शनि जयंती, बुढ़वा मंगल, ज्येष्ठ अमावस्या और वट सावित्री का यह अद्भुत संयोग मिटाएगा संताप

Shani Jayanti Budhwa Mangal Vat Savitri Yuti
Shani Jayanti Budhwa Mangal Vat Savitri Yuti

Shani Jayanti Budhwa Mangal Vat Savitri Yuti: आने वाली 27 में को एक बहुत ही शक्तिशाली और दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसमें चार बड़ी तिथियां साथ आ रही हैं। यह तिथियां है बुढ़वा मंगल, शनि जयंती ज्येष्ठ अमावस्या और वट सावित्री व्रत। यह शुभ संयोग धार्मिक दृष्टि से तो खास है ही साथ में ज्योतिष और आध्यात्मिक लिहाज से भी बहुत शक्तिशाली है।

इस दिन किए गए कर्मकांड जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, सुख और साथ ही वैवाहिक जीवन में मधुरता ला सकते हैं। इस लेख में हम इन चारों तिथियों के महत्व, इनके धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव और इस दिन किए जाने वाले प्रभावी उपायों पर चर्चा करेंगे।

बुढ़वा मंगल: हनुमान जी की विशेष कृपा का दिन

बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal) ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाले मंगलवार वे विशेष मंगलवार है जब हनुमान जी की पूजा का विशेष फल मिलता है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को शक्तिशाली और ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal) पर हनुमान जी की आराधना करने से मंगल दोष खत्म होते हैं और व्यक्ति अपने जीवन में आत्मविश्वास और साहस के दम पर शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है। 

इस दिन प्रभु हनुमान के भक्त जरूरी उपाय करके जीवन की अड़चनों को और नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं। बुढ़वा मंगल शनि जयंती और वट सावित्री की युति  (Shani Jayanti Budhwa Mangal Vat Savitri Yuti) के दौरान भक्त बुढ़वा मंगल के यह उपाय कर सकते हैं।

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बुढ़वा मंगल के उपाय

  • बुढ़वा मंगल शनि जयंती और वट सावित्री के इस विशेष संयोग के दिन स्नानादि से निवृत होकर हनुमान मंदिर जाएं और 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें इस पाठ के दौरान हनुमान जी को सिंदूर चमेली का तेल और लाल फूल अर्पित करें।
  • लाल कपड़े में मंगल यंत्र को स्थापित करके उसकी पूजा करनी है और इस पर लाल चंदन और लाल फूल चढ़ाएं।
  • इस खास संयोग पर मंगल ग्रह को शांत करने के लिए लाल मसूर की दाल मंदिर में या फिर किसी गरीब को दान करें।
  • बजरंगबली भगवान राम के परम भक्त हैं इसलिए इस दिन राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करने से बहुत ही बेहतर परिणाम मिलते हैं।
  • इस दिन व्रत करना बहुत ही फलदाई माना जाता है। इसलिए इस एक ही समय भोजन करें और मसूर की दाल और गुड़ से बनी मिठाई भोजन में शामिल करें
Budhwa Mangal 2025
Budhwa Mangal 2025

शनि जयंती: शनिदेव की कृपा से पाएँ ग्रह दोष से मुक्ति

शनि जयंती (Shani Jayanti) वह दिन है जब शनि देव का अवतरण हुआ था शनि देव कर्म फल का डाटा और न्याय का देवता लाते हैं। इस दिन शनि देव की आराधना करके उनकी साढ़ेसाती, ढैया और महादशा जैसे बुरे दोषों के प्रभाव से बचा जा सकता है। 27 मई 2025 को पड़ने वाला शनि जयंती, बुढ़वा मंगल, ज्येष्ठ अमावस्या और वट सावित्री का यह विशेष संयोग (Shani Jayanti Budhwa Mangal Vat Savitri Yuti) बहुत शक्तिशाली है। 

इस बार शनि जयंती (Shani Jayanti) मंगलवार के दिन है जिसके स्वामी भगवान हनुमान है हनुमान जी एकमात्र ऐसे देव माने गए हैं जो शनि के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इस दिन का लाभ उठाने के लिए शनि देव के यह उपाय किए जा सकते हैं- 

शनि जयंती के उपाय

  • चूँकि भगवान शिव शनि के स्वामी माने जाते हैं। इसलिए शनि जयंती (Shani Jayanti) पर शनि को शांत करने के लिए जल में दूध और काले तिल डालकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
  • सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दिया जलाएं और शनि मंत्र का जाप करें। दिया जलाते वक्त मौन रहे और दिया लगा कर जाने के बाद पीछे मुड़कर ना देखें। यह क्रिया भगवान शनि के प्रति पूर्ण समर्पण को दर्शाती है।
  • इन कार्मिक अशुद्धियों को मिटाने और शनि के सभी को प्रभावों को खत्म करने के लिए हनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ करें।
  • शनि जयंती (Shani Jayanti) के दिन गरीब व्यक्तियों को उड़द दाल से बने व्यंजन जैसे कचौरी, वड़े इत्यादि खिलाएँ। ऐसा करके आप पिछले जन्म के सब कर्म बंधनों से मुक्त हो जाएंगे।
  • शनि जयंती के दिन हनुमान मंदिर में जाकर आटे का दीया बनाकर सरसों के तेल का दीप लगे और हनुमान चालीसा का सात बार पाठ करें। ऐसा करने से भगवान हनुमान आपको सुरक्षा और साहस देंगे।
  • इस दिन शनि मंदिर में सरसों के तेल का पंचमुखी दीप जलाएं। साथ में काली तिल अर्पित करते हुए 108 बार “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
  • शनि जयंती के विशेष संयोग पर शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काले कपड़े लोहे की वस्तुएं और काले उड़द का दान किया जा सकता है।
  • इस विशेष संयोग पर शनि चालीसा और शनि स्त्रोत का पाठ करें। यह आपके जीवन की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करेगा।
  • इस दिन शनि देव की प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ाएं और दीप जलाएं। यह शनि देव की कृपा प्राप्त करने का एक असरदार उपाय है।
Shani Jayanti 2025
Shani Jayanti 2025

