Languishing: जिंदगी नीरस लगती है या मन कहीं नहीं लगता है, कहीं आप लैंगविशिंग से तो नहीं जूझ रहे

6 Ways To Deal With Languishing
6 Ways To Deal With Languishing

Languishing: हम सबके जीवन में एक ऐसा दौर भी आता है जब सब कुछ बस ठीक-ठाक सा ही चलता रहता है। जीवन में न ही कोई बहुत बड़ी खुशियां में मिल रही होती हैं और ना ही किसी लक्ष्य की प्राप्ति के संघर्ष में लगे होते हैं। हमारा जीवन बस छोटी-मोटी घटनाओं के इर्द गिर्द घूम रहा होता है।

सुबह उठने पर कोई काम करने की इच्छा भी नहीं होती है और रात हो जाने के बाद यह लगता है कि चलो एक दिन और कट गया। यह अजीब सी नीरसता मन की सुस्ती और दिमाग के खालीपन की तरफ इशारा करती है। इसे ही लैंगविशिंग (Languishing) या अवसन्नता कहा जाता है।

क्या है लैंगविशिंग (Languishing)

लैंगविशिंग (Languishing) या अवसन्नता ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें हमारे अंदर का स्पार्क खत्म हो गया सा लगता है। जीवन एक बासीपन का शिकार लगता है और हम बस एक ही सवाल खुद से करते हैं “हम कर क्या रहे हैं और क्यों कर रहे हैं?”

कैसी बनती है ऐसी स्थिति (Languishing Symptoms)– लैंगविशिंग कोई बीमारी नहीं है ये एक मनोस्थिति है जिससे लगभग हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी रूबरू होता है। इसके पनपने की सबसे बड़ी वजह है हमारा ख़ुद के लिए समय न देना। जब हम एक तरह की जीवनचर्या एक तरह की बातें और एक तरह माइंडसेट को लगातार जीते जाते हैं तो ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है।

अपने अंदर से उठते इन सवालों को पहचानें 

  1. क्या आपको हर दिन एक जैसा लगता है?
  2. काम करने के बजाय टालने का मन करता है?
  3. क्या आपको खुद का जीवन नीरस लगता है?
  4. क्या आप अक्सर खोए खोए रहते हैं बातें देर से समझ आती हैं?
  5. क्या आप खुद की पर्सनेलिटी को भूलते जा रहे हैं?

अगर ये सवाल अक्सर मन में आते हैं तो आपके मन की स्थिति लैंगविशिंग (Languishing) की तरफ इशारा कर रही है।

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हम पर लैंगविशिंग (Languishing) का क्या असर होता है?

सबसे बड़ा असर होता है कि पहले जिन छोटी चीजों से खुशी मिलती थी वो मिलना बंद हो जाती है। हम अपना चिड़चिड़ापन अपने रिश्तों पर निकालने लगते हैं। बातचीत करने का मन नहीं होता,थकान बनी रहती है और नींद बड़ी मुश्किल से आती है। अगर आप लैंगविशिंग (Languishing) से ज्यादा दिन तक जूझते रहेंगे तो डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते हैं।

इससे बाहर कैसे निकलें– एक बात समझ लीजिए लैंगविशिंग(Languishing) एक मानसिक स्थिति है ठीक उसी तरह जैसे खुशी, दुख,उत्तेजना इत्यादि। बस इसमें दिक्कत ही होती कि हम इसमें फंस जाते हैं क्योंकि हमको इससे निकलने के तरीके नहीं पता होते हैं। इसलिए हम आपको कुछ तरीके बताएंगे जिन्हें आप अपना कर इस स्थिति से आसानी से निकल सकते हैं और अपने जीवन को खुलकर जी सकते हैं।

6 Ways To Deal With Languishing
6 Ways To Deal With Languishing

लैंगविशिंग (Languishing) से कैसे करें डील

  1. अपने लिए मी टाइम (Me Time) को निकालना शुरू करें, चाहे पूरे दिन में आप खुद के लिए 10 मिनट ही निकले लेकिन यह 10 मिनट जरूर निकालें। इन 10 मिनट में आप ध्यान कर सकते हैं,अपने पसंद की कोई चीज भी कर सकते हैं या कुछ भी ना करें बस ऐसे ही बैठे रहे। इन दस मिनटों में आपको अपने आसपास की हर चीज को भूलकर बस खुद को याद रखना है।
  2. कुछ बनाने ,सीखने पर ध्यान लगाएं, अगर आप अपने लिए इतना वक्त निकाल सकते हैं जिसमें आप कुछ सीख सकें या कुछ बना सकें तो यह क्रिया हर दूसरे तीसरे दिन जरूर करें। अगर आप अपनी रचनात्मकता को उभरने का समय देंगे तो यह लैंगविशिंग (Languishing) से उबरने में  बहुत कारगर होती है।
  3. अपने कुछ दोस्तों से अपनी बातें शेयर करें। छोटी बड़ी जैसी भी बात हो जो आपको लगातार खटक रही हो उसे दिमाग में ना रखें बल्कि अपने दोस्तों से कह डालें।
  4. एक काम जरूर करिए अपनी तारीफ करिए। जी हां यह अटपटा लगेगा लेकिन अब से आप खुद की तारीफ करेंगे चाहे खुद को आईने में देखकर तारीफ करें या खुद की तारीफ में कोई कविता लिखें या कुछ भी करके आपको खुद को खुश रखने की जिम्मेदारी दे देनी है।
  5. कई बार ऐसा होता है कि हम अपने रूटीन में भी ज्यादा बदलाव नहीं कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में चीजों को नए-नए नजरिए से देखना चाहिए। हर बात को अलग दृष्टिकोण से देखने का हुनर आपको इस अवस्था से बाहर निकालने में मदद करेगा और आप अपने जीवन के मज़े ले पाएंगे।
  6. कई बार हम घूमने की जगह पर नहीं जा सकते हैं। नए लोगों से नहीं मिल पाते हैं। यह बातें भी हमें खटकती हैं इसका तोड़ है मानसिक यात्रा। मानसिक यात्रा का अर्थ है ऐसी चीजों के बारे में जानकारी लेना। जिसके बारे में कुछ नहीं पता हो जैसे शहर, ऐतिहासिक जगहें,खाने की चीजें , अलग अलग देशों का रहन सहन। ट्रैवल ब्लॉग देखना भी काफी अच्छा अनुभव दे सकता है।

FAQ-  6 Ways To Deal With Languishing

Languishing का क्या अर्थ है?

Languishing जीवन में निराशा महसूस करना।

Languishing से बचने का क्या उपाय है?

Languishing से बचने के लिए खुद को खुश करने की एक्टिविटी करना चाहिए।

Anu Pal

मैं अनु पाल, Wisdom Hindi ब्लॉग की फाउंडर हूँ। मैं इंदौर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैं एक ब्लॉगर और Content Writer के साथ-साथ Copy Editor हूं और 5 साल से यह काम कर रही हूं। पढ़ने में मेरी विशेष रूचि है और मैं धर्म, आध्यात्म, Manifestation आदि विषयों पर आर्टिकल्स लिखती हूं।

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