
Sita Navami Santan Prapti Upay: सीता नवमी के दिन ममता और समर्पण की देवी मां सीता भक्तों को योग्य और गुणवान संतान का वरदान देती हैं। वाल्मीकि रचित रामायण और रामचरितमानस में मां सीता की पूजा को संतान सुख के लिए अत्यंत प्रभावशाली बताया गया है।
सीता नवमी का दिन माँ सीता की पूजा के माध्यम से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद पाने का सर्वोत्तम दिन है। इस आर्टिकल में आज सीता नवमी पर संतान प्राप्ति के लिए किए जाने वाले वैदिक उपायों (Sita Navami Santan Prapti Upay) पर चर्चा होगी। ज्योतिष के विशेषज्ञों द्वारा सुझाये गए ये संतान पाने के उपाय अत्यंत ही प्रभावशाली हैं। अतः इस आर्टिकल को अवश्य पढ़ें।
सीता नवमी पर संतान प्राप्ति के उपाय
आइये जानते हैं कि सीता नवमी के दिन गुनी व योग्य संतान पाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं (Sita Navami Santan Prapti Upay)
माता सीता को लाल चुनरी और श्रृंगार अर्पण
वेदों में माता सीता को मातृत्व की देवी बोला गया है। उन्हें लाल चुनरी और श्रृंगार सामग्री भेंट करने से संतान सुख मिलता है। इसलिए सीता नवमी को स्नान करके लाल या पीले कपड़े पहने। अपने पूजा घर में पीले वस्त्र बिछाकर मां सीता और भगवान राम की मूर्ति की स्थापना करें।
माता को गंगा जल और दूध से स्नान कराकर फिर लाल चुनरी और सोलह श्रृंगार की सामग्री चढ़ा कर 108 बार “ॐश्री सीतायै नमः” मंत्र का जाप करते हुऐ योग्य संतान का आशीर्वाद माँगे। अंत में माता को गुलाब के फूल चढाकर भोग के रूप में मखाने की खीर अर्पित करें। पूजा के बाद बालिकाओं को प्रसाद बांटे और चुनरी को मंदिर में दान कर दें। यह उपाय (Sita Navami Santan Prapti Upay) मातृत्व सुख देता है और एक योग्य, गुणी संतान की प्राप्ति में सहायक है।
सीता चालीसा और तुलसी के पत्ते अर्पण
काबिल संतान पाने के लिए सीता नवमी के दिन माता सीता को तुलसी के पत्ते चढ़ाकर सीता चालीसा का पाठ करना भी एक उत्तम उपाय (Sita Navami Santan Prapti Upay) है। तुलसी माता सीता को बहुत प्रिय है और वैदिक ग्रन्थों में संतान प्राप्ति के लिए सीता चालीसा का पाठ करने की अनुशंसा की गई है।
इसके लिए स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थल पर माता-पिता की मूर्ति के साथ तुलसी का पौधा रखें। माता सीता को तुलसी के 21 पत्ते अर्पित करें और प्रत्येक पत्ता चढ़ाते समय “ॐ पतिव्रतायै नमः” मंत्र जपें। इसके बाद श्रद्धा पूर्वक सीता चालीसा का पाठ करें और देसी घी का दीप जलाएँ। भोग के रूप में माता को मिश्री और फल अर्पित करें। तुलसी के पत्ते को प्रसाद के रूप में पति पत्नी ग्रहण करें। तुलसी के पौधे को जल अर्पित कर उसकी देखभाल करें यह उपाय कुंडली में संतान संबंधी बाधाओं को दूर करता है।
रामायण के बालकांड का पाठ
रामचरितमानस के बालकांड में वर्णित माता सीता के भूमि से उत्पत्ति की कथा का पाठ और श्रवण संतान सुख के लिए लाभदायक है। इस उपाय के लिए पूजा के स्थान को गंगाजल से शुद्ध करके सीताराम की मूर्ति की स्थापना करें।
उसके बाद पति-पत्नी मन लगाकर रामचरितमानस के बालकांड का सीता उत्पत्ति अंश पढ़े। तत्पश्चात 108 बात “ॐश्री जानकी रामाभ्यांनमः” मंत्र का जाप करें। फिर गंगाजल में केसर मिलाकर माता सीता को अर्पित करें। साथ कमल के फूल चढ़ाएं। खीर का भोग लगाकर सात कन्याओं को प्रसाद बाँटे। इस उपाय (Sita Navami Santan Prapti Upay) से संतान प्राप्ति की रुकावट खत्म होती हैं।

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हल्दी-केसर यज्ञ और वैदिक मंत्र
हल्दी माँ सीता की धरती प्रकृति से जुड़ी हैं। वहीं केसर मातृत्व सुख बढ़ाता है। वहीं हम जानते हैं कि वेदों में संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ की व्याख्या की गई है। यह उपाय करने के लिए पूजा स्थल पर एक छोटा सा हवन कुंड बनाकर हल्दी की सात गांठ और केसर की सात डंडियां गंगाजल में डुबोकर मां सीता को अर्पण करें।
हवन में देसी घी और आम की लकड़ी की आहुति देते हुए 108 बार “ॐ श्री सीतारामाय नमः” मंत्र का जाप करें। फिर माता को पीले फूल और मिठाई अर्पित करें। हल्दी और केसर को लाल कपड़े में बांध के पूजा स्थल पर रखें। हवन की रात को अपने घर के उत्तर पूर्वी दिशा में रखें। यह उपाय प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
कन्या पूजन और वैदिक दान
जैसा कि हम जानते हैं की मां सीता कन्या के रूप में धरती से उत्पन्न हुई थी और वैदिक ग्रन्थों में भी कन्या पूजन और दान संतान सुख के लिए एक उपाय के रूप में वर्णित है। सीता नवमी के दिन शाम के समय में सात या नौ कन्याओं को खीर, पूरी और फल भोजन के रूप में खिलाएं।
हर कन्या को लाल चुनरी, मिठाई और सिंगर का सामान देकर कन्या भोजन से पहले 11 बार “ॐ श्री सीतायै स्वाहा” मंत्र का जाप करें। माता सीता को लाल फूल और खीर जरुर चढ़ाएं कन्याओं के चरण स्पर्श करते हुए संतान सुख का आशीर्वाद मांगे। यह उपाय संतान प्राप्ति (Sita Navami Santan Prapti Upay) के लिए मां सीता का आशीर्वाद दिलाता है।
निष्कर्ष
सीता नवमी पर संतान प्राप्ति के ये सभी उपाय (Sita Navami Santan Prapti Upay) करते समय शुद्धता रखें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इन उपायों में इस्तेमाल की जाने वाली सभी सामग्रियां प्राकृतिक हों। यह यह उपाय विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा वैदिक शास्त्रों से निकल गए हैं। इन उपायों का इस्तेमाल जरूर करें और अपना अनुभव हमें कमेंट में जरूर बताएं।
FAQ- Sita Navami Santan Prapti Upay
संतान प्राप्ति के लिए माता सीता को क्या चढ़ाना चाहिए?
संतान प्राप्ति के लिए मां सीता को लाल चुनरी और 16 श्रृंगार चढ़ाना चाहिए।
सन्तान प्राप्ति के लिए सीता नवमी पर कन्याओं को क्या दान करें?
सीता नवमी के दिन कन्याओं को मिठाई व 16 श्रृंगार की चीज उपहार देनी चाहिए।
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