
Mohini Ekadashi 2025: वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली मोहिनी एकादशी की पवित्र तिथि भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार को समर्पित है भगवान विष्णु ने यह अवतार समुद्र मंथन के दौरान लिया था जिसमें उन्होंने जिसमें उन्होंने असुरों को मोहित कर देवताओं को अमृत पिलाया था। मोहिनी एकादशी का व्रत और आध्यात्मिक उन्नति सुख समृद्धि का वरदान देता है। आज हम मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2025) के महत्व पूजा विधि और मुहूर्त के साथ-साथ इसकी पौराणिक कथा को जानेंगे।
मोहिनी एकादशी का महत्व
पद्म पुराण और विष्णु पुराण में मोहिनी एकादशी (Importance of Mohini Ekadashi 2025) के व्रत को हजार गोदान के समान पुण्य प्रदान करने वाला बताया गया है। यह व्रत हर तरह के दुख, पाप और मोह माया के बंधन से छुटकारा दिलाने में सक्षम है। पौराणिक मान्यता में त्रेता युग में भगवान श्री राम ने महर्षि वशिष्ठ के कहने पर इस व्रत को किया जिससे उन्हें मां सीता के वियोग के दुख से मुक्ति मिली। यह व्रत दुश्मनों पर विजय पारिवारिक सुख शांति और धनवा ऐश्वर्या का सुख प्रदान करता है।
मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2025) का यह पावन व्रत उन लोगों के लिए विशेष फलदाई है जो अपने जीवन में नकारात्मकता भाई और संकटों का सामना कर रहे हैं। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती है। यह व्रत न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस उपवास से मानसिक शांति के साथ-साथ शारीरिक सेहत का लाभ मिलता है।
मोहिनी एकादशी पूजा विधि
मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2025) व्रत की पूजा विधि अत्यंत सरल है। इस व्रत में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर स्वच्छ पीले या लाल कपड़े पहनें। भगवान सूर्य को अर्घ्य देखकर व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु का मन में स्मरण करें।
लकड़ी की चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के चित्र या मूर्ति की स्थापना करें। भगवान विष्णु का गंगाजल और पंचामृत (दूध, घी, दही, शहद, गंगाजल) से अभिषेक करके एक में पीले चंदन का तिलक फूल और तुलसी के पत्ते के साथ-साथ पीले वस्त्र अर्पित करें।
घी का दिया जलाकर रूप दिखाएं और पीले मिठाई फल भोग अर्पण करें। इसके बाद ‘’ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करके विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। आखिर में श्री हरि की आरती करें। दिन में मोहिनी एकादशी कथा श्रवण करें रात में भजन कीर्तन कर के द्वादशी तिथि पर पंडितो या गरीबों को अनाज कपड़े और धन की दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।

मोहिनी एकादशी 2025 का सटीक मुहूर्त और तिथि
वैशाख महीने के वैदिक पंचांग के मुताबिक मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई गुरुवार को पड़ने वाला हैै। इस व्रत के विभिन्न मुहूर्त इस प्रकार हैं-
- एकादशी तिथि का आरंभ- 7 मई 2025, सुबह 10:19 बजे
- एकादशी तिथि का अंत: 8 मई 2025, दोपहर 12:29 बजे
- व्रत के पारण का समय- 9 मई 2025, सुबह 5:34 बजे से 8:16 बजे तक
- निशिता मुहूर्त- 8 मई 2025, रात 11:56 बजे से 12:39 बजे तक
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मोहिनी एकादशी की कथा
मोहिनी एकादशी के विषय में एक पौराणिक कथा (Mohini Ekadashi Ki Katha) विख्यात है जिसके अनुसार सरस्वती नदी के किनारे बसे भद्रावती नामक नगर में एक धनपाल नाम का बनिया रहता था जो कि अपने स्वभाव से बहुत दयालु और धार्मिक था। के पाँच पुत्र थे जिनमें सबसे छोटा पुत्र धृष्ट बुद्धि बहुत ही दुराचारी स्वभाव का था इसलिए कर देता हूं
वह गलत संगति में पड़ कर जुआ, शराब और अन्य बुराइयों का आदी हो गया। उसके पिता ने उसे सुधारने के बहुत प्रयास किए हैं लेकिन सब विफल रहे। आखिर में धनपाल ने उसे घर से निकाल दिया। धृष्ट बुद्धि जंगल में भटकने लगा और वह भूख-प्यास से व्याकुल हो गया।
एक दिन वह महर्षि कौण्डिन्य के आश्रम पहुंचा और अपनी व्यथा सुनाई। महर्षि ने उसे मोहिनी एकादशी व्रत करने का निर्देश दिया। धृष्ट बुद्धि ने पूरी श्रद्धा और नियम के साथ व्रत को किया। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से उसके सारे पाप खत्म हुए और उसे अपने सभी बुरे कर्मों का पछतावा हुआ। अंत में भगवान विष्णु की कृपा से उसे विष्णु लोक की प्राप्ति हुई। यह कथा मोहिनी एकादशी व्रत (Mohini Ekadashi Vrat) की महिमा का वर्णन करती है। यह व्रत घोर पापी व्यक्ति को भी मुक्ति का मार्ग दिखा सकता है।
व्रत के नियम और सावधानियां
- मोहिनी एकादशी व्रत के दौरान सात्विकता बनाए रखें चावल गेहूं और लहसुन प्याज आदि चीजों के सेवन से बचें।
- किसी इंसान के लिए बुरा ना बोले।अपने मन को शांत और पवित्र रखें।
- मोहिनी एकादशी की पूजा में तुलसी के पत्ते जरूर रखें बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते।
- दान पुण्य जरूर करें विशेष रूप से अनाज वस्त्र और शिक्षा से संबंधित वस्तुओं का दान बहुत पुण्यकारी है।
- मोहिनी एकादशी व्रत में रात्रि जागरण और भजन कीर्तन करते हुए भगवान विष्णु का स्मरण करें।
FAQ- Mohini Ekadashi 2025
एकादशी पर भगवान विष्णु को किस चीज का भोग लगाना अति आवश्यक है।
एकादशी पर भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते का भोग लगाना अति आवश्यक है।
एकादशी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?
मोहिनी एकादशी के दिन अनाज और कपड़ों के अलावा शिक्षा से जुड़ी चीजों का दान किया जाना चाहिए।