478 Breathing Method: 60 सेकंड में तनाव को कहें अलविदा

478 Breathing Method in Hindi
478 Breathing Method in Hindi

478 Breathing Method: आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में तनाव चिंता और नींद की कमी बहुत आम समस्याएं हैं। क्या आप भी रात को बिस्तर पर लेटे हुए घंटे करवटें बदलते रहते हैं या दिन भर के काम की थकान के बाद भी आपका दिमाग शांत नहीं रहता? यदि हां तो 478 ब्रीदिंग टेक्निक (478 Breathing Method) आपकी समस्या का एक जादुई उपाय हो सकती है।

यह प्राचीन योग प्राणायाम से निकली हुई एक तकनीक है जो आपको नींद लाने में मदद करती है इसलिए यह 478 स्लीपिंग मेथड (478 Sleeping Method) भी कहलाती है। साथ ही यह तनाव चिंता और दिल से जुड़ी बीमारियों से भी बचाती है। आज के आर्टिकल में हम 478 ब्रीदिंग तकनीक (478 Breathing Method) के बारे में बात करते हुए इसके फायदे इसे करने के तरीके इसके वैज्ञानिक आधारों के बारे में विस्तार से जानेंगे। तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें।

4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक क्या है?

4-7-8 ब्रीदिंग मेथड(478 Breathing Method)  को “रिलैक्सिंग ब्रीथ” भी कहा जाता है। यह सांस लेने की एक सरल और प्रभावी तकनीक है। इसे पॉपुलर बनाने का श्रेय अमेरिकी चिकित्सक और इंटीग्रेटेड मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. एंड्रयू वेल हो जाता है। श्वसन की इस तकनीक की जड़ी प्राचीन योग पद्धति से जुड़ी हुई है। 

इस तकनीक में चार सेकंड तक सांस को अंदर लेना है, 7 सेकंड तक रोके रखना और 8 सेकंड तक धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ना शामिल है। सांस लेने पर यह विशिष्ट अनुपात शरीर और दिमाग को शांत करने में खास भूमिका निभाता है।

यह तकनीक पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम को एक्टिवेट करती है, जो बॉडी की “रेस्ट-एंड-डाइजेस्ट” प्रतिक्रिया को बढ़ाती है। इससे तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल का लेवल कम होता है, हार्टबीट धीमी पड़ती है और दिमाग शांत होता है। कई लोगों का दावा है कि यह तकनीक करने से उन्हें 60 सेकंड में नींद आ जाती है।

4-7-8 ब्रीदिंग कैसे करें 

478 ब्रीदिंग तकनी (478 Breathing Method) को करना बहुत आसान है। इसके लिए किसी खास तैयारी है उपकरण की जरूरत नहीं है। इसे कहीं भी किया जा सकता है। आइये जानें इस तकनीक को कैसे करना है (How To Do 478 Breathing Method Step-by-Step)

तैयारी – शांत और आरामदायक जगह पर बैठें। आप चाहें तो लेट भी सकते हैं लेकिन अपनी रीढ़ को सीधा रखें। जीभ को ऊपरी सामने के दांतों के पीछे तालू पर हल्का कर टच करें। पूरी प्रक्रिया के दौरान यह स्थिति बनी रहनी चाहिए।

4 सेकंड सांस लें– अब धीरे-धीरे गहरी सांस लेने और मन में 1 से 4 तक गिनते हुए सांस को पेट तक ले जाएं ताकि आपका फेफड़ा पूरी तरह से एक्टिव हो।

7 सेकंड सांस रोकें– अब 7 सेकंड तक बिना किसी तनाव के अपनी सांस रोके यह तरीका बॉडी में ऑक्सीजन को बैलेंस करने में मदद करता है।

8 सेकंड सांस छोड़ें– यह इस तकनीक का अंतिम चरण है। इसमें 8 सेकंड तक गिनते हुए धीरे-धीरे मुंह से सांस छोड़ें।

प्रक्रिया को दोहराएं– प्रक्रिया को कम से कम चार बार दोहराएं। यदि आप शुरुआत कर रहे हैं तो पहले महीने में आप यह प्रक्रिया चार बार से ज्यादा ना करें।

