
Sita Navami 2025: रामनवमी पर्व की तरह ही सीता माता के जन्म को सीता नवमी के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2025 में सीता नवमी 5 मई 2025 के दिन मनाए जाने वाली है। इस जन्मोत्सव को अत्यधिक पवित्र माना जाता है। माता सीता प्रेम करुणा और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है। माता सीता का दूसरा नाम भूमिजा भी है। कहा जाता है कि माता सीता भूमि से प्रकट हुई थी माता सीता का दूसरा नाम भूमिजा भी है।
माता सीता साक्षात आदिशक्ति का ही एक रूप है आदिशक्ति जो प्रकृति और पर्यावरण की सृजनकर्ता है। यदि आप इस सीता नवमी में माता-पिता से जुड़े कुछ उपाय करते हैं तो आप आदिशक्ति को प्रसन्न कर लेते हैं और आदिशक्ति के प्रसन्न होते ही आपका हार्ट चक्र अर्थात अनाहत चक्र (Heart Chakra) भी जागृत हो सकता है।
सीता नवमी पर कुछ विशेष उपाय कर आप हार्ट चक्र को संतुलित (Heart Chakra Balancing) कर पाते हैं। हार्ट चक्र के संतुलित होते ही आपके शरीर में विशेष ऊर्जा का संचार होता है जो आपको तनाव और विश्वास और भावनात्मक स्थिरता से बचाता है आज के इस लेख में हम आपको सीता नवमी से जुड़े कुछ विशेष उपाय (Sita Navami 2025) बताएंगे जिनका उपयोग कर आप अपने हार्ट चक्र को जागृत कर सकते हैं और पर्यावरण तथा प्रकृति के साथ संतुलन बनाते हुए सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।
हार्ट चक्र अर्थात अनाहत चक्र को संतुलन करने के विशेष उपाय
सीताराम मंत्र मेडिटेशन: सीता नवमी के दिन यदि आप सुबह स्नान आदि कर हरे या गुलाबी रंग के वस्त्र पहन कर माता सीता और भगवान राम की मूर्ति स्थापित करते हैं और शांति से बैठकर ॐ श्री सीतारामाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करते हैं और जाप करते समय अपने हृदय में हरे रंग की रोशनी के फैलने की कल्पना करते हैं तो आप हार्ट चक्र संतुलन (Heart Chakra Balancing) प्राप्त करता है। यह उपाय करने से आपके आपसी रिश्तों में प्रेम बढ़ता है और आप भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं
तुलसी पत्र के विशेष उपाय: सीता नवमी के दिन अपने हार्ट चक्र (Heart Chakra) को संतुलित करने के लिए आप माता सीता को तुलसी दल अर्पित कर सकते हैं। इस दिन आपको सुबह स्नान कर हरे रंग के वस्त्र पहनना होगा और तुलसी के 21 पत्र तैयार करने होंगे। इसके पश्चात आपको पर प्रत्येक तुलसी दल अर्पित करते हुए ॐ पतिव्रतायै नमः मंत्र का जाप करना होगा। इस मंत्र का जाप करने के बाद आपको अपने हृदय पर हाथ रखकर अपनी इच्छाओं को 11 बार दोहराना होगा। ऐसा करने से आपका हार्ट चक्र जागृत होता है और आपको इमोशनल स्टेबिलिटी प्राप्त होती है।

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हरे मोती की माला से मंत्र जाप: सीता नवमी के दिन आप हर मोती की माला से मंत्र जाप भी कर सकते हैं। हरे मोती की माला हार्ट चक्र का रत्न है। इस जाप को करने के लिए आपको सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर 1:00 के बीच में हर मोती की माला को गंगाजल से शुद्ध करना होगा। इसके पश्चात आपको माता सीता की तस्वीर के समक्ष बैठकर ॐ श्री सीताय नमः मंत्र का 108 बार जाप करना होगा। जाप करते हुए आपको अपने हृदय में हरी ऊर्जा का प्रवाह महसूस करना होगा। इस जाप से आपका हार्ट चक्र सक्रिय (Heart Chakra Activation) होता है और आप विभिन्न प्रकार की नेगेटिविटी से भी दूर होते हैं।
पत्र लेखन और जल अर्पण अनुष्ठान: सीता नवमी के दिन यदि आप अपने हार्ट चक्र को संतुलित करना चाहते हैं तो आप पत्र लेखन और जल अर्पण अनुष्ठान का उपयोग भी कर सकते हैं। इस दिन आपको हरे रंग के कागज पर अपने सभी भावनाओं को लिखकर माता सीता के नाम से एक पत्र लिखना होगा। इस पत्र को लिखने के बाद आपको इसे अपने पूजा स्थल पर रखना होगा।
पूजा स्थल पर आपको गंगाजल में गुलाब की पंखुड़ियां मिलकर ॐ श्री जानकी रामाभ्यां नमः मंत्र का 21 बार जाप करना होगा। इसके पश्चात आपको अगले दिन इस पवित्र जल और हरे रंग के कागज को जल में प्रवाहित करना होगा। यह उपाय करने से आपका हार्ट चक्र शांत (Heart Chakra Healing) होता है और आपकी स्पेशल एनर्जी और बेहतर हो जाती है।
FAQ- Sita Navami Ke Upay
सीता नवमी पर हार्ट चक्र संतुलन का कौनसा उपाय करना चाहिए?
सीता नवमी पर हार्ट चक्र संतुलन के लिए हरे मोती की माला से मन्त्र जाप करना चाहिए।
सीता नवमी के दिन हार्ट चक्र ओपन करने के और क्या उपाय कर सकते हैं?
सीता नवमी पर हार्ट चक्र ओपन करने के लिए पत्र लेखन अनुष्ठान कर सकते हैं।
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