खाय से। विदेश में आप चाहे तो घर में ही स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थान तैयार कर सकते हैं। यदि आपके पास गंगा जल उपलब्ध है तो अति उत्तम अन्यथा आप सामान्य सामान्य जल को ही संकल्प कर गंगाजल मानकर पूजा स्थल पर रख सकते हैं। इसके पश्चात पूजा स्थान पर सूर्य भगवान और छठी मैया की तस्वीर रखें।
यदि आपके पास सूर्य भगवान और छठी मैया की तस्वीर नहीं है तो इंटरनेट से इन तस्वीरों को डाउनलोड कर इनका प्रिंट आउट निकालें। इसके बाद मिट्टी के बर्तन की आवश्यकता होती है। यदि आपके पास मिट्टी के बर्तन नहीं है तो उसकी जगह पीतल के बर्तन का उपयोग किया जा सकता है। आप चाहे तो गेहूं, चना दाल, लौकी और तुलसी के पौधा को भी पूजा में शामिल कर सकते हैं।

विदेश में कोसी भरने की पद्धति
विदेश में नदियां मिलना काफी कठिन होता है ऐसे में तालाब समुद्र तट या स्विमिंग पूल का उपयोग किया जा सकता है। यदि यह भी संभव नहीं है तो जल से भरा एक कृत्रिम टब ड्रम या बड़ा बर्तन रखकर सूर्य देव का अर्घ्य दिया जा सकता है। यह काम आप घर की बालकनी या टेरिस पर भी कर सकते हैं। ऐसे में यदि आपके पास से कोसी रखने के लिए मिट्टी का घड़ा है तो अति उत्तम अन्यथा पीतल या स्टील के कलश पर भी आप दीपक जला सकते हैं।
हालांकि कोसी भरने के लिए गन्ना, केले, नींबू दीपक और नए वस्त्र जरूरी होते हैं परंतु आपके पास कोई वस्तु की कमी है तो निराश ना हो। श्रद्धा के साथ छठी मैया से क्षमा मांगते हुए उपलब्ध सामानों के साथ पूजा करें। जितना संभव हो सके भक्ति में लीन रहे और कोसी छठी मैया के गीत गाते हुए कोसी के चारों ओर घूमें।
विदेश में सूर्य अरग कैसे दें
छठी मैया में सबसे महत्वपूर्ण क्षण होता है सूर्य देवता को अर्घ्य देना क्योंकि छठ पर्व उगते सूर्य और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से ही संपन्न होता है। विदेश में छठी मैया का आभार प्रकट करने के लिए सूर्य को अर्घ देने के लिए पूर्व की ओर मुंह पर खड़े हो जाएँ और सूर्य उदय या सूर्य अस्त के साथ जल अर्पित करें। आप चाहे तो अपने बालकनी, टेरेस या बगीचे में पानी का टब, पूल या ड्रम भरकर रख सकते हैं और जल अर्पित कर सकते हैं।
जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्रों का जाप अवश्य करें। हो सके तो 108 बार ॐ सूर्याय नमः, ॐ आदित्य नमः मन्त्रों का जाप करें। यदि आपको सूर्य दिखाई नहीं दे रहा है तो भी मन से अर्घ्य अर्पित करें क्योंकि भक्ति का मूल भावना में होता है स्थान में नहीं। अर्घ्य देते समय सुनिश्चित करें के परिवार के सभी सदस्यों का मुख्य सूर्य की ओर हो।

विदेश में प्रसाद बनाने का विकल्प
यदि आप विदेश में है और छठ का प्रसाद बनाना चाहते हैं तो आपको ठेकुआ, कद्दू, भात, चना दाल, सूप इत्यादि तैयार करना होगा। क्योंकि छठ में प्रसाद की शुद्धता और सात्विकता अत्यंत आवश्यक होती है। थेकि, गेहूं के आटे, गुड़ और घी से बनाया जाता है। यह सामान आसानी से किसी भी स्टोर में मिल जाता है। हालांकि यदि आपको ठेकुआ बनाना नहीं आता तो आप इस सामान का इस्तेमाल कर कुछ और भी बना सकते हैं परंतु कोशिश करें कि इंटरनेट पर लिखी हुई रेसिपी के आधार पर इसे बना लिया जाए और सात्विकता का ध्यान आवश्यक रखें।
नहाए खाए के दिन कद्दू भात और चना दाल मुख्य भोजन होते हैं। यह सामान आसानी से किसी भी विदेशी स्टोर पर मिल जाता है। इसके बाद सूप, बांस की टोकरी की आवश्यकता पड़ती है। यदि आपके पास से विदेश में बांस की टोकरी नहीं है तो आप स्टील की ट्रे या बास्केट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें केले नारियल सिंघाड़ा से मौसमी फल इत्यादि शामिल करें।
विदेश में रहने वाले लोगों के लिए छठ के नियम (Videsh mein Chhath Puja Kaise Karen)
यदि आप विदेश में रह रहे हैं और आप छठ का व्रत कर रहे हैं तो व्रती को चार दिन तक पूर्ण सात्विकता, संयम और नियम का पालन करना अनिवार्य है। वस्तुओं की कमी ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होती, छठ के दौरान श्रद्धा और भावना महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में पूजा के दौरान रसोई और घर की स्वच्छता अत्यंत आवश्यक है। पूजा करते समय ध्यान रखें कि कोई भी नकारात्मक विचार सामने न लाएं और असत्य वचनों से भी दूर रहें। यदि विदेश में यदि आप अकेले हैं तो विचलित बिल्कुल भी ना हो क्योंकि छठ मैया आपके साथ हमेशा है और सूर्य देवता पूर्व हो या पश्चिम सब जगह निकलते हैं।

कुल मिलाकर विदेश की भूमि पर भी छठ पूजा केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं होता बल्कि आत्मिक जुड़ाव का प्रतीक है। आप चाहे अपने देश में है या विदेश में आप श्रद्धा और भक्ति से चार दिनों के महापर्व को आयोजित कर सकते हैं और सूर्य देवता का छठ माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
FAQ- Videsh mein Chhath Puja Kaise Karen
क्या अमेरिका में छठ पूजा होती है?
हां अमेरिका में बसे भारतीय भी छठ पूजा कर सकते हैं और यदि छठ पूजा की सामग्री मा उपलब्ध न हो तो वैकल्पिक सामग्री से भी पूजा की जा सकती है।
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