Dasha Mata Ke Upay: दशा माता के ये उपाय बदल देंगे घर की दशा

Dasha Mata ke Upay
Dasha Mata ke Upay

Dasha Mata Ke Upay: दशा माता व्रत हिंदू धर्म में विशेष रूप से महिलाओं द्वारा अपने परिवार की सुख-समृद्धि और घर की दशा सुधारने के लिए किया जाता है। यह व्रत चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह व्रत 24 मार्च को पड़ेगा। 

इस विशेष दिन कुछ आसान उपाय करके हम अपने घर की दशा सुधर सकते हैं और दशा माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं ताकि हमारा घर परिवार हमेशा है सुखी रहे इसीलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको दशा माता के 10 उपाय (Dasha Mata Ke Upay) बताने जा रहे हैं इसलिए आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें। 

दशा माता व्रत के 10 उपाय

दशा माता का व्रत हिंदू धर्म में काफी प्रचलित है जो सुहागन महिलाओं द्वारा किया जाता है इस व्रत को महिलाएं अपने घर समृद्धि बनाए रखना और दशा को सुधारने के लिए करती हैं। इस दिन महिलाएं गले में एक कच्चा डोरा पहनती है साफ सफाई का खास ध्यान रखती हैं। दशा माता के दिन कुछ खास उपाय (Dasha Mata Ke Upay) करना है घर में सुख समृद्धि लाने में कारगर है। आइये हम जानते हैं क्या हैं वे खास उपाय जो आप इस दिन आसानी से कर सकते हैं-

  1. कच्चे सूत से डोरा बनाएँ: दशा माता व्रत के दिन कच्चे सूत का 10 तार वाला डोरा बनाएं, और उसमें 10 गांठें लगाएं। यह डोरा पूजा के दौरान विशेष महत्व रखता है।
  2. पीपल वृक्ष की पूजा करें: दशा माता के दिन सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ के पास जाएं, उसे जल अर्पित करें और कच्चे सूत के डोरे को 10 बार पेड़ के चारों ओर लपेटते हुए परिक्रमा करें।
  3. डोरा गले में धारण करें: पीपल की पूजा के बाद, उस सूत के डोरे को गले में पहनें और इसे एक वर्ष तक धारण करें। यह परिवार की समृद्धि और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
  4. दशा माता की कथा सुनें: दशा माता पूजा के बाद, दशा माता की व्रत कथा सुनें। इस कथा को सुनने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
  5. साफ-सफाई का ध्यान रखें: इस दिन घर की अच्छे से सफाई करें और स्वच्छता का पालन करें। यह शुभ माना जाता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  6. हल्दी-कुमकुम के छापे लगाएं: दशा माता व्रत के दिन घर के मुख्य द्वार और पूजा स्थल पर हल्दी और कुमकुम से छापे लगाएं। यह शुभता और समृद्धि का प्रतीक है।
  7. नमक रहित भोजन करें: दशा माता व्रत के दिन बिना नमक का भोजन एक समय ग्रहण करें। यह व्रत की शुद्धता और संकल्प को मजबूत करता है।
  8. गेहूं का उपयोग करें: भोजन में विशेष रूप से गेहूं से बनी चीजों का सेवन करें। यह स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए लाभकारी माना जाता है।
  9. झाड़ू खरीदें: दशा माता के दिन नई झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है, जो घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होती है।
  10. व्रत का निरंतर पालन करें: दशा माता का व्रत का एक बार संकल्प लेने के बाद जीवनभर किया जाता है। इसे बीच में छोड़ना अशुभ माना जाता है।

दशा माता व्रत की कथा| Dasha Mata Vrat Katha

प्राचीन समय की बात है। एक नगर में एक ब्राह्मण परिवार रहता था। उनके परिवार में माता-पिता, पुत्र और बहू सभी मिलजुल कर सुख-शांति से रहते थे। बहू बहुत ही संस्कारी और धर्मपरायण थी। वह प्रतिदिन घर की सफाई करती और परिवार के सभी लोगों की सेवा में तत्पर रहती थी।

एक दिन सफाई करते समय बहू से अनजाने में झाड़ू का अपमान हो गया। उसने झाड़ू को इधर-उधर फेंक दिया और उस पर पैर भी रख दिया। यह घटना छोटी लग रही थी, लेकिन इसके बाद से घर में दरिद्रता ने अपना वास कर लिया।धीरे-धीरे परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी। घर में कलह बढ़ने लगी, बीमारियां घेरने लगीं और सुख-शांति खत्म हो गई। बहू को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक ऐसा क्यों होने लगा।

