
Labh Panchami Puja Vidhi: दीपावली के पावन अवसर के पांचवें दिन लाभ पंचमी मनाई जाती है। लाभ पंचमी व्यापार जगत के लिए अत्यंत शुभ और मंगलमय त्योहार माना जाता है। दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद इस दिन माता लक्ष्मी का स्वागत व्यवसायिक स्थल पर किया जाता है। इसी क्रम में लाभ पंचमी संपत्ति और स्थायित्व की बढ़ोतरी करने वाला पर्व है। इस दिन व्यापारी वर्ग बही खाते, लेखा पुस्तकों, तिजोरी और कार्य स्थल की पूजा करते हैं। इसके अलावा अपने कार्य स्थल पर हवन के माध्यम से देवी देवताओं का आह्वान करते हैं।
लाभ पंचमी को लाभ आरंभ दिवस कहा जाता है। 2025 में लाभ पंचमी 26 अक्टूबर 2025 के दिन पड़ रही है। ऐसे कहा जाता है कि इस दिन यही व्यापरीगण नए सिरे से लेखा आरंभ करें और पंचमी तिथि से नया वित्तीय कार्य, बिजनेस लेखा-जोखा बही खाता शुरू करें तो व्यापार में निरंतर लाभ मिलता है। शास्त्रों के अनुसार लाभ पंचमी के दिन किए गए कार्य का 7 गुना फल मिलता है। ऐसे में इस दिन लक्ष्मी जी के साथ भगवान गणेश, कुबेर देव की पूजा की जाती है ताकि व्यवसाय में धन ज्ञान और बुद्धि का संतुलन बना रहे।
लाभ पंचमी के दिन व्यावसायिक स्थल की शुद्धि और पूजा विधि
लाभ पंचमी से एक दिन पहले व्यावसायी अपने दुकान गोदाम और कार्यस्थल की सफाई करते हैं। दरवाजा पर आम के पत्ते गेंदे के फूल की तोरण बांधते हैं। अपने कार्य स्थल या दुकान को गुलाल चावल और रोली से सजाते हैं। दीवारों पर शुभ लाभ और श्री गणेशाय नमः जैसे वाक्य लिखते हैं।
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यह संपूर्ण प्रक्रिया दिवाली की तरह ही होती है दिवाली में घर की पूजा की जाती है और लाभ पंचमी के दिन व्यापार वर्ष का आरंभ किया जाता है। इस दिन व्यापारीगण नए लेखा, कंप्यूटर एकाउंटिंग फाइल या डिजिटल अकाउंट रजिस्टर की पूजा करते हैं। सबसे पहले व्यापारी गण सुबह स्नान इत्यादि कर संकल्प लेते हैं। तत्पश्चात पूजा स्थल की तैयारी करते हैं।
पूजा स्थल पर लाल या पीले वस्त्र को बिछाकर माता लक्ष्मी भगवान गणेश और माता सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करते हैं। चांदी के कलश में जल आम पत्ते और नारियल रखकर उत्तर दिशा में स्थापित करते हैं। इसके बाद नए बही खाते नोटबुक बिल रजिस्टर या कंप्यूटर को पूजा स्थल पर रखकर हल्दी कुमकुम चावल और पुष्प अर्पित करते हैं और बही खाते के पहले पन्ने पर श्री गणेशाय नमः लिखते हैं।

यदि डिजिटल कंप्यूटर बिल का इस्तेमाल किया जा रहा है तो डिजिटल रूप से ॐ गणेशाय नमः या शुभ लाभ लिखे। तत्पश्चात माता लक्ष्मी भगवान गणेश और कुबेर के बीज मित्रों का 108 बार जाप करें। इसके बाद दीपक जलाकर लक्ष्मी गणेश की आरती करें और प्रसाद में खीर मिठाई सब में बाटे। इस दिन व्यापारी गण या दुकानदार अपने कर्मचारियों को भी यथासंभव तो फिर और बोनस प्रदान करते हैं।
लाभ पंचमी के दिन कार्यालय या दुकान में हवन
दिवाली की तरह लाभ पंचमी के दिन भी अपने कार्यालय या दुकान में हवन किया जा सकता है। यह केवल धार्मिक विधि नहीं होती बल्कि ऊर्जा शुद्धिकरण प्रक्रिया होती है। हवन की अग्नि नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करती है कार्य स्थल को पवित्र करती है और सकारात्मक ऊर्जा प्रकट करती है जिससे कार्यस्थल पर तरक्की और स्थिरता आती है।
लाभ पंचमी के दिन हवन विधि में प्रयोग होने वाली सामग्री
- गाय का घी
- कपूर
- लौंग
- इलाइची
- हवन कुंड
- गूगल
- लोबान
- चंदन
- आम या पीपल की लकड़ी
- कुमकुम
- हल्दी
- चावल
- हवन में डाली जाने वाली अन्य सामग्री
- तिल और जौ के बीज

हवन करने की तैयारी
लाभ पंचमी के दिन अपने कार्य स्थल का शुद्धिकरण करें। सबसे पहले उपरोक्त बताई गई विधि के अनुसार माता लक्ष्मी की प्रतिमा की स्थापना करें। तत्पश्चात बही खातों का पूजन करें। बही खातों का पूजन करने के बाद अपने कार्यस्थल पर हवन की तैयारी करें।
हवन कुंड में हवन की लकड़ी को रखें। इस पर गाय का घी डालें तत्पश्चात कपूर लेकर हवन की अग्नि को प्रज्वलित करें। अब हवन की अग्नि में लौंग इलायची दालचीनी गूगल लोबान इत्यादि समर्पित करें। तत्पश्चात हवन में आहुति के साथ 21 बार श्री गणेश के बीज मंत्र का जाप करें।
इसके बाद लक्ष्मी माता के बीज मन्त्रो का 108 बार का जाप करें। तत्पश्चात् भगवान कुबेर के बीज मित्रों का 21/ 51/108 बार जाप करे। हवन समाप्त होने पर माता लक्ष्मी भगवान गणेश की आरती करें इसके बाद प्रसाद वितरण करें। इस दिन आप चाहे तो अपने कार्य स्थल में कुबेर यंत्र और श्री यंत्र की स्थापना भी कर सकते हैं।
हवन के बाद 11 कौड़ियां लाल कपड़े में बांधकर माता लक्ष्मी का आवाहन करते हुए अपने कार्यस्थल की तिजोरी में रखें। हो सके तो व्यापारी गण इस दिन माता लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाकर इस शब्द का पाठ अवश्य करें ऐसा करने से कार्यस्थल पर तरक्की बरसती है।

लाभ पंचमी को लक्ष्मी तिथि कहा जाता है इस दिन कार्यस्थल पर हवन करने और पूजा अर्चना करने से धनआगमन के नए द्वार खुलते हैं। वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है कहा जाता है कि इस दिन हवन इत्यादि करने से कार्य स्थल पर सभी ग्रहों की शुभ कृपा बरसती है साधक के मन में और बुद्धि में आर्थिक निर्णय को लेकर स्पष्ट आती है ज्योतिषीय नियमों के अनुसार इस दिन नए निवेश नया व्यापार आरंभ करना शेर या प्रॉपर्टी की लेनदेन करना या धन से जुड़े निर्णय हो कल करने में दीर्घकालिक सफलता प्राप्त होती है।
FAQ- Labh Panchami Puja Vidhi
लाभ पंचमी की पूजा कैसे करें?
लाभ पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। उसके बाद लक्ष्मी गणेश और सरस्वती की मूर्तियां स्थापित कर पूजा करनी चाहिए और फिर वही खातों का उद्घाटन करना चाहिए।
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