मामूली फैसले लेने में होती है घबराहट? तो आप हैं Decision Making Fatigue से ग्रसित

Decision Making Fatigue
Decision Making Fatigue

Decision Making Fatigue: आधुनिक जिंदगी इतनी फास्ट है कि हमें एक दिन में ही कई सारे निर्णय लेने पड़ते हैं। फैसले लेने की यह शुरुआत सुबह के नाश्ते पर फैसला लेने से होती है उसके बाद ऑफिस का काम, घर के काम, छोटे बड़े कई सारे कामों को निपटाते हुए रात में कोई मूवी या कार्यक्रम देखने तक यह सारे निर्णय हमें खुद ही लेने पड़ते हैं।

अब फैसला चाहे छोटा हो या बड़ा इससे फर्क नहीं पड़ता कि इस फैसले को लेने के लिए दिमाग को अपनी ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। और लगातार तनाव की स्थिति में रहने पर दिमाग ज्यादा ऊर्जा खर्च करेगा जिससे दिमाग थकान (Mental Fatigue) का अनुभव करने लगेगा और जैसे-जैसे दिमाग पर थकान हावी होती जाती है वैसे-वैसे हमारी हर फैसला लेने पर घबराहट या चिडचिडाहट बढ़ती जाती है।

यह प्रॉब्लम Decision Fatigue अर्थात फैसले लेने की थकान कही जाती है। साधारण भाषा में कहें तो लगातार डिसीजन लेने के कारण होने वाली मानसिक थकावट। आज हम Decision Making Fatigue की समस्या के पीछे छिपे कारणों को जानेंगे और जानेंगे कुछ आसान तरीके जिनसे इस समस्या को हल किया जा सके।

निर्णय थकान ( Decision Fatigue) होती क्या है?

इस समस्या से जूझते लोगों को यह समस्या लगती ही नहीं है और यही वजह है कि इस बारे में कोई ध्यान भी नहीं देता है, जब तक कि यह हमारे लिए घातक नहीं होने लगती है। तो अगर इस समस्या के बारे में हमें सही से पता हो तो हम अपना नुकसान करने से बच सकते हैं। 

इस बात को ऐसे समझे कि जब दिमाग पर थकावट (Brain Fatigue) हावी हो जाती है तो इसकी चीजों पर तर्क करने की क्षमता (Reasoning Ability) घट जाती है। यही कारण है कि हमें कई बार छोटे या आसान फैसले लेने में भी बहुत ज्यादा चिडचिडाहट या घबराहट होने लगती है ।

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कैसे पहचानें निर्णय थकान (Decision Fatigue) को?

इसको पहचान की कुछ बेहद आसान लक्षण है ,और आप इसे आसानी से समझ सकते हैं – 

  1. अगर आप कोई काम करना चाहते हैं और फिर भी उस आसान काम के टालमटोल कर रहे हैं तो शायद आप इस समस्या से जूझ रहे हैं। इसे अपने आलसी होने से जोड़ने की बजाय ख़ुद पर ध्यान दें।
  2. खाने,पीने, शॉपिंग आदि रोज मर्रा के कामों को बिना कुछ सोचे समझे जल्दी जल्दी कर देना जैसे बिना जरूरत ऑनलाइन खाना मंगा लेना, ऐसी चीजें खरीदना जिन्हें सालों इस्तेमाल भी नहीं करना हैं। किसी को देखकर उसको कॉपी करने के लिए कुछ भी खरीदना। ये सबकुछ फैसला करने की थकावट (Decision Fatigue) के कारण ही हैं।
  3. कहीं मन नहीं लगना, एक ही बात को अलग-अलग लोगों से अलग तरह से करना, अपनी बात को सही से समझा ना पाना, जिद्दी होना, एकाग्र होने का प्रयास न करना आदि Decision Making Fatigue के लक्षण हैं। अच्छी बात यह है कि यह सारी चीजें बहुत ही सामान्य हैं और इन्हें आप आसानी से डील कर सकते हैं।
Decision Making Fatigue
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Decision Making Fatigue को कैसे दूर करें

इस मामले में सबसे ज्यादा जरूरी है समस्या को स्वीकार करना। अब आप समस्या समझ गए हैं तो आपको इसे सॉल्व करने में भी जरा सा वक्त नहीं लगेगा। 

अपने रूटीन को समझें- रूटीन को अच्छे से अच्छा करने का प्रयास करते रहें लेकिन दिमाग को इसे टास्क की तरह न दें। इसे ऐसे समझें,  मुख्य चीजें ठीक से होती रहें बाकी चीजें ऊपर नीचे भी हों तो चलता है। ऐसी चीजों के लिए स्ट्रेस न लें।

काम और ब्रेक दोनों का संतुलन- दिन की शुरुआत में ही बड़े फैसले ले लें या अपना मन बना लें, इससे दिमाग उनपर पूरे दिन अटका नहीं रहेगा। काम के बीच-बीच में ब्रेक भी लेते रहें और अपने लंच ब्रेकफास्ट को स्किप बिल्कुल न करें।

न  कहना सीखें- अगर कोई काम जो आपकी जिम्मेदारी नहीं है या आप जिसे करना नहीं चाहते तो ऐसे काम को स्पष्ट रूप से मना कर दें। याद रखिए आपको यस मैन नहीं बनना है, जहां न कहना जरूरी है वहां न कहना सीखें।

छोटे पलों का आनंद लें और शांत रहें- जिंदगी बड़े पलों का इंतजार करने का नाम नहीं है। छोटी-छोटी खुशियों, छोटे-छोटे पलों से ही एक बेहतर जीवन का निर्माण होता है। इस बात को अपने दिमाग में अच्छे से बैठा लेंगे तो दिमाग बहुत सारे छोटे छोटे निर्णय पर बिल्कुल भी ऊर्जा खर्च नहीं करेगा जो उतने जरूरी नहीं हैं। 

FAQ- Decision Making Fatigue

निर्णय थकान (Decision Making Fatigue) क्या है?

फैसला लेने से उपजी थकान निर्णय थकान है।

निर्णय थकान क्यों होती है?

जब जब हमारा दिमाग जरूरत से ज्यादा व्यस्त होता है और उसकी विवेचना क्षमता कम हो जाती है तब निर्णय थकान होती है।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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