एक दिन एक साधु महात्मा उस नगर में आए। बहू ने उन्हें अपनी समस्या बताई। संत ने कहा, “तुमने अनजाने में झाड़ू का अनादर किया है, जिससे दशा माता क्रोधित हो गई हैं। इस दोष से मुक्ति पाने के लिए तुम चैत्र कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को दशा माता का व्रत रखो और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करो।”

संत की सलाह मानकर बहू ने दशा माता व्रत का संकल्प लिया। उसने पीपल के वृक्ष की पूजा की, कच्चे सूत के 10 तारों का डोरा बनाकर उसमें 10 गांठें लगाईं और पीपल की परिक्रमा करते हुए डोरा वृक्ष पर चढ़ाया। फिर दशा माता की कथा सुनी और पूरे विधि-विधान से व्रत पूरा किया।

Read More: Papmochani Ekadashi Money Upay से मिलेगा अपार धन और समृद्धि

व्रत पूरा होते ही घर की स्थिति में बदलाव आने लगा। धीरे-धीरे धन की बरकत होने लगी, परिवार में सुख-शांति लौट आई, बीमारियां दूर हो गईं और घर में खुशहाली छा गई। बहू को समझ में आ गया कि दशा माता का व्रत करने से घर की दशा बदल जाती है और दरिद्रता समाप्त हो जाती है।

तभी से यह मान्यता बन गई कि जो भी स्त्री दशा माता व्रत सच्चे मन से रखती है, उसके घर की दशा सुधरती है, सुख-समृद्धि बनी रहती है और परिवार पर आने वाली विपत्तियां दूर हो जाती हैं। दशा माता का यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है और इसे जीवनभर करने की परंपरा है।

दशा माता की यह कथा हमें यह सिखाती है कि घर की सफाई, स्वच्छता और धार्मिक नियमों का पालन करना आवश्यक है। झाड़ू को अपवित्र नहीं मानना चाहिए और उसका अनादर करने से बचना चाहिए। दशा माता का व्रत करने से घर में खुशहाली, शांति और समृद्धि आती है। यदि कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी, परिवारिक कलह या अन्य संकटों से जूझ रहा हो, तो उसे दशा माता व्रत विधिपूर्वक करना चाहिए। इस व्रत की शक्ति से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो सकती हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

Dasha Mata ke Upay
Dasha Mata ke Upay

इस तरह करें दशा माता की पूजा

  1. सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
  2. कच्चे सूत का 10 तार वाला डोरा बनाएं और उसमें 10 गांठें लगाएं।
  3. पीपल के वृक्ष के पास जाकर उसे जल चढ़ायें और डोरे को 10 बार पेड़ के चारों ओर लपेटते हुए परिक्रमा करें।
  4. डोरे को गले में धारण करें।
  5. दशा माता की व्रत की कथा सुनें।
  6. घर के मुख्य द्वार और पूजा स्थल पर हल्दी-कुमकुम के छापे लगाएं।
  7. दिनभर व्रत रखें और बिना नमक का भोजन एक समय ग्रहण करें।

मुहूर्त:

दशा माता व्रत चैत्र कृष्ण दशमी तिथि को मनाया जाता है। पूजा का शुभ मुहूर्त 24 मार्च प्रातः 6:29 बजे से 8:02 बजे तक और पुनः 11:8 बजे से दोपहर 3:46 बजे तक है।

Dasha Mata Ke Upay: यहाँ देखें वीडियो

FAQ- Dasha Mata Ke Upay

दशा माता व्रत किस दिन किया जाता है?

दशा माता व्रत चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की दसवीं तिथि को किया जाता है।

दशा माता व्रत के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?

दशा माता व्रत के दिन नमक वाला भोजन नहीं खाना चाहिए।

दशा माता का डोरा कैसे लेते हैं?

दशा माता का डोरा कच्चे सूत 10 तार लेकर बनाया जाता है और उसमें 10 बैठने लगाई जाती हैं।

दशा माता का डोरा कब खोला जाता है?

दशा माता का डोरा 1 साल बाद खेला जाता है।

दशा माता का व्रत करने से क्या फायदा होता है?

दशा माता का व्रत करने से घर में सुख समृद्धि आती है और घर की दशा बदलती है।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

Share This Article:

Leave a Comment