
Jeth Purnima Kab Hai: ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है ज्येष्ठ माह गर्मियों का अंतिम महीना होता है। इस दौरान ग्रीष्मकल अपनी चरम स्थिति पर होता है। पूर्णिमा उस बिंदु को दर्शाती है जहां ग्रीष्म का प्रभाव उच्च स्तर पर होता है और जल्द ही वर्षा ऋतु आरंभ होने वाली होती है। ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा का उत्सव एक संधि काल की तरह मनाया जाता है जहां गर्मी और ताप कम होने वाला होता है और और जल्द ही चन्र्दमा की ऊर्जा में अधिकता आने वाली होती है। इसीलिए ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) को आध्यात्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा धार्मिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण होती है। इस दिन भगवान विष्णु शिव और सत्यनारायण की पूजा की जाती है। ग्रीष्म ऋतु का अंत और वर्षा ऋतु का आगमन देने वाली यह पूर्णिमा मन को शुद्ध करने के लिए एकदम उपयुक्त समय होती है। वहीं इस दौरान पितृ दोष के भी कई सारे उपाय किए जाते हैं ताकि पितृ दोष का नाश हो सके और घर में सुख शांति आ सके और आज के इस लेख में हम आपको ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) के दौरान किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय और दान विधि बताने वाले हैं ताकि आप इस पूर्णिमा का पूरा लाभ उठा सकें।
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2025 में ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है और इसका मुहूर्त क्या है
वर्ष 2025 में ज्येष्ठ पूर्णिमा 10 जून 2025 की सुबह 11:35 पर शुरू होने वाली है और इस तिथि का समापन दूसरे दिन अर्थात 11 जून दोपहर 1:13 पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि का व्रत 11 जून को किया जाएगा हालांकि दान पुण्य करने के लिए 10 जून का दिन भी उपयुक्त माना जा रहा है। ऐसे लोग जिनके कुंडली में चंद्रमा कमजोर है अथवा जो मानसिक रूप से विचलित हैं वे इस पूर्णिमा पर एक विशेष उपाय (Jyeshtha Purnima Upay) कर सकते हैं और मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर किए जाने वाले विशेष और लाभकारी उपाय
समृद्धि प्राप्त करने के उपाय– यदि आप लंबे समय से धन समृद्धि प्राप्त करना चाह रहे हैं तो ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर तांबे के लोटे में जल चंदन, गुड़, रोली मिलकर सूर्य देव को अर्ग दें। इस दिन सुबह सवेरे सूर्य मंत्र का 108 बार जाप करें तो घर में सुख समृद्धि आती है। वहीं घर के उत्तर पूर्व कोने में कपूर जलाने से भी दरिद्रता दूर हो जाती है।
शांति प्राप्त करने के उपाय- यदि आप लंबे समय से मानसिक पीड़ाओं से जूझ रहे हैं तो आप ज्येष्ठ माह (Jyeshtha Purnima) के दिन चांदी की कोई वस्तु खरीद कर हमेशा अपने पास रख सकते हैं। आप चाहें तो चांदी का सिक्का, चांदी की अंगूठी या चांदी का लॉकेट बनवाकर इसे धारण कर सकते हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रात को चंद्रमा को देखते हुए आप चंद्र मंत्र का 21 बार जाप कर सकते हैं। इस दिन हो सके तो चावल की खीर बनाकर चंद्रमा को भोग लगाएँ और इसके बाद खुद भी खाएं इससे मानसिक स्थिरता दूर हो जाती है।
पितृ दोष निवारण के लिए- ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) पितृ दोष निवारण के लिए भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने से और पितरों के मोक्ष की प्राप्ति की प्रार्थना करने से पितृ दोष से व्यक्ति मुक्त हो जाता है।
इस दिन काले तिल शहद और दूध को मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर पिंडदान करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं और उन्हें मुक्ति मिलती है। यदि हो सके तो इस दिन गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन कराएं और जरूरतमंद व्यक्ति को श्रद्धा अनुसार दान दे
क्लेश नजर या वस्तु दोश से मुक्ति के लिए उपाय– जेठ की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) के दिन यदि अपने घर में गोमूत्र मिलाकर पोछा लगाते हैं और जगह-जगह गंगाजल का छिड़काव करने से घर मे देवों का वास होने लगता है।
इस दिन तुलसी के पास घी का दिया जलाएं और 108 बार तुलसी की परिक्रमा करें जिससे नजर दोष से मुक्ति मिलती है। हो सके तो इस दिन काले तिल की छोटी सी पोटली बनाकर घर के मुख्य द्वार पर टांग दें। इससे ग्रह कलेश और नकारात्मक ऊर्जा हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं

ज्ञान और कैरियर के लिए- पूर्णिमा पर चंद्रमा की ऊर्जा अपने उच्चतम स्तर पर होती है ऐसे में इस दिन यदि आप ज्ञान और कैरियर के लिए सफेद वस्त्र पहन कर चावल और मिश्री का दान करते हैं तथा चंद्र देव को देखते हुए उनके मंत्र का जाप करते हैं तो आपको बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
वहीं इस दिन गाय के घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु और मां सरस्वती की संयुक्त पूजा करने से कैरियर में आई बाधाएं दूर होने लगती हैं। इसके अलावा आप चाहें तो इस दिन किसी स्कूल अथवा किसी अनाथालय में जाकर सफेद मिष्ठान्न बांट सकते हैं जिससे चंद्रमा की कृपा आपको प्राप्त होती है।
इस प्रकार ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) संयम, तप, ध्यान और आत्म शक्ति बढ़ाने का एक विशेष अवसर है। इस दिन चंद्रमा की ऊर्जा को अधिकतम रूप से प्राप्त किया जा सकता है। जिससे मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है और विभिन्न रोगों का निवारण हो जाता है।
FAQ- Jeth Purnima Kab Hai
जेठ पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए?
जेठ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए और दान दक्षिणा देनी चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाना चाहिए।
करियर में उन्नति के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा पर क्या दान करना चाहिए?
करियर में उन्नति के लिए गेस्ट पूर्णिमा पर सफेद वस्त्र पहनकर चावल और मिश्री का दान करना चाहिए।