ज्येष्ठ अमावस्या पर करें पितृ तृप्ति व आध्यात्मिक शुद्धि 

ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya) आध्यात्मिक शुद्ध और पितरों की तृप्ति के लिए एक बहुत ही उत्तम अवसर है। इस दिन पितरों की पूजा और तर्पण करने से पितृ दोष का निवारण होता है और परिवार में शांति आती है। ज्येष्ठ अमावस्या शनि जयंती और बुढ़वा मंगल की युति (Shani Jayanti Budhwa Mangal Vat Savitri Yuti) 

के दिन शनि देव और हनुमान जी की पूजा करने से यह संयोग और भी शक्तिशाली हो जाता है। इस दिन आप ज्येष्ठ अमावस्या के निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं-

ज्येष्ठ अमावस्या के उपाय

  • ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya) के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर दक्षिण की ओर मुंह करके पितरों का तर्पण करें। तर्पण में काले तिल, जौ और पानी का प्रयोग करें।
  • इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए 108 बार चित्र गायत्री मंत्र अथवा “ॐ पितृभ्यो नमः” मंत्र का जाप करें।
  • इस दिन गरीब व्यक्तियों को भोजन कपड़े और काले तिल दान में दें। यह क्रिया पितृ दोष को शांत करने में मददगार है।
  • ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya) के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करते हुए जल अर्पित करें और उसकी सात परिक्रमा लगाएँ।
  • इस दिन घर में गंगाजल का छिड़काव करें और शांति पाठ करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी।
Jyeshtha Amavasya 2025
Jyeshtha Amavasya 2025

वट सावित्री व्रत लाएगा दांपत्य जीवन की खुशहाली 

सुहागन महिलाओं के लिए वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2025) बहुत ही महत्व रखता है इस दिन महिलाएं अपने पति के दीर्घ आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए यह व्रत करती है इस दौरान वे वट वृक्ष की पूजा करते हैं। इस दिन में सावित्री और सत्यवान की कथा का श्रवण करती हैं जिसमें सावित्री ने अपने पतिव्रत धर्म और तप के बल पर यमराज से अपने पति का जीवन दोबारा प्राप्त किया था। 

चूँकि इस 27 मई 2025 को वट सावित्री, शनि जयंती, बुढ़वा मंगल और ज्येष्ठ अमावस्या की अनूठी युति (Shani Jayanti Budhwa Mangal Vat Savitri Yuti) बन रही है तो इस दिन आप वट सावित्री के लिए उपाय कर सकते हैं।

वट सावित्री व्रत के उपाय

  • वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2025) के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर वटवृक्ष के नीचे बैठकर सावित्री सत्यवान की कथा सुनें और वृक्ष को कच्चा सूट लपेटते हुए 7 बार परिक्रमा करें।
  • इस व्रत के दिन सावित्री की मूर्ति या फोटो को स्थापित करके हल्दी, कुमकुम, फूल, अक्षत और मिठाई चढ़ाएं।
  • “ॐ सावित्र्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे दांपत्य जीवन में प्रेम और विश्वास बढ़ेगा।
  • इस दिन गरीब स्त्रियों को सुहाग की सामग्री जैसे बिंदी कुमकुम चूड़ी साड़ी और साथ में मिठाई का दान करें।
  • इस दिन व्रत का संकल्प लेकर दिन भर उपवास करें और शाम को पूजा के बाद फलाहार करूं या व्रत खोलें
Vat Savitri Vrat 2025
Vat Savitri Vrat 2025

निष्कर्ष

27 मई 2025 को पढ़ने वाले बुढ़वा मंगल शनि जयंती ज्येष्ठ अमावस्या पर सावित्री के सुखद संयोग कल आप उठाने के लिए इस आर्टिकल में बताए गए उपायों को जरूर करें और अपने जीवन के सभी विघ्न और बाधाओं को दूर करें। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं

FAQ-  Shani Jayanti Budhwa Mangal Vat Savitri Yuti

शनि के स्वामी कौन से देव माने जाते हैं?

भगवान शिव शनि के स्वामी माने जाते हैं।  इसलिए शनि जयंती के दिन जल में दूध और काले तिल डालकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण कैसे करें?

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन स्नान करके दक्षिण दिशा में मुँह को करके काले तिल, जौ और पानी से पितरों का तर्पण करें।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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