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4-7-8 ब्रीदिंग के फायदे

478 ब्रीदिंग टेक्निक (478 Breathing Method) केवल नींद के लिए ही नहीं बल्कि हमारे पूरे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इस तकनीक को करने के निम्नलिखित फायदे हैं (4-7-8 breathing benefits)- 

नींद में सुधार– यह तकनीक दिमाग को शांत करके नींद लाने में मदद करती है (478 breathing for sleep)। 2023 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 20 मिनट तक धीमी सांस लेने से अनिद्रा के रोगियों की नींद की गुणवत्ता में सुधार हुआ। कुछ लोग इसे रात में नींद टूटने पर दोबारा सोने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं।

तनाव और चिंता में कमी–  4-7-8 तकनीक पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम को एक्टिवेट करती है, जिससे कॉर्टिसोल का लेवल 27% तक कम हो सकता है। यह तकनीक एंजायटी को कम करने में बेहद प्रभावी है।

हृदय स्वास्थ्य में सुधार– 4-7-8 ब्रीदिंग(478 Breathing Method) करने से हार्टबीट और ब्लड प्रेशर में तुरंत कमी आती है। यह तकनीक हृदय की कार्यक्षमता को कम करके खून में ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ा सकती है।

बेहतर फोकस– 2016 में किए गए एक अध्ययन में गहरी सांस लेने से मेमोरी में सुधार देखा गया। यह तकनीक ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाने में भी मदद करती है।

फेफड़ों की कार्यक्षमता में वृद्धि – 478 ब्रीदिंग टेक्निक के नियमित इस्तेमाल से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, जो विशेष रूप से अस्थमा या COPD जैसे रोगों से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है।

478 Breathing Method in Hindi
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4-7-8 ब्रीदिंग के लिए टिप्स और सावधानियां

  • अगर आप पहली बार यह तकनीक करने जा रहे हैं तो केवल तीन से चार राउंड ही करें। ज्यादा करने से चक्कर या हल्कापन महसूस हो सकता है।
  • सांस लेते समय प्रकाश को शरीर में प्रवेश करते और तनाव को बाहर निकलते हुए विजुलाइज करें। इससे तकनीक प्रभाव बढ़ता है।
  • 478 ब्रीदिंग टेक्निक को दिन में दो बार, सुबह और रात को सोने से पहले करें। 
  • अगर आपको सांस संबंधी कोई परेशानी (जैसे अस्थमा) है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
  • गर्भवती महिलाओं को भी यह तकनीक करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।

निष्कर्ष

4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक एक आसान लेकिन पावरफुल उपाय है, जो आपको डिप्रेशन, एंजायटी और नींद की परेशानियों से मुक्ति दिला सकता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे कहीं भी, बिना किसी खर्च के किया जा सकता है। 

चाहे आप रात को नींद न आने से परेशान हों या दिनभर की थकान और तनाव से राहत पाना चाहते हों, यह तकनीक आपके लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। इसलिए इसे आज ही आजमाएं और ऐसे ही जरूरी आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े

FAQ- 478 Breathing Method

दिन में कितनी बार 478 सांस लेनी चाहिए?

अगर आप 478 ब्रीदिंग तकनीक के शुरुआती दौर में है तो 1 दिन में काम से कम दो बार इस तकनीक को करें। एक बार सुबह एक बार रात में।

478 ब्रीदिंग तकनीक के एक बार में कितने राउंड करने चाहिए?

478 ब्रीदिंग टेक्निक के एक बार में चार राउंड करने चाहिए। इससे ज्यादा करने पर आपको चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है।

478 ब्रीदिंग टेक्निक करने के क्या फायदे हैं?

478 ब्रीदिंग तकनीक करने से हृदय का स्वास्थ्य सुधरता है और फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है। साथ ही हमारा फोकस भी सुधरता है और नींद ना आने की समस्या से छुटकारा मिलता है।

478 ब्रीदिंग टेक्निक किन लोगों को नहीं करनी चाहिए?

जिन लोगों को सांस लेने में समस्या है उन्हें 478 ब्रीदिंग टेक्निक नहीं करनी चाहिए और यदि करनी हो तो डॉक्टर की सलाह लें। साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी डॉक्टर की सलाह से ही यह तकनीक करनी चाहिए।

478 ब्रीदिंग टेक्निक का संबंध किससे है?

478 ब्रीदिंग टेक्निक का संबंध प्राचीन योग और प्राणायाम पद्धति से है

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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