Rang Panchami Puja Vidhi: रंगपंचमी, होली के पांचवें दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, यह विशेष रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व देवी-देवताओं की प्रसन्नता और पर्यावरण की शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन को ‘देव पंचमी’ भी कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता रंग और गुलाल के साथ होली खेलते हैं।

इस दिन देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से पूजा पाठ करना शुभ माना जाता है। लेकिन यह पूजा सही तरीके और विधि विधान से करना जरूरी है, तभी इसका शुभ फल प्राप्त होता है। इसलिए हम इस आर्टिकल में लेकर आए हैं Rang Panchami Puja Vidhi. इसमें हम आपको बताएंगे कि आप किस तरह से ही रंग पंचमी के दिन पूजा करके इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना न भूलें।
रंगपंचमी का महत्व | Significance of Rang Panchami
आने वाले 19 मार्च को रंग पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा। रंगपंचमी का त्योहार न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक नज़रिये से खास है, बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक संदर्भ में भी इसका विशेष महत्व है। यह दिन तमोगुण के खत्म करने और सतोगुण को बढ़ाने का प्रतीक माना जाता है, जिससे जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
रंग पंचमी के इस शुभ अवसर पर विशेष पूजा अर्चना करने का रिवाज है। रंग पंचमी की यह विशेष पूजा एक खास विधि से की जाती है जिसके बारे में हम आपको आगे बताने वाले हैं। आने वाली रंग पंचमी को आप भी यह खास पूजा कर सकते हैं।

रंगपंचमी की पूजा कैसे की जाती है | Rang Panchami Puja Vidhi
अगर आप भी आगामी रंग पंचमी की पूजा करने वाले हैं तो हम आपको इसकी विधि बताने जा रहे हैं। इसे ध्यान से पढ़े। आईये हम जानते हैं कि रंग पंचमी की पूजा कैसे की जाती है (Rang Panchami Puja Vidhi)-
स्नान और शुद्धिकरण: किसी भी पूजा में शुद्धिकरण का खास महत्व है। इसलिए रंग पंचमी की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना शुभ माना जाता है। इस दिन नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी और गंगाजल मिलाने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा: वैसे तो रंग पंचमी पर राधा कृष्ण की पूजा का रिवाज है। लेकिन रंगपंचमी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की जोड़े के रूप में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस पूजा में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को लाल या पीले फूल, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
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कलश स्थापना: रंगपंचमी में पूजा वाली जगह पर पर शुद्ध जल से भरा कलश स्थापित करें और उसकी पूजा के बाद उस जल का पूरे घर में छिड़काव करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा का खात्मा होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मंत्र जाप: नैवेद्य और फूल अर्पण करने के बाद माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए मंत्र जाप करें। रंग पंचमी के दिन लक्ष्मी बीज मंत्र ‘ऊॅं श्रीं श्रीये नमः’ या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है। इन मंत्रों के जाप से आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
भोग अर्पण: रंग पंचमी के दिन भोग के रूप में माता लक्ष्मी को खीर, साखर मिठाई या श्रीखंड जैसे सफेद पदार्थ अर्पित करें। पूजा के बाद सबसे पहले घर की बुजुर्ग महिला को प्रसाद दें और फिर सभी में बांटें। इससे आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।

रंग पंचमी की पूजा का मुहूर्त (Rang Panchami Puja Muhurta)
रंगपंचमी 2025 (Rang Panchami 2025) का त्यौहार 19 मार्च, बुधवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचमी की तिथि 18 मार्च की रात 10:12 बजे से शुरू होकर 20 मार्च की सुबह 12:40 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, रंगपंचमी 19 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:52 बजे से 5:40 बजे तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2:30 बजे से 3:54 बजे तक और गोधूलि मुहूर्त शाम 6:30 बजे से 6:55 बजे तक रहेगा।
निष्कर्ष| Conclusion
इस आर्टिकल में हमने रंग पंचमी के शुभ अवसर पर की जाने वाली पूजा विधि (Rang Panchami Puja Vidhi) के बारे में बात की। हमने जाना कि किस तरह से खास तरीके से पूजा करके आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद से सुख और समृद्धि को हासिल कर सकते हैं।
दोस्तों आने वाली रंग पंचमी को आप भी इस आर्टिकल में बताए गए विधि विधान से पूजा जरूर करें और अपने अनुभव हमें कमेंट बॉक्स में बताएं इसके साथ ही इस आर्टिकल को अपने करीबी लोगों के साथ जरूर साझा करें और ऐसे ही जरूरी आर्टिकल्स पढ़ने के लिए हमसे जुड़े रहें।
Rang Panchami Puja Vidhi: यहाँ देखें वीडियो
FAQ– Rang Panchami Puja Vidhi
रंग पंचमी के दिन किन की पूजा की जाती है?
रंग पंचमी के दिन राधा कृष्ण के अलावा माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की जोड़ी की पूजा की जाती है।
रंग पंचमी की पूजा में भोग के रूप में माता लक्ष्मी को क्या चढ़ाना शुभ है?
रंग पंचमी की पूजा में माता लक्ष्मी को भोग के रूप में श्रीखंड, खीर या सफेद मिठाई चढ़ाना शुभ माना जाता है।
रंगपंचमी की पूजा में किस मंत्र का जाप किया जाता है?
रंग पंचमी की पूजा में माता लक्ष्मी के बीज मंत्र या कनकधारा स्त्रोत का जाप किया जाता है।
रंग पंचमी की पूजा में क्या करने से नेगेटिव ऊर्जा खत्म होती है?
रंग पंचमी की पूजा में कलश स्थापना से नेगेटिव एनर्जी खत्म होती है।
रंग पंचमी की पूजा से पहले नहाने के पानी में क्या मिलना चाहिए?
रंग पंचमी की पूजा में नहाने से पहले एक चुटकी हल्दी और गंगाजल मिलाना चाहिए।