
What is Chronic Stress: आजकल की जिंदगी इतनी फास्ट हो चुकी है कि हम तरह-तरह की समस्याओं से घिरे रहते हैं। हर व्यक्ति किसी न किसी तरह की परेशानी से घिरा हुआ है और वह एक तनाव में अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। कई बार यह तनाव हमारे लिए अच्छा होता है। वह हमारे करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है, हमें खुद को समझने में मदद करता है।
यह तनाव सिर्फ कुछ समय के लिए होना चाहिए, लेकिन जब यही तनाव लगातार बना रहता है, तो यह तनाव क्षणिक तनाव या कहें एक्यूट स्ट्रेस से क्रॉनिक स्ट्रेस की तरफ बढ़ जाता है। क्रॉनिक स्ट्रेस के बारे में जानकारी न होने की वजह से लोग समझ ही नहीं पाते कि क्रॉनिक स्ट्रेस कितना नुकसान कर सकता है।
क्रॉनिक स्ट्रेस को एक मीठे जहर की तरह माना जाता है, जो धीरे-धीरे हमारे मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है और हमें कई तरह की बीमारियों का शिकार बना देता है। इस लेख में हम समझेंगे कि क्रॉनिक स्ट्रेस क्या है और उससे बचने व निपटने के उपाय क्या हैं?
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क्रॉनिक स्ट्रेस यानी मीठा ज़हर (What is Chronic Stress)
क्रॉनिक स्ट्रेस को इस तरह समझिए कि यह हमारे दिमाग को हमेशा इंगेज रखता है। हम हर स्थिति को लड़ो या भागो की रणनीति से देखते हैं। हमारे लिए हाल समस्या एक बड़ी समस्या होती है फिर वह चाहे ऊपरी तौर पर कितनी छोटी समस्या क्यों ना हो। यह समस्याएं लगातार हमारे दिमाग में चलती रहती हैं।
क्रोनिक स्ट्रेस में अक्सर व्यक्ति ऐसी समस्याओं में उलझ जाता है, जिनका त्वरित हल नहीं होता है। ऐसे में क्रॉनिक स्ट्रेस व्यक्ति पर हावी होता जाता है और उन्हें बहुत नुकसान पहुंचता है। अगर किसी समस्या को लेकर आप पर लगातार एक प्रेशर बना हुआ है और आप जानते हैं ये समस्या हल होने में वक्त लगेगा फिर भी इस समस्या को सोच सोचकर परेशान होते हैं तो आप क्रॉनिक स्ट्रेस का शिकार हो जायेंगे।
क्रॉनिक स्ट्रेस के लक्षण (Chronic Stress Symptoms)
शरीर में असर करने वाले लक्षण- सर दर्द, नींद ना आना, पेट सही से साफ ना होना, दिल की धड़कन का अचानक से बढ़ जाना, मांसपेशियों में जकड़न आ जाना।
मानसिक लक्षण – चिड़चिड़ापन, कहीं ध्यान ना लगना, हर समय नकारात्मक विचार आना, निर्णय लेने में कठिनाई होना, अपनी बात को सही से समझा ना पाना और ख़ुद में उलझे रहना।
इमोशनल लक्षण – बहुत गुस्सा आना, बात-बात पर उदास हो जाना या रोने लगना, बहुत अकेला फील करना।
व्यवहार में बदलाव – खाने-पीने से दूरी बना लेना, नशे की तरफ खिंचे चले जाना, लोगों से मिलना-जुलना बंद कर देना।
अगर यह सारे लक्षण आपको लंबे समय से बने हुए हैं तो आप क्रॉनिक स्ट्रेस का शिकार हैं।

क्रॉनिक स्ट्रेस से बचने के उपाय
- मन को भटकाना सीखें। किसी एक ही टॉपिक पर ज्यादा लंबे समय तक ना सोचे।
- जब भी नेगेटिव ख्याल आए तो अपने जीवन के पॉजिटिव ख्यालों को याद करके एक बैलेंस बना लें।
- सोशल मीडिया का प्रयोग सोच समझकर करें, इसका इस्तेमाल न ही करें तो बेहतर है।
- अपने खाने का ध्यान आपको खुद रखना है खाने में असंतुलन पैदा न होने दें।
- अपनी दिनचर्या से कुछ समय खुद के लिए भी निकले इसमें आप व्यायाम या योग भी कर सकते हैं।
क्रॉनिक स्ट्रेस से निकलने के उपाय
- अगर आप क्रॉनिक स्ट्रेस का शिकार लंबे समय से हैं तो सबसे पहले अपने जीवनचार्य में ध्यान को लाएं। मेडिटेशन क्रॉनिक स्ट्रेस से निकलने का बहुत ही महत्वपूर्ण उपाय है।
- योग जैसे प्राणायाम इत्यादि पर भी ध्यान दें यह आपकी मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आपकी शारीरिक स्वास्थ्य को भी सही करेगा।
- अपनी परिस्थितियों के बारे में हमेशा नकारात्मक न सोचें बल्कि वह चीज जो आपके जीवन में अच्छी हुई है उसके लिए ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करें।
- जीवन के अस्थाई भाव को समझें और खुद को यह याद दिलाए कि इस दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं है इसलिए किसी भी प्रकार के तनाव को स्थाई न बनने दें।
- खुद को प्रकृति से जोड़ी पेड़ पौधों के साथ समय बताइए और अपने अंदर के भक्ति भाव को जागृत करके उसे महसूस करिए।
- अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत करें और रोज अपने इष्ट देव का जाप करें।

इन उपायों को अपनाने से आपके जीवन में धीरे धीरे बहुत बड़े बदलाव आएंगे, जिससे आप धीरे-धीरे क्रॉनिक स्ट्रेस से बाहर निकल कर एक सामान्य जीवन जी पाएंगे।
क्रॉनिक स्ट्रेस किसी तरह की बीमारी नहीं है यह एक अवस्था है इसे समझिए और इससे बाहर निकलने के उपाय को अपना कर इसे बाहर निकले। अपने जीवन में आध्यात्म का दिया जलने दे और इसके प्रकाश से अपने अंदर के तनाव और अज्ञान को मुक्त करें।
क्रोनिक स्ट्रेस क्या है?
लंबे समय तक मानसिक प्रेशर या तनाव क्रोनिक स्ट्रेस कहलाता है। यह तनाव का उच्चतम स्तर है जो हमारी कई मानसिक और शारीरिक बीमारियों का कारण बन सकता है।