
Narak Chaturdashi Yam Deep Daan: 5 दिनों की दीपावली पर्व का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी होता है जिसे छोटी दिवाली, काली चौदस, रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। छोटी दीवाली केवल दीप जलाने का पर्व नहीं परंतु आत्मिक शक्ति का भी पर्व है। इस दिन यमराज की विशेष आराधना की जाती है। यह दिन अंधकार को नष्ट करने का दिन है। ऐसे में इस दिन वह सभी देवता जो भय और शत्रु दोष दूर करते हैं उनकी आराधना की जाती है। जैसे की माता काली, भगवान कृष्ण, हनुमान, रुद्र, यम देवता इत्यादि।
इस दिन संध्या के समय घर में दीप जलाने की प्रथा है। इस दिन विशेष दीपक जलाया जाता है जिसे यमदीप कहा जाता है। यमदीप केवल एक साधारण दिया नहीं होता परंतु अकाल मृत्यु से रक्षा करता है। यमदीप जलाने पर पूर्वजों को मोक्ष मार्ग दिखाई देता है जिससे वह भी प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष का नाश होता है। छोटी दिवाली की रात्रि में जब चारों ओर प्रकाश फैला हुआ होता है तब दक्षिण दिशा में यह दीपक जलाया जाता है। यह दीपक अंधकार ही नहीं हटाता बल्कि धर्म का प्रकाश प्रज्वलित करता है इसीलिए इस दिन इस तर्पण को महत्वता दी जाती है।
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छोटी दीवाली पर यम की पूजा क्यों की जाती है
पौराणिक कथा के अनुसार एक राजा का एक पुत्र था। उस राजा ने अपने पुत्र का विवाह बड़ी धूमधाम से कराया। विवाह के चौथे दिन पुत्र की सांप काटने की वजह से मृत्यु हुई। कहा जाता है कि राजा के पुत्र को पहले ही सर्प दंश से मृत्यु का श्राप मिला था। परंतु राजा की पुत्रवधू पुण्य आत्मा थी। उसने अपने पति को अपने सत्कर्मों से बचाया।
राजा की पुत्रवधू ने पति की मौत के दिन अपने घर के बाहर यम दीपक जलाया और यमराज को समर्पित किया ताकि उसके पति के प्राण वापस आ सके। पुत्रवधू के इस दीपदान से यमराज तो प्रसन्न हुए ही पितृ भी तृप्त हुए और उन्होंने राजा के पुत्र को दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया। तब से अब तक यह परंपरा निभाई जाती है। इस दिन यम दीपक जलाने से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है और जीवन में सुख शांति आती है।
यम दीप जलाने के लाभ| Narak Chaturdashi Yama Deep Daan
- यम दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।
- पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
- जिस परिवार द्वारा यमदीप जलाया जाता है उस परिवार को सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है क्योंकि यमदीप दक्षिण दिशा में जलाया जाता है और दक्षिण दिशा कुबेर मां काली माता लक्ष्मी इत्यादि की प्रिय है।
- ऐसे में ना केवल यम देवता प्रसन्न होते हैं बल्कि माता लक्ष्मी, काली और कुबेर देवता प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

नरक चतुर्दशी के दिन यमदीप जलाने की विधि
- नरक नरक चतुर्दशी के दिन संध्या के समय स्नान इत्यादि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद घर के मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर दीपक जलाएं ।
- यह दीपक मिट्टी का होना चाहिए जिसमें सरसों के तेल का प्रयोग करें इसमें काले तिल की डालें ।
- दीपक की चार बातियाँ बनाएं चारों दिशाओं के प्रतीक के रूप में।
- इस दीपक को जलाते समय यमदेव को समर्पित मंत्र “मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम॥” का जाप करें ।
- कोशिश करें कि यह दीपक पूरी रात जलता रहे इसे बुझाएं बिल्कुल भी ना।
- संभव हो सके तो बड़ा दीपक लें जिसमें ज्यादा तेल समाहित हो सके ताकि दीपक रात भर जले।
- अगले दिन प्रातः इस दीपक को किसी पवित्र स्थान पर विसर्जित कर दें या किसी पेड़ के नीचे रख दे।
यम देवता को प्रसन्न करने के विशेष उपाय
नरक चतुर्दशी के दिन यम देवता को प्रसन्न करने के लिए आप कुछ विशेष कार्य भी कर सकते हैं:
- इस दिन दक्षिण दिशा में दीप अर्पण करने के दौरान दीप में काला तिल शहद् मिलाएं साथ ही यम देवता को जल अर्पित करें ।
- इस दिन संध्या काल में घर के सभी कोनों में दीप जलाएं खासकर ऐसे कोने है जहां पर हमेशा अंधकार रहता है।
- इस दिन जरूरतमंद लोगों को दीपदान करने से यमराज की कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि गरीबों को मिट्टी के दिए दान करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं ।
- नरक चतुर्दशी के दिन रात्रि में हनुमान चालीसा या महामृत्युंजय का जाप करने से भी देवता प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु भयनाश होता है।

कुल मिलाकर छोटी दीवाली पर यमदीप केवल मृत्यु भय से मुक्ति नहीं देता बल्कि आत्मा का अंधकार भी मिटाता है। यह दीप स्मरण दिलाता है कि आपका जीवन अनमोल है और इसे हमेशा सत्य, सेवा और धर्म की स्थापना में लगाएं। इस दिन यमराज की आराधना के साथ-साथ हनुमान चालीसा, महादेव का ध्यान करने से भी शत्रु और मृत्यु भय नाश होता है।
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FAQ- Narak Chaturdashi Yam Deep Daan
यम दीया में क्या डालें?
यम दीपक लगाने के लिए मिट्टी के दिए का इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें रुई की दो बत्तियाँ क्रॉस करके डालनी चाहिए। साथ ही इसके अंदर एक सिक्का और एक कौड़ी डालनी चाहिए।
यम के दीपक में कौन सा तेल डालना चाहिए?
यम के दीपक में सरसों का तेल डालना चाहिए। इसके अलावा आप इसमें तिल के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं।
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